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The Haryana Story | यमुना क्षेत्र के जिलों में फैल रही है बीमारियां, तबाह हो रही है फसलें, मर रहे मवेशी, ये है वजह

यमुना क्षेत्र के जिलों में फैल रही है बीमारियां, तबाह हो रही है फसलें, मर रहे मवेशी, ये है वजह

हरियाणा में 113 फैक्ट्रियों का गंदा पानी यमुना नदी को कर रहा है प्रदूषित, घग्घर नदी का प्रदूषित जल बन रहा है कैंसर का सबसे बड़ा कारण : कुमारी सैलजा

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रदेश की भाजपा सरकार की उदासीनता के चलते यमुनानगर का जल प्रदूषित होता जा रहा है, इस नदी में प्रदेश में करीब 113 फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त गंदा पानी बिना ट्रीट किए यमुना में डाला रहा है। जनजनित रोग फैल रहे है, फसलें खराब हो रही है और मवेशी मर रहे हैं। तो दूसरी ओर घग्गर नदी प्रदूषित जल सबसे ज्यादा कैंसर का कारण बन रहा है, हजारों लोग इसकी चपेट में आ गए है। सरकार को इस दिशा में सख्त कदम उठाते हुए नदी को प्रदूषित करने वालों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। उक्त सांसद कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कही। 

फैक्ट्रियों से गंदा पानी निकलकर सीधे यमुना में मिल रहा

सैलजा ने कहा अभी हरियाणा राज्य केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट में सामने आया कि इंडस्ट्रियल एरिया की फैक्ट्रियों के एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी की जांच में अनियमितताएं पाई गई हैं। यानि पानी हरियाणा में यमुना नदी का पानी दूषित हो रहा है। प्रदेश में 113 फैक्ट्रियों का गंदा पानी सीधे यमुना में डाला जा रहा है। यमुनानगर, सोनीपत और पानीपत में औद्योगिक क्षेत्र में चल रही फैक्ट्रियों से गंदा पानी निकलकर सीधे यमुना में मिल रहा है। 

यमुनानगर से ही इस नदी का जल प्रदूषित होना शुरू हो जाता

हथिनी कुंड बैराज से निकलने वाली यमुना नदी सबसे पहले यमुनानगर में प्रवेश करती है, बाद में करनाल, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद से होकर गुजरती है। इस नदी की कुल लंबाई 1317 किलोमीटर है जबकि हरियाणा में कुल लंबाई 320 किलोमीटर है। यमुनानगर में 65 किलोमीटर का सफर तय करती है। यमुनानगर से ही इस नदी का जल प्रदूषित होना शुरू हो जाता है। एसटीपी के बाद भी पानी नहर में नहीं छोड़ा जा सकता। यमुना नदी का जल प्रदूषित होने से लोगों की धार्मिक आस्था भी आहत हो रही है। 

यमुना नदी क्षेत्र में कई नाले नदी में गिर रहे

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार औद्योगिक इकाइयों से निकल रहे केमिकल युक्त पानी व सीवरेज के बहाव को रोकने के आदेश तो देती है पर उस पर अमल नहीं करती। यमुना नदी क्षेत्र में कई नाले नदी में गिर रहे हैं। यह दूषित पानी सिर्फ नदी के पानी को ही प्रदूषित नहीं कर रहा है, इससे भूजल भी प्रदूषित हो रहा है। इसके साथ ही केमिकल युक्त पानी के कारण जलीय जीवों का जीवन संकट में है।

गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़

दूसरी ओर  केमिकल युक्त दूषित पानी से जल जनित रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है। हैवी मेटल (इंडस्ट्री से निकलने वाला दूषित पानी) से कैंसर, दिमाग का विकसित नहीं होना, किडनी फेल होना, फेफड़ों सहित अन्य बीमारी हो जाती है। कुमारी सैलजा ने कहा कि गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़ का किसी को हक नहीं हैं। सरकार को ऐसी फैक्ट्री संचालकों पर कार्रवाई करनी चाहिए तो यमुना को प्रदूषित कर रहे है।

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