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रणदीप सुरजेवाला ने NEET परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी पर उठाए सवाल, आत्महत्याओं ने बढ़ाई चिंताएं 

रणदीप सुरजेवाला ने NEET परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी पर उठाए सवाल, आत्महत्याओं ने बढ़ाई चिंताएं 

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने NEET परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि असंभव लगने वाली उच्च स्कोरिंग और कुछ केंद्रों पर 'ग्रेस मार्क्स' देने की घटनाओं ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। कुछ छात्रों ने परीक्षा के नतीजों से निराश होकर आत्महत्या भी कर ली है।

प्रतीकात्मक तस्वीर

गड़बड़ी की आशंकाएं 

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि NEET परीक्षा के नतीजों में कई बातें आश्चर्यजनक हैं। उन्होंने बताया कि इस बार 67 अभ्यर्थियों ने 720/720 नंबर हासिल किए हैं। जबकि पिछले वर्षों में सिर्फ 1-3 टॉपर ही इतने नंबर ला पाए थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत अजीब लगता है कि इतने सारे छात्रों ने गलत उत्तरों के लिए निगेटिव मार्किंग के बावजूद पूरे नंबर हासिल कर लिए। 

ग्रेस मार्क्स विवाद 

सुरजेवाला ने बताया कि इन 67 टॉपरों में से 44 को ग्रेस मार्क्स के आधार पर टॉपर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि फरीदाबाद के एक केंद्र पर गलत प्रश्नपत्र बांटे जाने की वजह से छात्रों को 45 मिनट का समय नष्ट हो गया था। इसके बदले में उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए। 

विश्वसनीयता पर सवाल

सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि जब NEET के नियमों में ग्रेस मार्क्स देने का कोई प्रावधान नहीं है, तो फिर ये मार्क्स किस आधार पर दिए गए? उन्होंने कहा कि क्या इस तरह से 'नॉर्मलाइजेशन' की आड़ में NEET के नंबर बढ़ाए जा सकते हैं? उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स और विशेषज्ञ भी इस बात पर सवाल उठा रहे हैं। 

कटऑफ में बढ़ोतरी 

सुरजेवाला ने बताया कि इस साल NEET की कटऑफ 137 नंबर से बढ़कर 164 नंबर हो गई है। इसका मतलब है कि अब 660 नंबर लाने वाले छात्रों को ही शायद सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सस्ती फीस पर दाखिला मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे घमासान में लाखों गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों के डॉक्टर बनने के सपने धराशायी हो गए हैं।

समयसीमा का सवाल

सुरजेवाला ने एक और बात उठाई। उन्होंने कहा कि NEET का रिजल्ट 14 जून को आना था, लेकिन यह 4 जून को ही घोषित कर दिया गया। यही वह दिन था जब देश के लोकसभा चुनाव के नतीजे भी आ रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि क्या NEET के नतीजे इसलिए जल्दी घोषित कर दिए गए ताकि सभी विवादों और आशंकाओं पर पर्दा डाल दिया जा सके?

आत्महत्याएं चिंता का विषय

सुरजेवाला ने बताया कि NEET के नतीजों के बाद दौसा में अजीत नाम के एक छात्र और कोटा में रीवा की रहने वाली बगीशा तिवारी नामक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि NEET की परीक्षा प्रणाली इतनी विवादों में घिरी है कि युवा बच्चे आत्महत्या जैसे खतरनाक रास्ते पर चल पड़े हैं। 

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सवाल 24 लाख बच्चों के भविष्य का है, NEET परीक्षा की विश्वसनीयता का है, गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को समान अवसर देने का है, देश को अच्छे डॉक्टर देने का है। उन्होंने कहा कि सरकार को सभी आशंकाओं और विवादों से ऊपर उठकर इन सवालों का जवाब देना चाहिए।

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