
हरियाणा का पानीपत शहर न केवल एक ऐतिहासिक शहर है, बल्कि यह शहर विश्व भर में “बुनकरों के शहर” और “वस्त्र शहर” के नाम से प्रसिद्ध है। इसे “कपड़ों के पुनर्चक्रण का वैश्विक केंद्र” होने के कारण “कास्ट-ऑफ कैपिटल” के रूप में भी जाना जाता है। आजादी के बाद स्थापित हैंडलूम व पिटरलूम इकाइयों ने तेजी से विस्तार करते हुए आधुनिक टैक्सटाइल उद्योग का रूप लिया है।
पानीपत की इस इंडस्ट्री में सूक्ष्म और लघु इकाइयों का है। इस समय इन इकाइयों की संख्या करीब 10 हजार से ज़्यादा है। इनमें डोमेस्टिक में बैडशीट, पर्दे, सोफा कवर, मेट, रजाइयां, कवर व कंबल तैयार होते हैं और एक्सपोर्ट में कारपेट, दरियां, मैट, बाथमेट, पर्दे व कंबल बनाए जाते हैं। पानीपत में बन रहे हैंडलूम प्रोडक्ट को विदेशों में भी काफी पसंद किया जा रहा है, जिसके चलते यहां के हैंडलूम प्रोडक्ट की खूब तेजी से बढ़ रही है और पानीपत के व्यापारियों के पास विदेशों से ऑर्डर आ रहे हैं।
नई कलर थीम पर काम शुरू
एक्सपोर्टर व हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एचसीसीआई) के चेयरमैन विनोद धमीजा कि पानीपत के एक्सपोर्टरों ने विदेशी खरीदारों द्वारा अगले सीजन के लिए भेजी गई कलर थीम पर काम करना शुरू कर दिया है, जिसके चलते पानीपत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर इन दिनों क्रीम, कॉफी, डार्क ब्लू व मस्टर्ड रंग छाया हुआ है। उल्लेखनीय है विदेशी खरीदारों ने अगले सीजन के लिए जो कलर थीम भेजी हैं, उनमें यही मुख्य रंग शामिल हैं। इसलिए, एक्सपोर्टरों ने उसी कलर थीम के अनुसार काम करना शुरू कर दिया है, जिसके तहत बाथमेट हो या दरी हो या फिर होम फर्निशिंग के अन्य आइटम अभी पानीपत में इन्हीं कलर के प्रोडक्ट बनते दिखेंगे।
बड़े खरीदारों को देखकर ही छोटे खरीदार भी कलर तय करते
वहीं इस बारे विस्तृत चेयरमैन विनोद धमीजा ने बताया कि यूएसए के वॉलमार्ट ने कलर स्कीम भेजी हैं। हम उसी के अनुरूप प्रॉडक्ट बना रहे हैं। धमीजा ने बताया कि वहां से जो हमें कलर मिले हैं, उसके अलग-अलग प्रॉडक्ट बना रहे। कलर को मिक्स भी कर रहे हैं और सिंगल कलर के प्रॉडक्ट भी बना रहे हैं। धमीजा ने कहा कि बड़े खरीदारों को देखकर ही छोटे खरीदार भी कलर तय करते हैं। छोटे खरीदारों के यहां से यही क्वेरी आ रही है।
अमेरिका ने कॉफी, क्रीम तो ऑस्ट्रेलिया वालों को डार्क ब्लू, रॉयल ब्लू की मांग भेजी
विनोद धमीजा ने बताया कि अमेरिका के खरीददारों द्वारा कॉफी, क्रीम, लाइट ग्रे, वेनीला, लाइट वेज यानी मिट्टी के कलर जैसा, इसके अलावा, डार्क पिंक और ब्लू थीम भी भेजी गई है। वहीं दक्षिण अमेरिका के देशों ब्राजील आदि भी यहीं पसंद करते हैं। यूरोपियन 20-22 देश भी अमेरिका को फॉलो करते हैं। साथ में उनकी पसंद चमकीले कलर की है। विनोद धमीजा ने बताया कि जापान, कोरिया, ताइवान, मलेशिया, दुबई वालों को यहीं कलर चाहिए। वहीं ऑस्ट्रेलिया वालों को डार्क ब्लू, रॉयल ब्लू, रेड और ब्लैक कलर की मांग भेजी।
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