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BJP के दिग्गज नेता बढ़ा रहे पार्टी की टेंशन, टिकट की मांग लेकर शाह से मिले राव नरवीर सिंह

BJP के दिग्गज नेता बढ़ा रहे पार्टी की टेंशन, टिकट की मांग लेकर शाह से मिले राव नरवीर सिंह

हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार में मंत्री रहे राव नरवीर सिंह ने गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा से दावेदारी पेश की है, साथ ही उन्होंने यह भी दवा किया कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया गया, तो वह कांग्रेस का दामन थाम लेंगे

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता पार्टी की टेंशन बढ़ाते नजर आ रहे हैं। जी हां, हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार में मंत्री रहे राव नरवीर सिंह ने गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा से दावेदारी पेश की है, साथ ही उन्होंने यह भी दवा किया कि अगर उन्हें टिकट नहीं दिया गया, तो वह कांग्रेस का दामन थाम लेंगे। वह राज्य की हाईप्रोफाइल सीट बादशाहपुर से टिकट की मांग कर रहे हैं। 

राव नरवीर सिंह ने दिल्ली में अमित शाह से भी मुलाकात की

खास बात है कि इस सीट पर वरिष्ठ नेता सुधा यादव से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पूर्व ओएसडी समेत कई बड़े नेता दावेदारी कर रहे हैं।बादशाहपुर विधानसभा से टिकट की मांग को लेकर राव नरवीर सिंह ने दिल्ली में अमित शाह से भी मुलाकात की। वहीं इस मुलाकात के बाद से ही राव नरवीर सिंह ने कांग्रेस में जाने की अटकलों पर भी विराम लग गया। सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने विधानसभा चुनाव को लेकर राव नरवीर को हरी झंडी दे दी है।

भाजपा से टिकट के आश्वासन के बाद आतिशबाजी

अमित शाह से मुलाकात के बाद से ही राव नरवीर के घर जमकर आतिशबाजी भी की गई, माना जा रहा है कि भाजपा से टिकट के आश्वासन के बाद ही नरवीर सिंह के घर पर पटाखे फोड़े गए हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2019 में भाजपा के सिंबल पर राव नरबीर सिंह बादशाहपुर से चुनाव लड़ चुके हैं, हालांकि इस चुनाव में इन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी। वहीं आज जब शाह से मुलाकात के बाद राव नरवीर सिंह अपने घर पहुंच गए हैं, तो उनके घर पर समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा और जमकर आतिशबाजी की।

सिंह का दावा : बादशाहपुर विधानसभा सीट से वह ही जीतने वाले उम्मीदवार  

राव नरवीर सिंह ने कहा था कि कि वह इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘साल 2019 में मुझे टिकट नहीं मिला था। इस बार मैं निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैदान में सिर्फ दो ही पार्टियां हैं। तो अगर भाजपा मुझे टिकट नहीं देती है, तो मैं कांग्रेस में शामिल हो जाऊंगा।’

सिंह का दावा है कि बादशाहपुर विधानसभा सीट से वह ही जीतने वाले उम्मीदवार हैं। वहीं जानकारी के अनुसार पूर्व सांसद सुधा यादव विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता रहीं हैं। वह बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसके अलावा गुरुग्राम सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी बादशाहपुर और अहिरवाल के टिकट वितरण में सक्रिय नजर आ रहे हैं। 

क्यों खास है बादशाहपुर सीट 

मतदाताओं की संख्या के लिहाज से भी यह राज्य की सबसे बड़ी सीट है। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली 9 सीटों में से एक बादशाहपुर सेगमेंट में 4.5 लाख मतदाता हैं। रिपोर्ट में भाजपा के अनुमान के हवाले से बताया गया कि बादशाहपुर में करीब 1.25 लाख अहीर (यादव), 60 हजार जाट, 50 हजार अनुसूचित जाति के सदस्य, 35 हजार ब्राह्मण और 30 हजार पंजाबी हैं। साथ ही यहां गुज्जर, राजपूत और मुस्लिम वोटर भी हैं।

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