
हिंदू धर्म में नाग पंचमी के त्योहार का खास महत्व है। नाग पंचमी सावन के महीने में मनाई जाती है। सावन का महीना भगवान शिव और नाग की पूजा के लिए सबसे उत्तम महीना माना गया है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन नाग देवता की विधिवत पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से नाग दोष से मुक्ति मिल जाती है।
नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा
इसके साथ ही जो भी इस दिन नाग देवता की पूजा करता है, उसकी मृत्यु कभी सांप के काटने से नहीं होती है। हर साल नाग पंचमी सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। अबकी बार नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से नाग देवताओं की पूजा- अर्चना की जाती है, भारतीय संस्कृति में इस त्यौहार को शक्ति- समृद्धि और रक्षा का प्रतीक भी माना जाता है। आज की इस खबर में हम आपको इसी के बारे में डिटेल से जानकारी देने वाले है।
क्या होता है कालसर्प दोष?
काल सर्प दोष के समाधान में भी नाग पंचमी का विशेष महत्व होता है, आपको नाग पंचमी के दिन निश्चित रूप से कुछ सरल उपाय करने चाहिए। ऐसा करने से आपको इस दोष से राहत मिल जाएगी। ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष को बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता, जिस व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता है, उसे अपने जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इसका प्रभाव जातकों पर मानसिक और शारीरिक ग्रुप में पड़ता है, ऐसे में काल सर्प दोष की पूजा करना बेहद ही जरूरी हो जाता है. इस दौरान आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की भी आवश्यकता होती है।
करें ये जरूरी उपाय
काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी या सावन के सोमवार या फिर अन्य शुभ तिथियां पर गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान भोलेनाथ को अर्पित करने चाहिए, ऐसा करने से आपको राहत मिलेगी।
नाग पंचमी के दिन किसी पवित्र नदी में नाग-नागिन का चांदी का जोड़ा प्रवाहित करना एक महत्वपूर्ण उपाय है। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति एवं समृद्धि आती है। यह विधि विशेष रूप से शुभ मानी जाती है और दोष के प्रभावों को कम करती है।
नाग पंचमी के दिन काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए नाग देवता की विधि- विधान से पूजा करने का भी महत्व बताया गया है। इसके लिए सबसे पहले आपको उनकी प्रतिमा को गंगाजल से साफ कर लेना है। उसके बाद, उनके सामने घी का दीपक प्रचलित करना है। अब रोली का तिलक लगाए और उन्हें फूलों की माला अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष धीरे- धीरे करके समाप्त हो जाते हैं।
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