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The Haryana Story | करनाल वैज्ञानिकों ने 1 साल पहले ढूंढा था क्षुद्रग्रह, अब नासा ने किया प्रमाणीकृत, इस पर नासा करेगा रिसर्च

करनाल वैज्ञानिकों ने 1 साल पहले ढूंढा था क्षुद्रग्रह, अब नासा ने किया प्रमाणीकृत, इस पर नासा करेगा रिसर्च

क्षुद्र ग्रह खोजने वाली दीक्षा के नाम पर रखा जा सकता है क्षुद्र का नाम, हरियाणा का पहला स्कूल जिसके क्षुद्रग्रह को नासा ने किया प्रमाणीकृत

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा के करनाल स्थित दयाल सिंह पब्लिक स्कूल के छात्रों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। दरअसल,अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा ने करनाल के स्कूली छात्रों को सिटीजन साइंटिस्ट चुना है। छात्रों के ग्रुप ने अंतरिक्ष में 11 क्षुद्र ग्रहों की खोज करने में सफलता हासिल की है। वहीं धरती से टकराने की आशंका के चलते नासा ने क्षुद्र ग्रहों की खोज को बेहद महत्वपूर्ण माना है। एडीसी वैशाली शर्मा ने छात्रों को सम्मानित किया। 

अब 6 साल रिसर्च होगी

बता दें कि IASC ( इंटरनेशनल एस्ट्रोनोमिकल सर्च Collaboration) की तरफ से NASA के सहयोग से अलग-अलग जगह एक प्रोग्राम चलाया गया, जिसमें पूरे देश से अलग-अलग स्कूलों ने हिस्सा लिया था। पिछले साल ये प्रोग्राम शुरू हुआ था और करनाल के दयाल सिंह पब्लिक स्कूल के बच्चों ने भी इसमें हिस्सा लिया था, जिनका मुख्य काम क्षुद्र ग्रह को खोजना था।  स्कूल के 88 बच्चे ने 4 अलग-अलग टीमों में ये क्षुद्र ग्रह खोजने का काम किया, जिन्होंने 11 क्षुद्र खोजे गए और अब उन 11 में से एक क्षुद्र ग्रह को नासा की तरफ से प्रमाणीकृत कर लिया गया है और उसे दूसरी स्टेज पर ले लिया गया है और उस पर अब 6 साल रिसर्च होगी।

खोजे गए TD-40 नामक शुद्र ग्रह को नासा के द्वारा प्रमाणीकृत किया   

दअरसल आसान भाषा में क्षुद्रग्रह वो होते हैं जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के पास चक्कर लगाते हैं और जब वो गुरुत्वाकर्षण बल छोड़ देते हैं और पृथ्वी की तरफ आते हैं और अगर वो पृथ्वी से टकरा जाएं तो उसका नुकसान भी हो सकता है। जिस टीम को ये क्षुद्र ग्रह खोजने की सफलता मिली है, उसका नाम आर्यभट्ट है। उनकी तरफ से खोजे गए TD-40 नामक शुद्र ग्रह को नासा के द्वारा प्रमाणीकृत किया गया है। इस क्षुद्र ग्रह पर नासा के द्वारा शोध कार्य किया जाएगा और इसका नाम इसे खोजने वाली छात्रा दीक्षा के नाम पर रखने की आशा जताई जा रही है।

प्रिंसिपल को अपने बाल वैज्ञानिकों पर गर्व

स्कूल प्रिंसिपल सुषमा देवगण ने कहा कि उन्हें बच्चों की इस उपलब्धि पर उन्हें बहुत गर्व है, की उन्होंने अपनी काबिलियत और योग्यता से ये सफलता प्राप्त की। वहीं सभी बच्चे और उनके पेरेंट्स खुश हैं, क्योंकि यह बच्चों की एक बड़ी उपलब्धि है, ये बच्चे अपने पेरेंट्स और स्कूल का धन्यवाद कर रहे हैं। वहीं इस टीम की सदस्य दीक्षा जिसने इसे खोजा था उसके लिए काफी हर्ष की बात है, देखना ये होगा कि आगे भी इन बच्चों की कौन कौन सी सफलता देखने को मिलती है।

खोजे गए क्षुद्र ग्रह ब्रह्माण्ड में पृथ्वी की तरफ बढ़ रहे  

नासा द्वारा चुने गए सिटीजन साइंटिस्ट आगे भी रिसर्च करेगे। खोजे गए 8 क्षुद्र ग्रहों का नामकरण भी नासा छात्रों के नाम और भारत से जोड़कर करेगा। वही इस रिसर्च में शामिल छात्र और स्कूल प्रबंधन इस सफलता पर उत्साहित है। छात्रों की ये खोज एस्ट्रॉयड की पृथ्वी से टक्कर को रोकने और उनकी दिशा बदलने में नासा को अहम मदद देगी।

बता दें, करनाल के दयाल सिंह पब्लिक स्कूल के 88 छात्रों के ग्रुप ने अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा के सहयोग से रिसर्च का कार्य करते हुए अंतरिक्ष में 11  नए क्षुद्र ग्रहों की खोज की है। खोजे गए क्षुद्र ग्रह ब्रह्मांड में पृथ्वी की तरफ बढ़ रहे है। आशंका है कि भविष्य में ये ग्रह पृथ्वी से टकरा सकते है। ऐसे में पृथ्वी की तरफ बढ़ रहे इस खतरे को देखते हुए नासा ने छात्रों की खोज को बेहद महत्वपूर्ण माना है। 

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