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स्मार्ट सिटी की तर्ज पर सोनीपत के विकास का खाका तैयार, कई विभाग होंगे हाईटेक

स्मार्ट सिटी की तर्ज पर सोनीपत के विकास का खाका तैयार, कई विभाग होंगे हाईटेक

100 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तैयार होगा, जिससे यहां के कई विभाग हाईटेक होंगे, लाइव सर्विलांस होगा

प्रतीकात्मक तस्वीर

सोनीपत में लगभग 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तैयार होगा, जिससे यहां के कई विभाग हाईटेक होंगे। लाइव सर्विलांस होगा। जी हां, महानगर विकास प्राधिकरण ने स्मार्ट सिटी की तर्ज पर सोनीपत के विकास का खाका तैयार कर लिया है। बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था, सिटी सर्विलांस, स्मार्ट पार्किंग और अपराधियों को पकड़ने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर बनाने का फैसला लिया गया है।

कचरा प्रबंधन के लिए घरों में आरएफआइडी टैग लगाए जाएंगे

पहले चरण में सफाई, सीवरेज और कुछ सड़कों पर इसे शुरू किया जाएगा। कचरा प्रबंधन के लिए घरों में आरएफआइडी टैग लगाए जाएंगे। इससे घरों से निकलने वाले कूड़े को एकत्रित करने की प्रक्रिया का रियल टाइम प्रबंधन एवं निगरानी भी की जा सकेगी। इससे आपदा के समय तुरंत सहायता पहुंचाने और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम भी मजबूत हो जाएगा।

इसकी 24 घंटे लाइव फीड पुलिस कंट्रोल रूम को भी साझा की जाएगी। जिससे अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी। इस पूरे सिस्टम को आमजन से जुड़े सभी विभागों के साथ एकीकृत किया जाना है। प्रदेश में ऐसा सिस्टम अभी गुरुग्राम में ही पूरी तरह से लागू है। जबकि स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित शहरों में इस योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 

यातायात व्यवस्था में सुधार 

  • ट्रैफिक नियमों को तोड़ना मुश्किल होगा।
  • अगर कोई नियमों को तोड़ेगा तो उसका तुरंत चालान कट जाएगा।
  • कुछ ही मिनट में मोबाइल पर भी मैसेज पहुंच जाएगा।
  • नंबर ट्रेस होने के बाद चालान की हार्ड कापी भी डाक द्वारा भेजी जाएगी।
  • गलत दिशा या नो पार्किंग में खड़े वाहनों को भी मैसेज से अलर्ट मिलेगा। 

 

ये होगा फायदा 

वाहन दुर्घटना होने पर चंद मिनटों में घायल तक पुलिस एंबुलेंस की मदद को पहुंचेगी। पीड़ित व्यक्ति के वाहन का नंबर सर्च कर स्वजन को भी तुरंत सूचना भेजी जाएगी। पेयजल और सीवर में लीकेज होने पर संबंधित विभाग को सूचना मिलेगी। वाहन चालकों खाली पार्किंग की लोकेशन मिलेगी। वाहन के चोरी होने पर उसे पकड़ना आसान होगा। चोरी के वाहन सड़कों पर दौड़ेंगे तो उसे पकड़ लिया जाएगा। अपराधियों का चेहरा सिस्टम में होगा, कैमरे की जद में आते ही पकड़ा जाएगा।

अत्याधुनिक कैमरे लगेंगे

ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पहचान कैमरे(एएनपीआर) रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरे (आरएलवीडी) चेहरा पहचानने वाले कैमरे।

ऐसे करेगा काम

जानकारी मुताबिक इस प्रोजेक्ट के तहत प्रमुख सड़कों और चौक चौराहों पर लगे अत्याधुनिक कैमरों से निगरानी के लिए कमांड कंट्रोल सेंटर में स्क्रीन लगाई जाएंगी। जहां पर प्रत्येक कैमरे की लाइव फुटेज मिलेगी। इस सेंटर में तैनात कर्मचारी स्क्रीन पर नजर रखेंगे। जहां भी कोई गतिविधि होगी तो वहां स्क्रीन पर अलर्ट मिलेगा। स्क्रीन पर फोकस करके समस्या का पता लगाया जाएगा और संबंधित विभाग को तुरंत सूचना दी जाएगी।

कैमरे सिस्टम में फीड डाटा से सारी हिस्ट्री बता देगा 

अगर कोई चोरी का वाहन सड़कों पर घूमता है तो नंबर प्लेट पहचान कैमरे सिस्टम में फीड डाटा से इसकी सारी हिस्ट्री बता देगा। जिसे पुलिस की टीम इसे पकड़ लेगी। गुरुग्राम में इसी सेंटर की मदद से वाहन चाेरी के कई मामले सुलझाए जा चुके हैं। इसी तरह चेहरा पहचानने वाले कैमरे से सिस्टम में मौजूद अपराधियों का चेहरा मिलान हो जाएगा।

  • 17 लाख से ज्यादा है सोनीपत की आबादी
  •  2.50 लाख से ज्यादा वाहन रजिस्टर्ड हैं सोनीपत में
  • 01 से 02 वाहनों की चोरी रोजाना होगी। 
  • 20 थाने हैं जिले में, इनमें से चार थाने ट्रैफिक पुलिस के
  • 200 टन कचरा रोजाना उगलता है शहर
  • 500 किमी के करीब सीवरेज लाइन भी
  • 50 से ज्यादा वाहनों के रोजाना औसतन चालान काटे जाते हैं
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