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दुष्यंत चौटाला का सरकार से सवाल क्यों अब तक गेहूं और सरसों से भरी पड़ी है मंडियां, उठान में देरी क्यों ?

दुष्यंत चौटाला का सरकार से सवाल क्यों अब तक गेहूं और सरसों से भरी पड़ी है मंडियां, उठान में देरी क्यों ?

दुष्यंत ने कहा सरकार नीयतन देरी कर रही है, पेमेंट जो 48 से 72 घंटे का हमने नियम बनाया था, सरकार ने उस सिस्टम को भी फेल कर दिया, सरकार किसान के प्रति गंभीर नहीं

पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला

हिसार लोकसभा क्षेत्र में नैना चौटाला के चुनाव प्रचार के दौरान मंडियों में गेहूं खरीद व उठान के सवाल पर पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उन्होंने मंडियों के दौरे भी किए। निरीक्षण भी पार्टी पदाधिकारियों से करवाए। आज सरकार किसान के प्रति गंभीर नहीं है। किसान टूटा पड़ा है। सरकार किसान की कमर तोड़ने पर तुली है। साफ दिखता है कि आज सरसों की पेमेंट को 17 से 18 दिन हो गए जिसे हैफेड, वेयर हाऊस दे नहीं पाया। गेहूं की लिफ्टिंग का बहाना करके किसान की परचेज़ में देरी की जा रही है।   

सरकार ने उस सिस्टम को भी फेल कर दिया

दुष्यंत ने कहा मुझे याद है कि पिछले साल 25 अप्रैल से मंडिया बंद होने लगी थी। 1 मई को हरियाणा में गेहूं की खरीद बंद कर दी थी। आज 28 अप्रैल हो गई, लेकिन सरकार नीयतन देरी कर रही है। पेमेंट जो 48 से 72 घंटे का हमने नियम बनाया था, सरकार ने उस सिस्टम को भी फेल कर दिया। किसान मेरे से नाराज जरूर थे, लेकिन बहुतों को अब अहसास जरूर होने लगा है कि चार साल जो पैसा खाते में आया, गेहूं की खरीद जिस तरह से हुई। हमारी सत्ता में हिस्सेदारी की वजह से किसान सशक्त बना था। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि गेहूं का उठान अब तक भी क्यों नहीं हो पाया है?   

ये (बीरेंद्र सिंह) अब न घर के रहे वो न घाट के

हिसार लोकसभा से बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि चार साल तो उनको ये पीड़ा थी कि दुष्यंत उचाना से विधायक क्यों है? गठबंधन तुड़वाने के लिए उन्होंने बीरेंद्र सिंह ने अपना पूरा जोर लगा दिया। गठबंधन टूटने से दो दिन पहले उनका बेटा (बृजेंद्र सिंह) कांग्रेस का पटका पहन आया। इस इच्छा से कि शायद लोकसभा की टिकट कांग्रेस दे देगी। कांग्रेस टिकट वितरण में भी उनका नाम कट गया। ये अब न घर के रहे वो न घाट के।      

दोनों जगह कांग्रेस के भेजे हुए लोग थे

गांवों में बीजेपी-जेजेपी के हो रहे विरोध के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मुझे दो मामले याद है चाहे वो डॉ. अजय सिंह चौटाला का कुंगड़ गांव का मामला हो या दिग्विजय चौटाला का मामला। दोनों जगह कांग्रेस के भेजे हुए लोग थे। भाजपा के उम्मीदवारों के विरोध के सवाल पर कहा कि जनता है अगर आप उनकी सुनवाई नहीं करोगे, उनसे चर्चा नहीं करोगे तो विरोध भी करेंगे। किसान हमारे अपने हैं। लोकसभा में भी मुझे इन्ही लोगों ने चुन कर भेजा था। विधानसभा में भी वो ही चुनेंगे। विरोध कर रहे है तो कोई गिला, शिकवा है उसे दूर करना हमारा काम है और गिले-शिकवे दूर कर लेंगे।  

जेजेपी के गीतों पर झूमती नजर आईं महिलाएं

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक दुष्यंत चौटाला ने एक दिवसीय जनसंपर्क अभियान के तहत हलके के खापड़, झील, डूमरखा गांव के दौरे किए। यहां पहुंचने पर ग्रामीणों, कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। बुजुर्गों के साथ मिलकर उनकी समस्याओं को जानते हुए भी पूर्व उपमुख्यमंत्री दिखाई दिए। फूलों की बारिश के साथ कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। यहां पर जेजेपी के गीतों पर महिलाएं झूमती नजर आई।   

ताउम्र एहसानमंद रहेंगे  

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उचाना हलके के लोगों ने हमेशा जो प्यार, समर्थन, अपनापन दिया है उसके लिए ताउम्र वो एहसानमंद रहेंगे। उचाना हलके में विकास को लेकर कोई कोर कसर नहीं रहने दी गई है। प्रदेश को स्थिर सरकार देने के लिए जेजेपी सहयोगी बनी थी। सवा चार साल तक प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जाने का काम किया गया। हलके में भी एक हजार करोड़ से अधिक के विकास कार्य करवाए गए। इस दौरान मतदाताओं को संबोधित करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश को ऐसे सांसद चाहिए जो उनकी आवाज को संसद में जोरदार तरीके से उठा सकें। 2014 में हिसार ने जो जीत दी थी उससे चार गुणा बड़ी जीत इस बार नैना चौटाला को हिसार के मतदाता देने का काम करेंगे।

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