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The Haryana Story | चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल से

चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल से

7 अप्रैल को रामनवमी पर नवरात्रि का होगा समापन

चैत्र नवरात्रि -2024

इस बार चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल से और 17 अप्रैल को रामनवमी पर नवरात्रि का समापन होगा। हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला यह एक बेहद प्रमुख पर्व भी है। इसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों, जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की बहुत ही भव्य तरीके से पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना और पाठ किया जाता है। इस पाठ में देवी के नौ रूपों के अवतरित होने और उनके द्वारा दुष्टों के संहार का पूरा विवरण है। मान्यता है कि नवरात्रि में माता का पाठ करने से देवी भगवती की खास कृपा होती है।

इस त्योहार को वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है

वैसे तो एक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में कुल मिलाकर नवरात्र चार बार आते हैं, लेकिन हिन्दू पंचांग के अनुसार नवरात्रि का त्योहार वर्ष भर में दो बार मनाया जाता है। चैत्र माह में आने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि और शरद ऋतु में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। चैत्र नवरात्रि हिन्दू धर्म के धार्मिक पर्वों में से एक है, जिसे अधिकांश हिन्दू परिवार बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाते हैं। हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार नए वर्ष के प्रारंभ से राम नवमी तक इस पर्व को मनाया जाता है। इस त्योहार को वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।

उदया तिथि को देखते हुए 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी

इस साल चैत्र नवरात्रि के 9 दिन बेहद अद्भुत योग बन रहा है। जिससे भक्तों को माता रानी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। इसी दिन से हिंदू नव वर्ष भी प्रारंभ होता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक चैत्र महीने के प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 8 अप्रैल, को रात्रि 11 बजकर 51 मिनट पर होगी वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 9 अप्रैल को रात्रि 8 बजकर 29 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। 

 हिन्दू नववर्ष की शुरुआत पर बन रहे हैं राजयोग

घटस्थापना और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:55 से मध्यान तक रहेगा। इसके साथ ही हिंदू नव वर्ष यानी नव संवत्सर 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है शुरू होगा। जिसका नाम कालयुक्त संवत्सर होगा। इस बार नव संवत्सर के राजा मंगल और मंत्री शनि होंगे, हिन्दू नववर्ष की शुरुआत पर तीन राजयोग भी बन रहे हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि पर राजयोग, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि बन रहे हैं, नौ अप्रैल को अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग दोनों ही साथ पड़ रहे हैं, ये दोनों ही शुभ योग नौ अप्रैल को सुबह से लेकर पूरे दिन रहेंगे। ज्योतिष के अनुसार कालयुक्त संवत्सर आता है। देश-विदेश में नाना प्रकार के उपद्रव, व्यवधान, संकट, लेकर आता है, लेकिन इस बार नव संवत्सर दूसरे देशों के लिए नुकसानदायक रहेगा। दूसरे देशों में नाना प्रकार की युद्ध और देवी आपदाएं बीमारियां ला सकता है, जबकि भारत के लिए नव संवत्सर उन्नति लेकर आने वाला है। देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। देश की सीमाएं मजबूत होंगी। 

किस तिथि को मां के किस रूप की होगी पूजा

प्रथम नवरात्रि दिवस मां शैलपुत्री पूजा मंगलवार 9 अप्रैल 2024

द्वितीय नवरात्र दिवस मां ब्रह्मचारिणी पूजा रविवार, 10 अप्रैल 2024

तीसरा नवरात्र दिवस मां चंद्रघंटा पूजा गुरुवार, 11 अप्रैल 2024

चतुर्थ नवरात्र दिवस मां कुष्मांडा पूजा शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024

पांचवां नवरात्रि दिवस मां स्कंदमाता पूजा शनिवार, 13 अप्रैल 2024

छठा नवरात्र दिवस मां कात्यायनी पूजा रविवार, 14 अप्रैल 2024

सातवां नवरात्रि दिवस मां कालरात्रि पूजा सोमवार, 15 अप्रैल 2024 

आठवां नवरात्रि दिवस मां महागौरी पूजा मंगलवार, 16 अप्रैल 2024

नौवां नवरात्र दिवस मां सिद्धिदात्री पूजा रविवार, 17 अप्रैल 2024

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