
आखिरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तमाम अटकलों और कयासों के बाद भारत से 26 फीसदी टैरिफ वसूलने की घोषणा कर दी। इसका असर देश के व्यापार और शेयर बाजार दोनों पर देखने को मिलेगा। इसके साथ ही कई भारतीय कंपनियों को व्यापार में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। खासकर कृषि, केमिकल, फार्मा और ऑटो सेक्टर्स पर असर दिखाई देगा साथ ही मिल्क प्रोडक्ट्स और आभूषण भी महंगे हो जाएंगे। यह बातें कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कही।
व्यापार में उठाना पड़ सकता है नुकसान
कुमारी सैलजा ने कहा कि इस टैरिफ से भारत की कई कंपनियों और सेक्टर्स को व्यापार में नुकसान उठाना पड़ सकता है। इनमें कृषि, केमिकल, फार्मा, मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियां और ऑटो इंडस्ट्री शामिल है। कुमारी सैलजा ने कहा है कि इन सेक्टर्स में उच्च शुल्क अंतर के कारण अमेरिकी प्रशासन से अतिरिक्त सीमा शुल्क का सामना करना पड़ सकता है (उच्च शुल्क अंतर किसी उत्पाद पर अमेरिका और भारत द्वारा लगाए गए आयात शुल्कों के बीच का अंतर है)। क्योंकि व्यापक क्षेत्र स्तर पर, भारत और अमेरिका के बीच संभावित शुल्क अंतर विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग है।
आभूषणों की कीमतें बढ़ेंगी व प्रतिस्पर्धा कम होगी
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि 18.149 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के दुग्ध उत्पादों के निर्यात पर 38.23 प्रतिशत के अंतर का ‘‘गंभीर’’ असर पड़ सकता है, जिससे घी, मक्खन और दूध पाउडर महंगे हो जाएंगे और अमेरिका में उनकी बाजार हिस्सेदारी कम हो जाएगी। देश की ऑटो इंडस्ट्री पर ट्रंप के टैरिफ का ज्यादा असर होगा क्योंकि उनका काफी बिजनेस नॉर्थ अमेरिका से आता है। इसके अलावा, औद्योगिक वस्तुओं के क्षेत्र में अमेरिकी टैरिफ से औषधि, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक सहित कई क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं, जिससे आभूषणों की कीमतें बढ़ेंगी व प्रतिस्पर्धा कम होगी।
देश में रोजगार के अवसर भी कम होंगे
उन्होंने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना खास मित्र कहते है और उनके लिए अमेरिका में चुनाव प्रचार के लिए भी गए थे, लेकिन भारत की गलत नीतियों के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति ने फायदा उठाते हुए और मनमानी करते हुए टैरिफ बढ़ा दिया। इससे साफ है कि एक ओर जहां मंहगाई बढ़ेगी वही देश में रोजगार के अवसर भी कम होंगे।
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