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सीआईएससीई छात्रों को 2024 के परीक्षा परिणामों की घोषणा के साथ ही डिजीलॉकर के माध्यम से मार्कशीट और प्रमाण पत्र सहजता से उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाता है

सीआईएससीई छात्रों को 2024 के परीक्षा परिणामों की घोषणा के साथ ही डिजीलॉकर के माध्यम से मार्कशीट और प्रमाण पत्र सहजता से उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाता है

प्रतीकात्मक तस्वीर

काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) ने एक अग्रणी डिजिटल परिवर्तन पहल करते हुए डिजीलॉकर प्लेटफॉर्म के माध्यम से 2024 के लिए आईसीएसई (दसवीं कक्षा) और आईएससी (बारहवीं कक्षा) परीक्षा परिणाम डिजिटल रूप से घोषित करने के लिए डिजीलॉकर प्लेटफॉर्म का सहयोग लिया है। इसके अतिरिक्त, सीआईएससीई ने परिणाम घोषित होते ही डिजीलॉकर के माध्यम से प्रमाणपत्र और मार्कशीट उपलब्ध कराईं। इस साल आईसीएसई के लिए कुल 2,43,617 छात्र उपस्थित हुए, जबकि 99,901 ने आईएससी परीक्षा दी।

3.43 लाख से अधिक छात्र अब परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद डिजिलॉकर पर सीआईएससीई द्वारा जारी किए गए अपने शैक्षणिक कागजात जैसे मार्कशीट और प्रमाण पत्र निर्बाध रूप से हासिल कर सकते हैं। 

आईसीएसई 2024 में कुल 99.47 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए, जिसमें लड़कियों ने लड़कों से (99.65 प्रतिशत लड़कियां बनाम 99.31 प्रतिशत लड़के) बेहतर प्रदर्शन किया। आईएससी परीक्षाओं में, 98.19 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। इसमें भी लड़कियों ने लड़कों की तुलना में (98.92 प्रतिशत लड़कियां बनाम 97.53 प्रतिशत लड़के) बेहतर प्रदर्शन किया।

डिजीलॉकर डिजिटल इंडिया पहल के तहत प्रमुख मंच है। इसने बोर्डों, विश्वविद्यालयों और अन्य निकायों द्वारा डिजिटल प्रारूप में अकादमिक कागजात जारी करने और उन तक पहुंचने के लिए एक सुरक्षित, विश्वसनीय और पर्यावरण-अनुकूल समाधान प्रदान करके इस क्रांतिकारी कदम को सक्षम किया है। 

प्रमुख बातें:

  • पूरे भारत और विदेश में 2,42,328 छात्रों ने आईसीएसई उत्तीर्ण किया, वहीं 98,088 छात्रों ने आईएससी पास किया।
  • मार्कशीट और प्रमाणपत्र नतीजा घोषित होते ही डिजिटल प्रारूप में डिजीलॉकर पर उपलब्ध हैं।
  • छात्र अपने प्रामाणिक डिजिटल दस्तावेज़ कभी भी, कहीं भी प्राप्त कर सकते हैं।

 

सीआईएससीई के मुख्य कार्यकारी और सचिव डॉ. जोसेफ इमैनुएल ने घोषणा की है कि परीक्षा परिणाम अब डिजीलॉकर और सीआईएससीई की वेबसाइट पर परिणाम घोषित होते ही उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म पर अकादमिक कागजात की उपलब्धता पर भी चर्चा की।

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