
प्रदेश की भाजपा सरकार जनता को गुमराह करने के लिए सरकार झूठी घोषणाएं करती है पर बाद में उन्हें भूल जाती है, जिन घोषणाओं को शुरू भी किया जाता है बाद में वे धन के अभाव में दम तोड़ देती है, आयुष्मान योजना का सरकार की ओर प्रदेश के 700 अस्पतालों की 450 करोड़ रूपये की राशि बकाया है, राशि का भुगतान न करने पर तीन फरवरी से इन अस्पतालों ने आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज करने से इंकार दिया है, सरकार को यह चेतावनी गंंभीरता से लेनी चाहिए नहीं तो उपचार के अभाव में जरूरतमंद का जीवन संकट में पड़ सकता है। उक्त बातें सांसद कुमारी सैलजा ने कही।
रेगुलर चेकअप से लेकर सर्जरी तक सब शामिल
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत लोगों का इलाज करने वाले करीब 700 अस्पतालों का 450 करोड़ों रुपये सरकार की ओर बाकी हैं, जिसके चलते आईएमए की हरियाणा इकाई ने ऐलान किया कि राज्य के 700 निजी अस्पतालों में आगामी 03 फरवरी से केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं किया जाएगा।
कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में लगभग 1,300 अस्पताल आयुष्मान भारत के साथ लिस्टेड हैं, और उनमें से 700 प्राइवेट हॉस्पिटल हैं। हरियाणा में लगभग 1.2 करोड़ लोग इस योजना के तहत पंजीकृत हैं, जिसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2018 में प्रति परिवार 05 लाख रुपये तक मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए शुरू किया था। इस योजना में रेगुलर चेकअप से लेकर सर्जरी तक सब शामिल है।
आवश्यक धन के बिना हमारे अस्पतालों को चलाना असंभव
कुमारी सैलजा ने कहा कि पहले भी धनराशि का भुगतान न होने पर इस योजना के तहत सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों ने मरीजों का इलाज करने से ही इंकार कर दिया था। प्राइवेट अस्पतालों का तर्क है कि राज्य सरकार द्वारा महीनों में भुगतान में देरी के कारण अस्पताल अपने खर्चों का मैनेजमेंट करने में असमर्थ थे, आवश्यक धन के बिना हमारे अस्पतालों को चलाना असंभव हो गया है।
प्रतिपूर्ति की गति धीमी है, और नए बिल जमा होते रहते हैं, उनका भुगतान तुरंत जारी किया जाना चाहिए। सैलजा ने कहा कि सरकार को इस दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए अगर कही प्राइवेट अस्पतालों ने मरीजों का उपचार बंद किया तो न जाने कितने मरीजों का जीवन संकट में पड़ सकता है।
तथाकथित प्राइवेट अस्पताल संचालकों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए
कुछ प्राइवेट अस्पताल कार्ड के नाम पर करते है मरीजों का शोषण आयुष्मान योजना के तहत जरूरतमंदों को मिले कार्ड को लेकर भी कुछ प्राइवेट अस्पताल मरीजों का शोषण कर रहे हैं, पहले कार्ड को देखकर मरीज को दाखिल कर लिया जाता है बाद में कार्ड मैच नहीं हो रहा है, या अन्य कोई तकनीकी खराबी बताकर मरीज से नकद भुगतान ले लिया जाता है।
या मरीज के तीमारदारों को बाहर से दवाएं खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। ये दवाएं भी बताए गए मेडिकल स्टोर से ही खरीदकर लानी होती है अगर किसी अन्य स्टोर से दवा खरीदी तो मरीज का उपचार ही करने में आनाकानी की जाती है। कार्ड होते हुए भी मरीजों का उत्पीड़न और शोषण करने वाले तथाकथित प्राइवेट अस्पताल संचालकों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए।
related


सिरसा के नवनिर्वाचित चेयरमैन को 'ये क्या' कह गए विधायक गोकुल सेतिया, राजनीतिक गलियारों में मचा बवाल

चौटाला परिवार ने कार्यकर्ताओं संग मनाई होली, दादा-पोता ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- 'कांग्रेस स्लीपिंग मोड में'

सैलजा का आरोप : पिछड़े वर्ग के लिए तय आरक्षण को नियमों और शर्तों के दांव-पेंच में उलझा रही सरकार
Latest stories

मुख्यमंत्री ने 'एक ही क्लिक' में सैंकड़ों जरूरतमंदों को दिया आर्थिक मदद का तोहफा, 7.48 करोड़ रुपए की राशि जारी
.webp)
'पानी मुद्दे' पर हरियाणा में हुई सर्वदलीय बैठक, मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़े सभी दल - 'अपना हक लेकर रहेंगे'

केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री और राजेश नागर ने फरीदाबाद में किया करोड़ों रुपयों के विकास कार्यों का शुभारंभ