हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल मची हुई है। राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को हिसार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दावा किया कि तीन विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद भाजपा की सरकार अल्पमत में आ गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने या फिर विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने की मांग की है। दुष्यंत ने कहा कि अगर सरकार गिरी तो जजपा विपक्ष का साथ देगी। भाजपा और जजपा के बीच सरकार बनाने के गठबंधन में दरार पड़ने के बाद से ही राज्य की राजनीति काफी गरमाई हुई है।
तीन विधायकों ने समर्थन वापस लिया
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा विधानसभा में कुल 88 विधायक हैं। तीन विधायकों ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है, जबकि दो अन्य विधायक पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। इस तरह से पांच विधायकों के घटने के बाद भाजपा की सरकार अल्पमत में आ गई है और सिंपल बहुमत से दूर हो गई है। इसलिए नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा देना चाहिए।
जजपा को सरकार गिराने में मिलेगा विपक्ष का साथ
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जब उनकी पार्टी भाजपा का समर्थन कर रही थी, तब ऐसी स्थिति नहीं थी। लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं और भाजपा कमजोर पड़ गई है। उन्होंने कहा कि वे विचार करेंगे कि क्या बाहर से विपक्ष का साथ लेकर भाजपा सरकार को घेरा जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी सोचना होगा कि भाजपा सरकार को गिराने के लिए उसे क्या कदम उठाने चाहिए।
तीन जजपा विधायकों को नोटिस जारी
दुष्यंत ने बताया कि उनकी पार्टी ने अपने तीन विधायकों को नोटिस जारी कर दिया है, जिन्होंने भाजपा का खुलकर समर्थन किया है। अभी तक इन विधायकों से कोई जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि बाद में वे विधानसभा स्पीकर से मिलकर इन विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की मांग करेंगे। उनके पास इन विधायकों के खिलाफ पोस्टर और वीडियो भी हैं।
उन्हें पहले से ही पता था सरकार सिर्फ 3 महीने ही चलेगी
दुष्यंत ने कहा कि जब भाजपा की नई सरकार बनी थी, तब पहली कैबिनेट मीटिंग में ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि उन्होंने 94 दिन का विजन तैयार किया है। इसका मतलब था कि उन्हें पहले से ही पता था कि उनकी सरकार सिर्फ 3 महीने ही चलेगी।
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