हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। गुरुवार को चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक विशाल कार्यक्रम में कांग्रेस सहित अन्य दलों के करीब 1000 नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने न केवल नए सदस्यों का स्वागत किया, बल्कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल को याद करते हुए उन्हें 'विकास पुरुष' की उपाधि से नवाजा।
कार्यक्रम में सबसे ज्यादा चर्चा में रहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं तोशाम से विधायक किरण चौधरी। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ली। इस दौरान कई सरपंच, पूर्व सरपंच, ब्लॉक समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, नंबरदार तथा गांवों के प्रभावशाली व्यक्ति भी भाजपा में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस अवसर पर कहा, "चौधरी बंसीलाल ने हरियाणा के विकास को एक नई दिशा दी। वे हमेशा सोचते थे कि हमारा हरियाणा कैसे आगे बढ़े। मुझे उनसे कई बार मिलने का अवसर मिला और हर बार कुछ न कुछ सीखने को मिलता था।" उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन सरकार के दौरान चौधरी सुरेंद्र सिंह से भी उनकी मुलाकातें होती रहीं।
किरण चौधरी ने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा, "मैं सीएम नायब सैनी की कायल हूं। हरियाणा में अगली बार नायब सिंह सैनी की सरकार आना तय है।" उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस केवल झूठ बोलती है और षड्यंत्र रचती है। इस कार्यक्रम में शामिल हुईं पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने कहा, "आज बहुत खुशी का दिन है। हम सब भाजपा को मजबूत करने के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विकास कार्य किए हैं, यही कारण है कि तीसरी बार सत्ता में भाजपा आई है।"
यह कार्यक्रम आगामी चुनावों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा ने इतनी बड़ी संख्या में नेताओं को पार्टी में शामिल करके अपनी स्थिति को और मजबूत करने का प्रयास किया है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े नेताओं का पार्टी में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
हालांकि, इस कदम से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का भाजपा में शामिल होना उसके लिए चिंता का विषय है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस स्थिति से कैसे निपटती है और क्या वह अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने में सफल होती है।
कुल मिलाकर, यह कार्यक्रम हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ लाने वाला साबित हो सकता है। भाजपा ने अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास किया है, जबकि विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया है। आने वाले समय में राज्य की राजनीति में और भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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