केंद्र सरकार द्वारा आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटाए जाने से कांग्रेस नाखुश है। इस फैसले को लेकर कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने यह तक कह डाला कि अब नौकरशाह निक्कर में भी आ सकेंगे। अपने इस बयान के बाद जयराम रमेश भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।
हरियाणा के अंबाला में परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल ने जयराम रमेश के बयान पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उल्लेखनीय है कि सरकारी कर्मचारी अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे। केंद्र सरकार ने आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे प्रतिबंध को 58 साल बाद हटा दिया है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने अपने एक्स पोस्ट में प्रतिबंध हटाए जाने का दावा किया है।
कांग्रेस ने साझा किया ये स्क्रीनशॉट
जयराम रमेश ने कहा कि 1966 में सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था। यह सही भी था। नौ जुलाई 2024 को 58 साल पुराना प्रतिबंध हटा दिया, जो वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान भी लागू था।
कांग्रेस नेता ने 30 नवंबर, 1966 के मूल आदेश का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस और जमात-ए-इस्लामी की गतिविधियों से जुड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया था। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आदेश का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि 58 साल पहले केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाया था। मोदी सरकार ने उस आदेश को वापस ले लिया है।
कांग्रेसी इमरजेंसी और कत्लेआम पर कुछ नहीं बोलेंगे
असीम गोयल ने कांग्रेसी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि चाटुकारिता के मामलों में हर कांग्रेसी ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। असीम गोयल ने कहा कि आरएसएस राष्ट्र को मजबूत करने वाली सामाजिक संस्था है। असीम गोयल ने कहा कि आज जयराम रमेश जैसे कांग्रेसी इमरजेंसी,1984 के कत्लेआम और एक ही परिवार के काले कारनामों पर कुछ नहीं बोलेंगे। असीम गोयल ने कहा कि कई कांग्रेसी तो ऐसे हैं जो कहते हैं कि संघ की शाखा से हमें सीखना चाहिए। असीम गोयल ने कहा कि ऐसे बयान देना जयराम रमेश की मजबूरी है।
ये लहरें एक दूसरे को डुबो डुबो कर मारेंगी
हाल ही में ईडी द्वारा सोनीपत के विधायक को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल ने कहा कि ईडी अपना काम कर रही है। अगर आप ने कुछ गलत नहीं किया तो डर किस बात का।
वहीं दीपेंद्र हुड्डा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए असीम गोयल ने कहा कि कांग्रेस की लहर हर बार कांग्रेस को डुबो देती है। आज कांग्रेस में कितनी कांग्रेस हैं और कितनी लहर है और ये लहरें एक दूसरे को डुबो डुबो कर मारेंगी। असीम गोयल ने कहा कि वो दीपेंद्र हुड्डा को शुभकामनाएं देते हैं कि प्रदेश में तीसरी बार नायब सैनी के नेतृत्व में आमजन की सरकार बनने जा रही है।
58 साल बाद हटा प्रतिबंध
गौरतलब है कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्य सरकारें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस से जुड़े होने पर प्रतिबंध को पहले ही हटा चुकी हैं। गौरतलब है कि 30 नवंबर 1966 में केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इंदिरा गांधी के शासन के दौरान लगाए गए प्रतिबंध को नौ जुलाई को एक आदेश के अनुसार हटा दिया।
1948 में आरएसएस पर लगा था प्रतिबंध
भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर कार्मिक मंत्रालय के आदेश का स्क्रीन शाट साझा करते हुए पोस्ट किया, 58 साल पहले, 1966 में जारी असंवैधानिक आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था, मोदी सरकार ने वापस ले लिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पोस्ट किया, सरदार पटेल ने गांधी जी की हत्या के बाद फरवरी 1948 में आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया था।
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