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देवेंद्र कादियान ने कहा : लोगों के हितों की इस लड़ाई को वह किसी स्तर पर कमजोर नहीं पड़ने देंगे

देवेंद्र कादियान ने कहा : लोगों के हितों की इस लड़ाई को वह किसी स्तर पर कमजोर नहीं पड़ने देंगे

गन्नौर मेरा परिवार है, परिवार की सेवा करना मेरा कर्तव्य है, मेरा पूरा जीवन गन्नौर की सेवा को समर्पित है

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा की गनौर विधान सभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी देवेंद्र कादियान ने हलके के विभिन्न गांवों में चुनाव प्रचार अभियान के तहत आयोजित जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हलके की जनता के प्यार व आशीर्वाद ने उन्हें बहुत शक्ति प्रदान की है।

लोगों के हितों की इस लड़ाई को वह किसी स्तर पर कमजोर नहीं पड़ने देंगे। गन्नौर की 36 बिरादरी के आशीर्वाद से ही उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में कदम रखा है। अब 36 बिरादरी ही उन्हें आगे बढ़ा रही है। चुनाव में जीत दर्ज करके जनसेवा को बड़े स्तर पर करने की बड़ी योजनाएं बनाई जाएगी। 

नेताओं ने क्षेत्र की जनता के साथ भेदभाव किया

कादियान ने कहा कि अब तक नेताओं ने क्षेत्र की जनता के साथ भेदभाव किया है। क्षेत्र के विकास की अपेक्षा नेताओं ने अपना विकास करने या फिर परिवार को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि टिकट में उनके साथ धोखा और विश्वासघात किया गया है। गन्नौर हलके की जनता वोट की चोट से करारा सबक सिखाने को तैयार है। गन्नौर मेरा परिवार है। परिवार की सेवा करना मेरा कर्तव्य है। मेरा पूरा जीवन गन्नौर की सेवा को समर्पित है। यहां लोगों ने उनका जोरदार स्वागत तथा बुजुर्गों ने सिर पर हाथ रखकर जीत का आशीर्वाद दिया।

किसी भी तरह के विवाद से बचना है

देवेंद्र ने 5 अक्टूबर को अपने बूथ स्तर पर कार्य करने की बात कही और कहा कि सभी मेरे युवा साथी बूथ संभाल लें, अगर हम बूथ जीतते है तो चुनाव जीतने से कोई नहीं रोक सकता। कुछ लोग ओछी हरकत कर माहौल खराब करने का प्रयास करते है, सभी को शांत रहना है। आपस में भाईचारा कायम रहना चाहिए। किसी भी तरह के विवाद से बचना है। देवेंद्र कादियान ने कहा कि मैं गरीब जनता का और सर्व समाज का बेटा हूं। मेरे दरवाज़े क्षेत्र की जनता के लिए हमेशा खुले रहे, 36 बिरादरी को मान-सम्मान दिया।

विश्लेषण : क्या कहती है ग्राउंड रिपोर्ट

वहीं हलके के विभिन्न गांवों के ग्रामीणों का रुझान देवेंद्र के प्रति बढ़ता जा रहा है। हल्के की जनता का कहना है कि, पिछले भाजपा के पूर्व विधायक ने तो कभी गांवों में आकर भी नहीं देखा। उससे पहले कांग्रेस विधायक को भी मौका देकर देखा लिया, लेकिन अब ये नया चेहरा है और 8 -9 साल से हलके में सेवा भाव से काम रहा है। जरूरतमंदों-गरीबों की खूब सेवा की है और कर रहा है। कभी जात -पात, भेदभाव की बात नहीं करता।

देवेंद्र ने इतने साल भाजपा के लिए जी तोड़ काम किया, लेकिन एन वक़्त पर उसकी टिकट काट दी, जिससे उसके चाहने वालों, समर्थकों और हल्के की जनता में गहरा रोष है, जिसके चलते देवेंद्र को 36 बिरादरी ने अपना उम्मीदवार बना लिया। गनौर में इस बार कोई जातीय समीकरण चुनाव को प्रभावित नहीं करेंगे।

लोगों का कहना है कि अगर देवेंद्र को भाजपा से टिकट मिलती तो टक्कर भाजपा और कांग्रेस की बीच थी, लेकिन अब देवेंद्र कादियान की एक तरफा जीत होगी, क्योंकि अब वो लोग भी देवेंद्र की वोट देंगे जो भाजपा की टिकट पर इसको वोट नहीं देना चाहते थे। एक तरह से टिकट कटने से देवेंद्र को फायदा ही हुआ है, क्योंकि अब सर्व समाज उनके साथ है।  

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