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राज्यसभा की कुर्सी पर नवीन जयहिंद का दांव

राज्यसभा की कुर्सी पर नवीन जयहिंद का दांव

रोहतक के युवा नेता ने विधायकों के नंबर किए सार्वजनिक, जनता से की फोन करने की अपील; राजनीतिक दलों में मची खलबली

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा में राज्यसभा की खाली हुई सीट को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस बीच रोहतक के युवा नेता नवीन जयहिंद ने एक अनोखा कदम उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर हरियाणा के सभी विधायकों के मोबाइल नंबर जारी कर दिए हैं। साथ ही जनता से अपील की है कि वे इन विधायकों को फोन करके अपनी समस्याएं बताएं। 

नवीन जयहिंद ने कुछ दिन पहले ही राज्यसभा चुनाव निर्दलीय लड़ने का ऐलान किया था। उनके इस फैसले के बाद से ही राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। सबसे पहले महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने उनका समर्थन किया। इसके बाद से जयहिंद के समर्थकों में जोश आ गया है। जयहिंद ने सोशल मीडिया पर लिखा, "अगर जनता को लगता है कि मैंने मुद्दों की लड़ाई लड़ी है, तो वे विधायकों को फोन करें। भले ही आप मेरे लिए समर्थन न मांगें, लेकिन अपनी समस्याओं और मांगों के लिए जरूर फोन करें।" उन्होंने यह भी कहा कि यह लड़ाई सम्मान और स्वाभिमान की है। 

इस बीच, राज्य के बड़े दलों में भी खलबली मची हुई है। कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के पास अकेले-अकेले राज्यसभा सीट जीतने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है। इसलिए दोनों दल एक-दूसरे पर गेंद फेंक रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। उन्होंने जेजेपी को अपना उम्मीदवार उतारने की सलाह दी है। वहीं जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय चौटाला ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारे, जेजेपी समर्थन देने को तैयार है। 

राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए किसी उम्मीदवार को कम से कम 10 विधायकों का समर्थन चाहिए होता है। अभी तक नवीन जयहिंद को सिर्फ एक विधायक का समर्थन मिला है। अगर उन्हें 10 विधायकों का समर्थन नहीं मिलता, तो वे चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। 

इस पूरे घटनाक्रम ने हरियाणा की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। नवीन जयहिंद के कदम ने लोगों का ध्यान खींचा है। उनकी यह रणनीति कामयाब होती है या नहीं, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन उन्होंने जनता और विधायकों के बीच सीधा संपर्क बनाने की कोशिश जरूर की है।

राज्य के कई लोगों का मानना है कि जयहिंद का यह कदम लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है। वहीं कुछ लोगों को लगता है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक चाल है। जो भी हो, इस घटना ने हरियाणा की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में क्या होता है। क्या नवीन जयहिंद को और विधायकों का समर्थन मिलेगा? क्या बड़े दल उनका साथ देंगे? या फिर राज्यसभा की यह सीट किसी बड़े दल के हाथ लगेगी? इन सवालों के जवाब जल्द ही सामने आएंगे।

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