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कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को मिला और 3 दिन का रिमांड

कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को मिला और 3 दिन का रिमांड

अंबाला कोर्ट ने खनन मामले में ईडी की मांग पर विधायक का रिमांड बढ़ाया, अब 1 अगस्त तक जांच एजेंसी की हिरासत में रहेंगे

प्रतीकात्मक तस्वीर

सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार पंवार को अंबाला की एक अदालत ने सोमवार को तीन दिन के और रिमांड पर भेज दिया है। इस फैसले के साथ, पंवार अब 1 अगस्त तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। सुरेंद्र पंवार को 20 जुलाई को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उस समय उन्हें नौ दिन के रिमांड पर भेजा गया था, जो आज सोमवार को समाप्त हो गया। रिमांड की अवधि समाप्त होने पर, ईडी ने पंवार को अंबाला कोर्ट में पेश किया और पांच दिन के अतिरिक्त रिमांड की मांग की। 

कोर्ट में पूरे दिन चली सुनवाई के दौरान, ईडी और पंवार के वकीलों ने अपने-अपने पक्ष रखे। जहां ईडी ने आगे की जांच के लिए पांच दिन का रिमांड मांगा, वहीं पंवार के वकीलों ने इस पर आपत्ति जताई। लंबी बहस के बाद, अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तीन दिन का रिमांड मंजूर किया।

इस मामले की शुरुआत 4 जनवरी को हुई थी, जब ईडी की टीम ने सोनीपत में सुरेंद्र पंवार और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई अवैध खनन के आरोपों के संबंध में की गई थी। छापेमारी के दौरान, ईडी अधिकारियों ने पंवार के आवास और कार्यालय से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे। 

ईडी के अनुसार, उन्हें अवैध खनन गतिविधियों के बारे में कई सूचनाएं मिली थीं, जिनकी जांच के लिए यह कार्रवाई की गई थी। छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने दस्तावेजों की गहन जांच की और फिर अपनी जांच पूरी करके वापस लौट गए थे। इस घटनाक्रम ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा है कि कानून अपना काम कर रहा है।

अब जबकि पंवार तीन और दिनों के लिए ईडी की हिरासत में रहेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है। ईडी के अधिकारियों का कहना है कि वे मामले से जुड़े कई अहम पहलुओं की जांच कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें पंवार से और पूछताछ करने की जरूरत है। इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने अपने विधायक के समर्थन में आवाज उठाई है और इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रताड़ना का एक उदाहरण बताया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि वे कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे और अपने विधायक को इस मुश्किल समय से बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। 

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