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हरियाणा में कांग्रेस टिकट की होड़: 90 सीटों पर 2,556 दावेदार

हरियाणा में कांग्रेस टिकट की होड़: 90 सीटों पर 2,556 दावेदार

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा की सीट पर एकल आवेदन, जबकि नीलोखेड़ी में 88 उम्मीदवार; रिजर्व सीटों पर दिखी अधिक रुचि, परिवारवाद की झलक भी

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी में टिकट पाने की होड़ मची हुई है। पार्टी ने हाल ही में 90 विधानसभा सीटों के लिए आवेदन मांगे थे, जिसके जवाब में कुल 2,556 लोगों ने अपनी दावेदारी पेश की है। यह आंकड़ा राज्य में कांग्रेस के प्रति बढ़ते रुझान और चुनावी उत्साह को दर्शाता है।

सीटवार आवेदनों का विश्लेषण:

1. सबसे अधिक और सबसे कम आवेदन:

  • नीलोखेड़ी सीट पर सर्वाधिक 88 आवेदन प्राप्त हुए।
  • जुलाना से 86, बवानीखेड़ा से 78, बाढ़डा से 60 और उकलाना से 57 लोगों ने आवेदन किया।
  • पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई सीट पर केवल एक आवेदन, वो भी स्वयं हुड्डा का। 
  • देवीलाल परिवार की पैतृक सीट डबवाली से मात्र 4 आवेदन। 

2. रिजर्व सीटों पर विशेष ध्यान:

  • हरियाणा की 14 आरक्षित सीटों पर सबसे ज्यादा दावेदार सामने आए।
  • मुलाना में 45, शाहबाद में 56, गुहला में 45, नीलोखेड़ी में 88 आवेदन प्राप्त हुए।
  • लोकसभा चुनाव में भाजपा के रिजर्व सीटों पर कमजोर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस की यह रणनीति महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 

3. परिवारवाद और बहु-सीट आवेदन:

  • कई सीटों पर पिता-पुत्र या पति-पत्नी ने एक ही सीट पर दावेदारी जताई।
  • सिरसा में तीन पिता-पुत्र जोड़ियों ने आवेदन किया।
  • कुछ उम्मीदवारों ने एक से अधिक सीटों पर आवेदन किया। 

विशेष टिप्पणियाँ:

1. रणनीतिक महत्व: जननायक जनता पार्टी (जजपा) के प्रभाव वाली सीटों पर कांग्रेस की ओर से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह कांग्रेस की जजपा के वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति को दर्शाता है। लोकसभा चुनाव में भी इन सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा था। 

2. प्रमुख नेताओं की भूमिका: रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कैथल विधानसभा से किसी समर्थक का आवेदन नहीं करवाया है। अटकलें हैं कि वे खुद या अपने बेटे आदित्य सुरजेवाला को यहां से उतार सकते हैं। 

3. परिवारों के बीच प्रतिस्पर्धा: तोशाम सीट पर चौधरी बंसीलाल के पौत्र अनिरुद्ध चौधरी ने आवेदन किया है। कांग्रेस बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी (जो अब भाजपा में हैं) के सामने अनिरुद्ध को उतार सकती है।

इस व्यापक आवेदन प्रक्रिया के बाद, कांग्रेस अब दूसरे चरण के सर्वे में जुट गई है। पार्टी के लिए सही उम्मीदवारों का चयन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य होगा, क्योंकि उसे जीत की संभावना, स्थानीय प्रभाव और पार्टी के प्रति निष्ठा जैसे कारकों को संतुलित करना होगा।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस बड़ी संख्या में आवेदनों का किस प्रकार प्रबंधन करती है और कैसे अपने उम्मीदवारों का चयन करती है। यह प्रक्रिया न केवल पार्टी के भीतर की गतिशीलता को प्रभावित करेगी, बल्कि हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी।

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