किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच के तहत आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। बुधवार ठीक 11 बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच शुरू हो गया है। यहां 1200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ किसान दिल्ली की ओर रुख कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली कूच से पहले शंभू बॉर्डर पर अरदास की गई। उधर, सुरक्षा बलों ने भी नाकों पर पूरी तैयारी की हुई है। वहीं सूत्रों से ये भी सामने आया है कि सरकार एमएसपी के कानून पर बातचीत के दौरान दोबारा तैयार है। जिसके चलते केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने चौथी वार्ता के बाद अब 5वीं वार्ता के लिए भी न्यौता दिया है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रियों एवं किसानों की बीच हुई अभी तक कि सभी मीटिंग बेनतीजा ही रही हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है कि शांति बनाए रखना जरूरी है।
आंसु गैस के गोलों से बचने के लिए विशेष मास्क
इधर, दिल्ली को तरफ बढ़ रहे किसानों पर पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे गए हैं। पंजाब और हरियाणा से काफी संख्या में एकजुट किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। बैरिकेड तोड़ने के लिए किसानों ने नए-नए यंत्र तैयार किए हैं। आंसु गैस के गोलों से बचने के लिए विशेष मास्क तैयार किए गए हैं। हालांकि पंजाब और हरियाणा के सभी बॉर्डरों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर भारी सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर, सोनीपत कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर भी विशेष रूप से सुरक्षा को कड़ा कर दिया है।
सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
किसान आंदोलन को लेकर पत्थर की बैरिकेडिंग पर चार अलग- अलग-अलग कंटीली तार लगाई गई हैं। सिंघु-कुंडली बॉर्डर पर पहले बैरिकेड को कंक्रीट की 3 फुट दीवार बनाकर पक्का किया गया है। साथ ही किसानों की भांति पुलिस फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्सेस के टेंट लगाए गए हैं। अगर किसान शंभू बॉर्डर को पार करने में कामयाब हो जाते हैं तो सरकार की तरफ से किसानों को रोकने के लिए सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर शंभू बॉर्डर जैसी सुरक्षा व्यवस्था की है। बॉर्डर पर हरियाणा-दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी), सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ), बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ), रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की कई कंपनियां तैनात की गई हैं।
तहसील स्तर पर फुकेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतला
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गुट का कहना है कि उनका दिल्ली कूच को समर्थन नहीं है, लेकिन बुधवार को हरियाणा में भाजपा कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेंगे। वहीं चढ़ूनी गुट ने कूच पर फैसला करने के लिए कमेटी बनाई है। उनका कहना है कि वह किसानों के साथ हैं। इसके अलावा हरियाणा की खाप पंचायतें भी मांगों का तो समर्थन करती हैं, लेकिन दिल्ली कूच को लेकर मैदान में नहीं उतरी हैं। किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी ने 22 तारीख के लिए तहसील स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतला का दहन करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के हक में 22 फरवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में जहां-जहां भी हमारा संगठन है। सभी तहसीलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले फूंककर प्रदर्शन किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने जताई किसानों के प्रदर्शन पर आपत्ति
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन के तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत राजमार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का उपयोग नहीं किया जा सकता, लेकिन किसान इन पर अमृतसर से दिल्ली तक यात्रा कर रहे हैं। सभी अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं, लेकिन संवैधानिक कर्तव्य भी हैं, उन्हें क्यों भूल जाते हैं। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को बड़ी संख्या में क्यों इकट्ठा होने दिया जा रहा है। पंजाब सरकार सुनिश्चित करे कि लोग बड़ी संख्या में एकत्र न हों। हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों के दिल्ली कूच में हरियाणा सरकार की अवरोधक कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को यह टिप्पणी की। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर केंद्र को किसानों से वार्ता के परिणाम और वर्तमान स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
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