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स्वच्छ सर्वेक्षण में हरियाणा नौ पायदान लुढ़ककर 14वें स्थान पर पहुंचा

स्वच्छ सर्वेक्षण में हरियाणा नौ पायदान लुढ़ककर 14वें स्थान पर पहुंचा

शहरों में लगे कूड़े के ढेर दिखा रहे हैं विकसित हरियाणा की तस्वीर, टॉप 100 में कोई शहर नहीं, स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर सरकारी धन की कर दी सफाई

सांसद कुमारी सैलजा

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक ओर हरियाणा सरकार दावा कर रही है कि उसने प्रदेश को इतना विकसित कर दिया है जितना पहले कभी नहीं हुआ था पर प्रदेश के हर शहर में लगे कूड़े के ढेर विकसित हरियाणा की तस्वीर पूरे देश को दिखा रहे हैं।

सरकार ने सफाई के नाम पर अरबों के बजट की ही सफाई कर दी, नगर पालिका, नगर निगम और नगर परिषदों में सफाई कर्मियों के पद आज तक नहीं भरे गए। हालात ये है कि स्वच्छ सर्वेक्षण में हरियाणा नौ पायदान लुढ़ककर 14वें स्थान पर पहुंच गया और टॉप 100 में उसका कोई शहर नहीं तक शामिल नहीं है, इस पर शर्मसार होने के बजाए सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। 

2021 में हरियाणा पूरे देश में दूसरे नंबर पर काबिज था

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग में हरियाणा को बड़ा झटका लगा है। 100 से कम शहरी स्थानीय निकाय वाले राज्यों की श्रेणी में हरियाणा पांचवें से 14वें स्थान पर आ गया है। जबकि 2021 में हरियाणा पूरे देश में दूसरे नंबर पर काबिज था। वहीं, एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की टॉप 100 की सूची में प्रदेश का कोई भी शहर जगह नहीं बना पाया है।

राज्य में पहले स्थान पर आए रोहतक ने राष्ट्रीय स्तर पर 109वां रैंक और सीएम सिटी करनाल ने 115वां रैंक हासिल की है। झज्जर की तीनों निकायों ने इस बार स्वच्छता रैंकिंग में प्रदेश में टॉप 05 में जगह बनाई है। इसमें सबसे ऊपर झज्जर की बेरी नगर पालिका है। बेरी नगर पालिका को इस बार प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल हुआ है। उत्तर भारत की जोन रैंकिंग में बेरी नपा को 47 रैंकिंग मिली है। 

साफ-सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित नहीं हो रही

उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की टॉप-100 की सूची में हरियाणा के पांच शहर शामिल थे। इनमें गुरुग्राम टॉप 20 में शामिल था। पिछले साल की रैंकिंग में गुरुग्राम 19वें, रोहतक 38वें, करनाल 85वें, पंचकूला 86वें और अंबाला 91वें स्थान पर था। रैकिंग में गिरावट इस बात का इशारा करती है कि हरियाणा के शहरों में साफ-सफाई की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित नहीं हो रही है। साल 2021 में हरियाणा ने 1745, 2022 में 1950 और 2023 में 1958 स्कोर प्राप्त किया।

अधिकारी और कर्मचारी इस बजट की राशि खुर्द-बुर्द करते रहे

इससे साफ है कि सरकार स्वच्छता की ओर ध्यान देने के बजाए उसकी अनदेखी करती रही, जबकि अधिकारी और कर्मचारी इस बजट की राशि खुर्द बुर्द करते रहे। अगर इसकी विजिलेंस जांच करवाई जाए तो एक बड़ा घोटाला निकलकर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन की ओर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया, जिस विभाग पर कई अहम जिम्मेदारी होती है उसे अधिकारियों और कर्मचारियों ने कमाई का अड्डा बनाकर रख दिया है, सरकार कार्रवाई करने के बजाए अनदेखी करती रही। ठोस कचरा प्रबंधन में राज्य को पहले 3510 में 1344 अंक प्राप्त हुए। 

कूड़ा निस्तारण के मामले में भी हरियाणा काफी कमजोर 

उन्होंने कहा कि सूखा-गीला कचरा कभी अलग अलग नहीं हुआ, कूड़ा निस्तारण के मामले में भी हरियाणा काफी कमजोर है, जितना कूड़ा निकल रहा है, उसका प्रबंधन काफी कमजोर रहा। निकायों व नगर पालिकाओं में सफाई कर्मचारियों की संख्या 30 हजार है, जबकि आबादी के हिसाब से जरूरत 70 हजार की है। कई नगरों में डस्टबिन वितरण के नाम पर घोटाले हुए, कभी बांटे ही नहीं गए पर खरीद लाखों में दिखाई, सरकार शिकायत मिलने पर भी कार्रवाई करने से बचती रही क्योंंकि उसके अपनों के हाथ काले हुए पड़े थे।

लोस चुनाव में दिखाया था ट्रेलर, विस चुनाव में दिखाएगा पूरी फिल्म

कंगना के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा भले ही स्वयं को किसान हितेषी होने का दावा कर रही हो पर उसकी रग रग में किसानों के प्रति जहर ही भरा हुआ है। भाजपा शासन में किसानों पर गोली चलवाई गई, किसानों को  आतंकवादी कहा गया पर अब चारों तरफ विरोध होता देख भाजपा अपने सांसद के शब्दों से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है।

देश का किसान बीजेपी के गलत कारनामों को नहीं भूलेगा। किसान अपने अपमान को भूलने वाला नहीं है। किसान विरोधी भाजपा को किसान हरियाणा विधानसभा चुनाव में करारा जवाब देगा, किसानों ने लोकसभा चुनाव में तो केवल ट्रेलर दिखाया था पर विधानसभा चुनाव में किसान भाजपा को पूरी फिल्म ही दिखाकर रहेंगे।

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