हरियाणा के छोटे से किसान परिवार में जन्मे कृष्णपाल गुर्जर ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर राजनीति में उच्च मुकाम हासिल किया है। उनका सफर अपने आप में एक मिसाल है कि कैसे किसी सीमित पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति अपनी प्रतिभा और संकल्प शक्ति से राजनीति के शिखर तक पहुंच सकता है। गुर्जर की राजनीतिक यात्रा कॉलेज के छात्र आंदोलन से शुरू हुई और आज वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगियों में से एक हैं।
कॉलेज से राजनीति की शुरुआत
फरीदाबाद के सरकारी कॉलेज में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले कृष्णपाल गुर्जर का केंद्रीय मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा। किसान परिवार में जन्मे 67 वर्षीय गुर्जर की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं थी। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर लोकदल से शुरू किया और बाद में 1994 में भाजपा में शामिल हो गए।
मोदी-खट्टर के साथ मिलकर किया काम
1994 में पार्टी जॉइन करने के महज 2 साल बाद, भाजपा ने गुर्जर को 1996 के विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से टिकट दिया। यही वह समय था जब तेजतर्रार कृष्णपाल गुर्जर को भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल खट्टर के साथ मिलकर काम करने का मौका मिला।
प्रदेशाध्यक्ष बनकर बढ़ाया पार्टी का ग्राफ
गुर्जर के 3 बार विधायक बनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन की जिम्मेदारी देते हुए वर्ष 2010 में हरियाणा इकाई का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए तेजी से पार्टी का ग्राफ बढ़ाने का काम किया।
मोदी की करीबी के कारण मिला लोकसभा टिकट
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने नरेंद्र मोदी को अपना पीएम चेहरा घोषित कर दिया। इसके बाद टिकट बंटवारे में कृष्णपाल गुर्जर को फरीदाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला। गुर्जर ने इस चुनाव में कांग्रेस के अवतार भड़ाना को हराया।
मोदी सरकार में बने राज्यमंत्री
मोदी ने अपनी पहली सरकार में गुर्जर को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री बनाया। 2019 में फरीदाबाद से फिर जीतने के बाद उन्हें उद्योग राज्यमंत्री बनाया गया। अब तीसरी बार मोदी सरकार में शामिल होकर गुर्जर ने मोदी के भरोसेमंद होने का संकेत दिया है।
गुर्जर बिरादरी के बड़े नेता की पहचान बनाई
कृष्णपाल गुर्जर ने अपने राजनीतिक करियर में गुर्जर बिरादरी के बड़े नेताओं को हराकर अपनी पहचान बनाई। राजनीति में एक के बाद एक जीत ने उनका कद गुर्जर समुदाय के नेताओं में बढ़ा दिया। भाजपा के अंदर भी वह गुर्जर समाज के प्रमुख नेताओं में गिने जाते हैं।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
कृष्णपाल गुर्जर पेशे से वकील हैं। उनके पिता हंसराज जैलदार किसान थे और राजनीति से दूर रहे। गुर्जर की पत्नी निर्मला देवी भी सियासत से दूर हैं। लेकिन उनका बेटा देवेंद्र चौधरी राजनीति में सक्रिय हैं और वर्तमान में फरीदाबाद नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर हैं।
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