सिरसा की सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर मांग की है कि सिरसा में थेहड़ से विस्थापित सैकड़ों परिवारों के स्थायी आवास का प्रबंध किया जाए। उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा है कि सिरसा नगर में स्थित थेहड़ की 85 एकड़ भूमि पर पुरातत्व विभाग ने अपना दावा करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में वाद दायर कर भूमि खाली कराने की अनुरोध किया था। हाईकोर्ट ने भूमि को खाली कराने का आदेश पारित किया साथ ही कहा था कि पहले विस्थापित होने वाले परिवारों के रहने का स्थायी प्रबंध सरकार द्वारा किया जाए।
न बिजली न ही सीवरेज की कोई व्यवस्था
पर, हरियाणा शासन-प्रशासन ने ऐसा कुछ न करते हुए पीड़ितों को आवासीय प्लाट देने का आश्वासन देकर वर्ष 2018 में 31.2 एकड़ भूमि पर बसे 753 परिवारों से भूमि को खाली करवाकर उन्हें सिरसा में ही हाऊसिंग बोर्ड के फ्लैट में बसाया गया। जहां पर उनको मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया, न पीने को पानी नसीब होता है, न बिजली न ही सीवरेज की कोई व्यवस्था थी।
पीड़ित विस्थापित बार-बार आवासीय प्लाट की मांग करते रहे पर उनकी अनसुनी की जाती, शासन-प्रशासन लोगों को गुमराह करता रहा कि उनके लिए फलां गांव में भूमि के लिए चयन कर लिया गया है पर आवंटन आज तक नहीं हुई। इतना ही नहीं हाऊसिंग बोर्ड ने फ्लैटस में रह रहे परिवार को फ्लैट की कीमत जमा कराने को कहा था।
पुरातत्व विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर भूमि खाली कराई
उधर पुरातत्व विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर शेष बची भूमि को भी खाली कराने के लिए कहा जहां पर 5000 से अधिक परिवार रह रहे हैं। कुछ सप्ताह पूर्व सरकार ने विभाग की से शेष भूमि पर रहने वाले लोगों का सर्वे करवाया गया। 19 जनवरी 2019 को पहले खाली कराई गई भूमि की पुरातत्व विभाग की ओर से खोदाई करवाई गई थी पर वहां पर कोई खास वस्तु या अवशेष नहीं मिले थे। हरियाणा सरकार इस जानकारी के साथ हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए शेष परिवारों को उजड़ने से बचा सकती है। या आपका मंत्रालय पीड़ितों को उजड़ने से बचा सकता है।
सरकार को पीड़ितों से किया गया अपना वायदा निभाना चाहिए
दूसरी ओर जिन्हें पहले विस्थापित किया गया था उनके लिए स्थायी आवास का प्रबंध करना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार अपनी इस जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती। सरकार को उनके लिए आवासीय प्लाट का प्रबंध करना चाहिए। आसपास की ग्राम पंचायतों में रिक्त पड़ी भूमि में इनके लिए आवासीय प्लाट काटे जा सकते है या हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट जहां पर मौजूदा पीड़ित विस्थापित रह रहे है उनके नाम अलॉट कर दिए जाए।
इसके लिए आपकी ओर से हरियाणा सरकार को पत्र लिखा जा सकता है। सरकार को इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए, सरकार को पीड़ितों से किया गया अपना वायदा निभाना चाहिए, क्योंकि आज के महंगाई के दौर में मकान बनाना बहुत मुश्किल है, जरूरतमंदों को छत उपलब्ध करवाना सरकार की जिम्मेदारी है।
अब तक स्थायी आवास के प्रबंध नहीं
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आठ सालों से थेहड़ से विस्थापित सात सौ से अधिक परिवार अस्थायी तौर पर हुडा सेक्टर में बने फ्लैटों में रह रहे हैं। उनके लिए सरकार ने अब तक स्थायी आवास के प्रबंध नहीं किए है। इतना ही नहीं वहां रह रहे लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद थेहड़ से विस्थापित परिवारों के लिए स्थायी आवास का प्रबंध किया जाएगा। कुमारी सैलजा द्वारा केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखने के बाद थेहड़ से विस्थापित परिवारों में आशा की किरण जागी है।
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