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अब नौनिहालों का स्कूलों को देखते ही करेगा स्कूल में जाने का मन

अब नौनिहालों का स्कूलों को देखते ही करेगा स्कूल में जाने का मन

महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाए जा रहे प्ले स्कूलों को रचनात्मक रंगों और चित्रकारी से सजाया गया, भवनों को बहुत ही आकर्षक बनाया गया है, ताकि बच्चे स्कूल में आने के लिए खुद ही आकर्षित हो सकें, 3 से 6 वर्ष के बच्चों को पढ़ाई के बोझ से दूर मिलेगा आनंदमय वातावरण

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा के महिला एवं बाल विकास मंत्री असीम गोयल ने कहा कि प्रदेश में पहले चरण में शुरू किए गए 4,000 प्ले स्कूलों की सफलता के बाद दूसरे चरण में 4,000 और प्ले स्कूल खोले जाएंगे। प्ले स्कूल खोलने का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के सभी बच्चों को निशुल्क और गुणवत्ता पूर्ण प्री-स्कूल की शिक्षा देना है।

असीम गोयल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन से छह वर्ष की उम्र के बच्चों के उत्तम विकास और सही देखभाल के लिए हरियाणा सरकार ने वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करते हुए प्रदेश के 4 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूलों में अपग्रेड करने का निश्चय किया और बच्चों को खेल-खेल में उत्तम दर्जे की प्री-स्कूल शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से कार्य करना शुरू किया।

पढ़ाई के बोझ से दूर मिलेगा आनंदमय वातावरण 

उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाए जा रहे इन प्ले स्कूलों को रचनात्मक रंगों और चित्रकारी से सजाया गया है। भवनों को बहुत ही आकर्षक बनाया गया है ताकि बच्चे स्कूल में आने के लिए खुद ही आकर्षित हो सकें। इन स्कूलों के माध्यम से हरियाणा सरकार का लक्ष्य 3 से 6 वर्ष के बच्चों को पढ़ाई के बोझ से दूर आनंदमय वातावरण में बुनियादी कौशल प्रदान करना है जिससे ये प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार हो सकें।

राज्य की सभी 25,962 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया 

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने प्ले स्कूल चलाने की योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि योजना के पहले चरण में सारे प्रदेश में "प्रथम संस्था" के सहयोग से स्टेट रिसोर्स ग्रुप तैयार किया गया। इसमें प्रत्येक जिले से एक बाल विकास परियोजना अधिकारी, एक शिक्षा विभाग के प्रवक्ता और दो पर्यवेक्षकों को मिलाकर एक टीम का गठन किया गया।

इस टीम को पहले स्वयं अभ्यास कक्षाएं चलाने के बाद अगले स्तर का प्रशिक्षण दिया और दूसरे चरण में हरियाणा के सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। अंतिम चरण में राज्य की सभी 25,962 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है ताकि वे बच्चों को पढ़ाने की नवीनतम तकनीक सीख कर बच्चों में प्ले स्कूल आने की रुचि जगा सकें। 

सरकार को बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की चिंता

असीम गोयल ने प्ले स्कूल खोलने के उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया कि पहले के समय में स्कूल जाने से पूर्व घरों के आंगन और गलियां ही बच्चों के खेलकूद का स्थान होता था। आज के आधुनिक दौर में हर माता- पिता चाहते हैं कि शुरुआत से ही उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसलिए उनके उज्ज्वल भविष्य की चिंता करते हुए प्रदेश सरकार ने 3 साल की आयु से ही बच्चों के लिए खेल-खेल में शिक्षा का प्रबंध किया है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने गरीब परिवार के बच्चों के लिए भी प्ले स्कूल की व्यवस्था करने के लिए पूरे राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र में ये स्कूल खोले हैं, ताकि सभी बच्चों का समान विकास हो सके और वे आगे जा कर प्राइमरी शिक्षा के लिए तैयार हो सके।

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