उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सूरजकुंड मेले में एक पुस्तक का विमोचन किया, जिसका शीर्षक है “हरियाणा सरकार के नौ अतुलनीय वर्ष: एक नए और जीवंत हरियाणा का उदय।” यह पुस्तक हरियाणा सरकार के नौ वर्षों के दौरान की उपलब्धियों के बारे में बताती हैं । यह पुस्तक अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों में उपलब्ध होगी। इस मौक़े पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा यह पुस्तक बाक़ी पुस्तकों से हटकर
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने उप राष्ट्रपति का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह उनके लिए यह बहुत ही गर्व का समय है कि राज्य सरकार के द्वारा पिछले नौ वर्षों में जो भी काम किए गए हैं आज उसके ऊपर पुस्तक का विमोचन हैं। मुख्यमंत्री का कहना था कि जब भी कोई पुस्तक लिखी जाती है उसका कोई कारण होता हैं, यह पुस्तक बाक़ी पुस्तकों से अलग हटकर है क्योंकि इस पुस्तक में सरकार के द्वारा किसी बदलाव के लिए किए गए कार्यों के बारे में वर्णन होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि इस पुस्तक की प्रस्तावना पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी ने लिखी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उनके नौ वर्ष के कार्यकाल में को कुछ शब्दों में सामने रखना हो तो उसमें वो बात करेंगे सात एस की जिनमें है - “शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान, सुशासन और सेवा।”
राज्यपाल ने कहा पारदर्शिता है हरियाणा की आगे बढ़ने का कारण
राज्यपाल भंडारू ने संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा देश के बाक़ी राज्यों से आगे है और उसका एक ही मूलमंत्र है वो है पारदर्शिता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी ने एक नया सपना दिखाया है वो है “हरियाणा एक- हरियाणवी एक।” राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने भारत बेनिफिट ट्रांसफर के रूप में उस ग़रीब से ग़रीब लोगों को शिक्षा स्वास्थ्य और बाक़ी सुविधाएँ प्रदान की हैं।
हरियाणा आज देश में रोल मॉडल- उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उप राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे ये तो नहीं पता था की पुस्तक में क्या है लेकिन मुझे ये पता था कि हालात क्या है, ज़मीनी हक़ीक़त क्या है, और बदलाव क्या हुए हैं इसीलिए मैंने यहाँ आने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बताए गए सात सिद्धांत सात्विक हैं और प्रजातांत्रिक मूल्यों के लिए अति आवश्यक हैं। उन्होंने हरियाणा को ट्रांसपैरेंट अकाउंटटेबल और ऑनेस्ट भर्तियों के लिए देश में आज का रोल मॉडल बताया। उन्होंने कहानी था कि मुख्यमंत्री का एक ही सिद्धांत है ‘सब कुछ राज्य के लिए, सब कुछ लोगों के लिए और ख़ुद के लिए कुछ भी नहीं।’ उन्होंने चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि वैसे तो उप राष्ट्रपति द्वारा पुस्तक का विमोचन करने पर बहुत विवाद हो जाते हैं लेकिन उन्होंने इस पुस्तक का विमोचन करके यह ख़तरा मोल ले लिया है।
अब नौकरियां मैरिट के आधार पर
उन्होंने कहा कि पहले बच्चों को यह लगता था कि नौकरी उन्हें योगिता और मैरिट से नहीं मिलेगी, उसके लिए उन्हें कोई दूसरा रास्ता अपनाना पड़ेगा लेकिन अब यह जानकर ख़ुशी होती है कि यह कार्य जो कि बहुत मुश्किल था, यह बदलाव आ ही गया हैं। ऐसे समय में सबसे ज़्यादा आपके इर्द गिर्द जो लोग हैं वहीं आप पर सवाल खड़े करते हैं कि “सत्ता में क्यों आए हो, दशकों की संस्कृति क्यों ख़राब कर रहे हो, दोबारा चुनाव जीतकर नहीं आना है क्या और अपने लोगों को नौकरी नहीं देंगे तो हमें सपोर्ट कौन करेगा।” “परिवार और समाज की चुनौतियों से अलग हटना आसान नहीं था, लेकिन मनोहर लाल जी ने पूरे हरियाणा को अपना परिवार माना और ये करके दिखा दिया और इसका संकेत पूरे देश में गया हैं।” उन्होंने सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि अब मिडल मैन का कोई काम सरकार ने छोड़ा ही नहीं है।“आज के दिन जैसे गधे के सिर से सी गायब होते हैं ,वैसे ही मेडल मैन बिलकुल ग़ायब हो चुके हैं।”
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