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The Haryana Story | सभी 90 सीटों पर ''मारामारी की बजाय'' मात्र 49 सीटों पर ''माइक्रो वर्किंग'' में जुटी भाजपा

सभी 90 सीटों पर ''मारामारी की बजाय'' मात्र 49 सीटों पर ''माइक्रो वर्किंग'' में जुटी भाजपा

17 दिन में दूसरी बार हरियाणा दौरे पर अमित शाह, दक्षिणी हरियाणा को साधने की प्लानिंग, जिसकी कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली है। शाह 16 जुलाई को दक्षिणी हरियाणा के सेंटर पॉइंट कहे जाने वाले महेंद्रगढ़ में आ रहे हैं। जहां वे एक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक के लिए जीटी रोड बेल्ट के बाद अब भाजपा ने दक्षिणी हरियाणा को साधने की प्लानिंग शुरू कर दी है। जिसकी कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली है। शाह 16 जुलाई को दक्षिणी हरियाणा के सेंटर पॉइंट कहे जाने वाले महेंद्रगढ़ में आ रहे हैं। जहां वे एक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। शाह का 17 दिन में हरियाणा का ये दूसरा दौरा होगा। इससे पहले वे पंचकूला में वर्कर सम्मेलन कर चुके हैं।

90 सीटों पर मारामारी नहीं बल्कि 49 सीटों पर माइक्रो वर्किंग   

हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। भाजपा इसकी भरपाई जीटी रोड और दक्षिणी हरियाणा से करने की कोशिश में है। जीटी रोड बेल्ट पर 30 और दक्षिणी हरियाणा में 19 विधानसभा सीटें हैं। अगर भाजपा ये सीटें जीतने में कामयाब रही तो हैट्रिक तय है। सभी 90 सीटों पर मारामारी के बजाय भाजपा इन्हीं 49 सीटों पर माइक्रो वर्किंग कर रही है। इनमें से 2-3 सीटें हार भी गए तो भाजपा को बहुमत मिल जाएगा। 

जीटी रोड बेल्ट साधने के लिए भाजपा ने क्या किया ?

हरियाणा की जीटी रोड बेल्ट शहरी इलाका है। इस बेल्ट में अंबाला, करनाल, पानीपत, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और कैथल जिलों की तकरीबन 30 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां पंजाबी वोटरों के अलावा जनरल कैटेगरी का वोट-बैंक है, जो अमूमन भाजपा के साथ रहता है। चूंकि लगातार 2 बार भाजपा सरकार बना चुकी है, इसलिए एंटी इनकंबेसी न हो, इसका तोड़ निकालने के लिए भाजपा ने तीन बड़े कदम उठाए हैं।

पहला कदम : नायब सैनी को सीएम बनाया

मनोहर लाल खट्टर की केंद्र में भूमिका तय करने के बाद भाजपा  ने नायब सैनी को सीएम बनाया। नायब सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद थे। उनका क्षेत्र इसी जीटी रोड बेल्ट में आता है। उन्हें चुनाव भी करनाल से लड़वाया ताकि इस बेल्ट से सीएम की कुर्सी कहीं दूसरी जगह न जाए।

दूसरा कदम : खट्टर को पहली बार में केंद्रीय मंत्री बनाया

साढ़े 9 साल सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर ने पहला लोकसभा चुनाव करनाल से जीता। फिर उन्हें केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया। खट्टर भी इसी जीटी रोड बेल्ट से आते करनाल से हैं। खट्टर को सीएम कुर्सी से हटाने के बाद पंजाबी वोट बैंक नाराज न हो, इसलिए केंद्रीय मंत्री बना उन्हें भी साध लिया।

तीसरा कदम : अध्यक्ष पद मोहन लाल बड़ौली को दिया 

भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नायब सैनी से अध्यक्ष पद लेकर मोहन लाल बड़ौली को दे दिया। बड़ौली सोनीपत की राई सीट से विधायक हैं। सोनीपत भी इसी जीटी रोड बेल्ट में आता है। बड़ौली को प्रधान बनाने का दांव तब खेला गया जबकि वे इसी साल हुआ लोकसभा चुनाव हार गए थे। उन्हें सिटिंग सांसद रमेश कौशिक की टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया था।

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