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अब हरियाणा में ग्राहकों को हुक्का परोसने और हुक्का बार खोलने की इजाज़त नहीं

अब हरियाणा में ग्राहकों को हुक्का परोसने और हुक्का बार खोलने की इजाज़त नहीं

इस संबंध में विधानसभा सत्र में विधेयक पारित 

प्रतीकात्मकतस्वीर

सरकार ने हुक्का बार की आड़ में परोसे जा रहे नशे को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा विधानसभा सत्र में सोमवार को एक विधेयक पारित किया गया, जिसके तहत प्रदेश में होटल-भोजनालयों समेत किसी भी जगह पर ग्राहकों को हुक्का परोसने और हुक्का बार खोलने की इजाज़त नहीं होगी। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक 2024 को विधानसभा ने मंजूरी दी। इस बारे में गृह मंत्री अनिल विज ने सदन में विधेयक प्रस्तुत किया था। 

चौपालों में गुड़गुड़ाए जाने वाले हुक्कों पर प्रतिबंध नहीं 

वहीं अगर कोई होटल संचालक नियमों की अवहेलना कर फ्लेवर्ड हुक्का परोसता है तो उस होटल-रेस्टोरेंट मालिक को 5 वर्ष तक की सजा और 5 से 10 हजार रुपए का जुर्माना भी हो सकता है। वहीं आपको यह भी बता दें कि हरियाणा के गांवों के चौपालों में गुड़गुड़ाए जाने वाले परंपरागत हुक्कों पर किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है। 

परोसी जाती हैं प्रतिबंधित नशीली दवाएं 

सरकार की ओर से हुक्के पर इसलिए बैन लगाया गया है क्योंकि कई बार सामने आया है कि हुक्का बार में जड़ी-बूटियों के नाम पर निकोटिन युक्त तंबाकू के साथ प्रतिबंधित नशीली दवाएं परोसी जाती हैं, जो धुएं और पानी के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाती है जो न जाने कितनी ही बीमारियों को न्योता देती हैं। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि फ्लेवर्ड हुक्का की आड़ में प्रतिबंधित दवाएं भी परोसी जाती रही हैं। वहीं धूम्रपान का धुआं केवल पीने वालों को ही नहीं बल्कि आसपास के लोगों पर भी प्रभाव डालता है, इसीलिए इस पर कानून बनाने की जरूरत पड़ी।

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