नामांकन दाखिल करवाने के बाद देवेंद्र कादियान के चुनाव प्रचार अभियान ने रफ्तार पकड़ ली है, देवेंद्र कादियान ने हल ही में एक पोस्टर भी जारी किया है, जिस पर लिखा है, गन्नौर में होगा न्याय।
इस वक्त हरियाणा में गनौर सीट एक हॉट सीट बनी हुई है, क्योंकि इस सीट पर एक आजाद उम्मीदवार और युवा नेता के पक्ष में चुनाव एकतरफा होता नज़र आ रहा है, हालांकि इस सीट पर भाजपा से पूर्व संसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक और कांग्रेस से पूर्व विधान सभा स्पीकर कुलदीप शर्मा मैदान है, लेकिन फ़िलहाल के रुझानों और स्थानीय जनता की रूचि के मुताबिक चुनाव देवेंद्र कादियान के पक्ष में होता नजर आ रहा है।
देवेंद्र का विश्वास : गन्नौर के जनता ही उनका साथ देगी
कहा कि गन्नौर की जनता की आवाज पर उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दर्ज करवाया है। साढ़े आठ साल तक जिस जनता की सेवा की, इस जनता की पुकार पर अब वह उम्मीदवार होंगे। उन्होंने एक बार फिर गन्नौर से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए। अब गन्नौर की जनता ही उन्हें जवाब देगी। देवेंद्र ने कहा कि जीतने के बाद जनता इसी तरह एकत्रित की जाएगी और उसी के बाद किसी पार्टी में जाने का फैसला लिया जाएगा। कादियान ने कहा कि गन्नौर की जनता की आवाज पर उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करवाया है और अब गन्नौर के जनता ही उनका साथ देगी।
कादियान का शक्ति प्रदर्शन गन्नौर के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण घटना
उल्लेखनीय है की देवेंद्र कादियान ने 12 सितंबर को नामांकन दाखिल किया था और उनकी जनसभा में उमड़ी भीड़ ने ये इशारा किया कि गनौर की जनता उन्हें एक विधायक के रूप में गनौर की सेवा करने जरूर मौका देगी। वहीं देवेंद्र कादियान का शक्ति प्रदर्शन गन्नौर के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण घटना माना जा रहा है। उनके समर्थकों का उत्साह और उनकी चुनावी योजनाएं यह संकेत देती हैं कि वे गन्नौर की राजनीति में एक अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
देवेंद्र कादियान की क्षेत्र में समाजसेवी की छवि
इस बीच, चुनावी गतिविधियों और उम्मीदवारों के बीच की प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है, और आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि गन्नौर की जनता किसे अपनी पसंदगी देती है। गौरतलब है कि देवेंद्र कादियान क्षेत्र में समाजसेवी की छवि रखते हैं। वह फ्री में एंबुलेंस चला रहे हैं, गरीब युवाओं की शिक्षा में भी सहयोग कर रहे हैं। कादियान ने कहा कि उनकी चुनावी यात्रा जनता की उम्मीदों और समर्थन पर आधारित है। उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव में उनकी जीत होती है, तो वे जनता के साथ मिलकर ही आगे की रणनीति बनाएंगे और किसी पार्टी में शामिल होने का निर्णय लेंगे।
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