
हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनीकुंड बैराज का रिवर बेड लगातार नीचे जा रहा था, जिसके चलते स्ट्रक्चर को खतरा पैदा होने लगा था। अगर यमुना में पानी ज्यादा आता तो बैराज को भारी क्षति हो सकती थी। इसी को लेकर पिछले काफी समय से हरियाणा सिंचाई विभाग के अधिकारी चिंतित थे। इसी को लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सीडब्ल्यूसी के पास फरियाद लगाई।
इस कार्य के लिए 146 करोड़ की राशि अलॉट कर दी
पुणे की एजेंसी ने आकर मौके का मुआयना किया। इसके बाद सीडब्ल्यूसी ने डिजाइन तैयार करके सिंचाई विभाग को सौंप दिया। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा हुई और मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस कार्य के लिए 146 करोड़ की राशि अलॉट कर दी।
बैराज के स्ट्रक्चर को बचाने का काम शुरू कर दिया
यमुनानगर में स्थित हथिनी कुंड बैराज के माध्यम से देश के पांच राज्यों को पानी की सप्लाई होती है। बैराज से संबंधित जो भी मामला होता है वह सीडब्ल्यूसी के पास ही जाता है। इसलिए इस मामले में सीडब्ल्यूसी के आदेश के बाद बैराज के स्ट्रक्चर को बचाने का काम शुरू कर दिया गया है।
बता दें कि 1998 में तत्कालीन बंसीलाल सरकार ने हथिनी कुंड बैराज का रिकॉर्ड 3 वर्ष में निर्माण करवाया था। जब ताजेवाला हेडवर्क्स 1978, 1998 की बाढ़ के बाद बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। ताजेवाला हेडवर्क्स 128 वर्ष तक अपनी सेवाएं देता रहा। जबकि हथिनी कुंड बैराज 24 वर्षों में ही क्षतिग्रस्त होने लगा था। जिसको लेकर उसे बचाने के लिए 146 करोड़ की लागत से कार्य किया जा रहे हैं।
हथिनी कुंड बैराज स्ट्रक्चर की सेफ्टी के लिए बनाई जाएगी
सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आर एस मित्तल ने बताया कि भारत में यह ऐसी पहली दो मीटर की वाल बनेगी जो हथिनी कुंड बैराज स्ट्रक्चर की सेफ्टी के लिए बनाई जाएगी। यह 21 मीटर गहरी होगी और 2 मीटर चौड़ी होगी। इससे पहले बैराज के स्ट्रक्चर की सेफ्टी के लिए डेढ़ मीटर की वाल बनाई जाती रही है।
लेकिन पहली बार 2 मीटर की वॉल बनाई जा रही है, ताकि आने वाले 40 से 50 वर्षों तक बैराज को कोई नुकसान ना हो। उन्होंने बताया कि हथिनी कुंड का रिवर बेड जब बैराज का निर्माण हुआ 329 मीटर था और वह धीरे-धीरे 314 मीटर पर आ गया। यानी 15 मीटर का अंतर आ गया। इसी के चलते हथिनी कुंड बैराज स्ट्रक्चर को खतरा पैदा होने लगा था।
वेस्टर्न जमुना कैनाल की क्षमता भी बढ़ाई जा रही
इसके अलावा हरियाणा में पानी की सप्लाई को बढ़ाने के लिए वेस्टर्न जमुना कैनाल की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। वहीं इस नहर के किनारों को पक्का किया जा रहा है। आर एस मित्तल ने बताया कि इस नहर की क्षमता 17000 क्यूसेक से बढ़कर 24000 क्यूसेक की जा रही है। नहर को पक्का करने से जहां लगभग 400 क्यूसेक पानी वेस्ट जाता था वह पानी सिंचाई में एवं अन्य कार्यों में काम आएगा।
सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ने बताया कि यमुना के साथ लगते इलाकों में बाढ़ से इलाकों को बचाने के लिए 46 और कार्य किए जाने हैं, जिसके लिए प्रोजेक्ट बनाया गया है, जल्दी ही इसके लिए मुख्यमंत्री से बातचीत करके अनुमति ली जाएगी, ताकि लोगों को बाढ़ के दिनों में काम से कम नुकसान हो।
related

.webp)
'पानी मुद्दे' पर हरियाणा में हुई सर्वदलीय बैठक, मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़े सभी दल - 'अपना हक लेकर रहेंगे'

केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री और राजेश नागर ने फरीदाबाद में किया करोड़ों रुपयों के विकास कार्यों का शुभारंभ
.webp)
गुरुग्राम में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए खुद फील्ड में उतरे मंत्री, बनाया फुल प्रूफ प्लान, अधिकारियों की खैर नहीं
Latest stories

मुख्यमंत्री ने 'एक ही क्लिक' में सैंकड़ों जरूरतमंदों को दिया आर्थिक मदद का तोहफा, 7.48 करोड़ रुपए की राशि जारी
.webp)
'पानी मुद्दे' पर हरियाणा में हुई सर्वदलीय बैठक, मुख्यमंत्री के साथ मजबूती से खड़े सभी दल - 'अपना हक लेकर रहेंगे'

केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री और राजेश नागर ने फरीदाबाद में किया करोड़ों रुपयों के विकास कार्यों का शुभारंभ