हरियाणा के पंचकूला में एक नए युग की शुरुआत हुई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पिंजौर में एशिया की सबसे बड़ी सेब, फल और सब्जी मंडी का उद्घाटन किया। यह मंडी न केवल हरियाणा के किसानों के लिए, बल्कि पड़ोसी राज्यों के किसानों के लिए भी एक बड़ा अवसर लेकर आई है।
मंडी के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, "यह मंडी किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे न केवल हरियाणा के किसानों को लाभ होगा, बल्कि अन्य राज्यों के बागवान भी इसका फायदा उठा सकेंगे।"
विशाल परियोजना का विवरण
इस मंडी को 14.66 करोड़ रुपये की लागत से 78 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है। यह एक बहुत बड़ी परियोजना है जिसे दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जल्द ही मंडी के दूसरे चरण का भी उद्घाटन किया जाएगा। पूरी परियोजना को 220 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
मंडी में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं जो किसानों और व्यापारियों के लिए बेहद फायदेमंद होंगी। इससे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए दिल्ली जैसे दूर के बाजारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
किसानों के लिए सरकार की पहल
मुख्यमंत्री सैनी ने अपने संबोधन में सरकार द्वारा किसानों के हित में की गई अन्य पहलों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाया है।"
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में अन्य विशेष मंडियां भी विकसित की जा रही हैं। "गोहाना में सब्जी मंडी, गुरुग्राम में फूल मंडी और सोनीपत में मसाला मंडी का निर्माण किया जा रहा है। इससे किसानों को अपनी उपज बेचने में और अधिक सुविधा मिलेगी।"
विपक्ष पर प्रहार
अपने भाषण के अंत में मुख्यमंत्री ने विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार समाज के हर वर्ग के प्रति समर्पित है।"
उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने काम का हिसाब देने के लिए तैयार हैं। "हम हर गांव में जाकर अपने विकास कार्यों के बारे में बताएंगे।" इस तरह, नई मंडी के उद्घाटन के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है।
इस नई मंडी के खुलने से हरियाणा के किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए एक नया और बड़ा बाजार मिला है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह मंडी किस तरह से किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती है।
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