मोदी सरकार 3.0 के साथ रविवार को कुल 72 नेताओं व सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली, उसके बाद सोमवार को इन सभी मंत्रियों को मंत्रालय आवंटित कर दिए गए हैं। हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को मोदी कैबिनेट में आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही तोखन साहू को शहरी विकास राज्य मंत्री और श्रीपद नाईक को ऊर्जा राज्य मंत्री का प्रभार दिया गया है।
क्या ये है डैमेज की भरपाई करने का प्रयास
उल्लेखनीय है कि रविवार को नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। मोदी के साथ 71 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें 30 कैबिनेट मिनिस्टर, 5 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 36 राज्य मंत्री हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली गई। राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर को राज्य मंत्री पद मिला। मनोहर लाल खट्टर करनाल सीट से सांसद चुने गए हैं, और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2 लाख 32 हजार 577 वोटों के अंतर से हराया। लोकसभा चुनाव के दौरान इन तीनों दिग्गजों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह देने के पीछे भारतीय जनता पार्टी के अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। लोकसभा चुनाव में हुए डैमेज की भरपाई के लिए हरियाणा से तीन मंत्रियों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर ने भी हरियाणा से मंत्री पद की शपथ ली। इनकी प्रदेश के वोटर्स के एक बड़े वर्ग पर अच्छी पकड़ मानी जाती है।
जाने मनोहर के बारे में : मनोहर लाल किसान परिवार से
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद मनोहर का राजनीति में अनुभव और ग़ुर वाकई प्रशंसनीय है। मनोहर लाल का जन्म 5 मई, 1954 को हरियाणा के जिला रोहतक गांव निदाना में हुआ। उनके पिता का नाम हरबंस लाल और माता का नाम शांति देवी था। खट्टर के तीन भाई जगदीश, गुलशन और चरणजीत है। मनोहर लाल किसान परिवार से हैं। एक समय था जब उनके परिवार को लम्बे समय तक आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। जाति की बात करें तो वे हिंदू खत्री परिवार से संबंध रखते हैं। उनका विवाह नहीं हुआ, वे अविवाहित हैं। उन्होंने अध्ययनरत रहते हुए चर्चा-परिचर्चाओं में भाग लेना शुरू किया। हालांकि मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वे परिवार के अन्य सदस्यों की तरह ही खेती करें। शिक्षा के महत्व पर अपने पिता को विश्वास में लेकर रोहतक के नेकीराम शर्मा राजकीय महाविद्यालय में प्रवेश लिया। आरएसएस से मनोहर लाल सन् 1977 में जुड़े। उन्होंने पीएम मोदी के साथ मिलकर साल 1966 में काम करना शुरू किया था।
हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले भाजपा के पहले नेता
हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले मनोहर लाल ने पहले भाजपा नेता बनने का गौरव पाया है। कांग्रेस उम्मीदवार को 63,736 मतों से हराकर अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता। वे लगातार केंद्र सरकार की ‘बेटी बचाओ,-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को लेकर हमेशा आगे बढ़कर काम करते रहे हैं। उन्हीं के प्रयासों का परिणाम है कि आज प्रदेश में लिंगानुपात में काफी सुधार हुआ है।
मनोहर चाहते थे डॉक्टर बनना, परिवार चाहता था खेती करें
मनोहर लाल डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वे परिवार के अन्य सदस्यों की तरह ही खेती करें। शिक्षा के महत्व पर अपने पिता को विश्वास में लेकर रोहतक के नेकीराम शर्मा राजकीय महाविद्यालय में प्रवेश लिया। वे परिवार के एकमात्र पहले ऐसे सदस्य थे, जिन्होंने दसवीं के बाद पढ़ाई की। मेडिकल कॉलेज की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए मनोहर लाल ने दिल्ली का रुख किया। यहां से उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरी की।
मनोहर 1977 में RSS से जुड़े
साल 1977 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े और आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर अपने निजी जीवन को जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया। साल 1980 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए। बतौर प्रचारक 14 वर्ष तक अपनी सेवाएं प्रदान कीं। इसके बाद वह साल 1994 में भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय हुए। हरियाणा में वे पार्टी के संगठन महामंत्री रहे।
40 वर्षों से हरियाणा और राष्ट्र की अनवरत कर रहे हैं सेवा
मनोहर लाल पंजाब, हरियाणा और छत्तीसगढ़ राज्यों के चुनावों में भाजपा की सफलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्ष 2004 में उन्हें दिल्ली और राजस्थान समेत 12 राज्यों का प्रभारी बनाया गया। उस समय उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर संघ के प्रसिद्ध विचारक बाल आप्टे के नेतृत्व में कार्य किया। इसके तत्काल बाद उन्हें जम्मू एवं कश्मीर,पंजाब, हरियाणा, चण्डीगढ़ और हिमाचल प्रदेश के लिए क्षेत्रीय संगठन महामंत्री का उत्तरदायित्व सौंपा गया। उनके कार्यकाल के दौरान इन राज्यों में पार्टी ने कई सफलताएं प्राप्त कीं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता के रूप में लगभग 40 वर्षों से हरियाणा और राष्ट्र की अनवरत सेवा कर रहे हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने से लेकर कैबिनेट मंत्री बनने का सफर
लोकसभा चुनाव-2014 के दौरान हरियाणा चुनाव अभियान समिति का सीएम मनोहर लाल को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके कुशल चुनाव अभियान की बदौलत हरियाणा में भाजपा ने 10 में से 7 लोकसभा सीटें जीत कर सफलता हासिल की। उन्होंने 13वीं हरियाणा विधानसभा के लिए अक्टूबर, 2014 में हुए चुनाव में करनाल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में पहली बार चुनाव लड़ा और 63,773 मतों से विजयी हुए। 21 अक्तूबर, 2014 को हरियाणा भाजपा विधायक दल के सर्वसम्मति से नेता चुने गये।
उन्होंने 26 अक्तूबर, 2014 को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। मनोहर लाल हरियाणा के इतिहास में पहले ऐसे नेता हैं, जो पहली बार विधायक बने और मुख्यमंत्री का पद संभाला। अब 2024 में मनोहर लाल को सीएम की कुर्सी से उतारकर लोकसभा का टिकट थमा दिया गया था। कांग्रेस ने मनोहर लाल के सामने यूथ प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को उतारा था, लेकिन मनोहर दिव्यांशु को 2.32 लाख वोटों से हराकर विजयी बन गए।
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