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श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास, केवल आठ साल की विकास यात्रा में पाया बड़ा मुकाम

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास, केवल आठ साल की विकास यात्रा में पाया बड़ा मुकाम

एनआईआरएफ रैंकिंग में स्किल यूनिवर्सिटी कैटेगरी में हासिल किया देश में दूसरा स्थान, सभी शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों की अथक मेहनत का परिणाम

प्रतीकात्मक तस्वीर

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय (पलवल जिले के दुधोला गाँव में हरियाणा सरकार द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय) ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की स्किल यूनिवर्सिटी कैटेगरी में दूसरा रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया है। केवल आठ साल की विकास यात्रा में इस मुकाम पर पहुंचने वाला यह पहला विश्वविद्यालय बन गया है।

उपलब्धि का श्रेय : संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू की नेतृत्व क्षमता को

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह रैंकिंग जारी किए जाने पर विश्वविद्यालय में जश्न का माहौल है। सभी ने इस उपलब्धि का श्रेय श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू की नेतृत्व क्षमता को दिया। डॉ. राज नेहरू कहा कि यह सभी शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों की अथक मेहनत का परिणाम है।

विष्य में हम नंबर वन रैंक के लिए तैयारी करेंगे : ज्योति राणा

कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा को सभी डीन और विभागाध्यक्षों ने बधाई दी और भविष्य के लिए और बड़े लक्ष्य अर्जित करने का संकल्प लिया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि यह उपलब्धि बहुत ही गौरवपूर्ण है। इतने कम समय में विश्वविद्यालय ने यह मुकाम हासिल किया है। यह सब शिक्षकों और कर्मचारियों की मेहनत से संभव हो पाया है। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि भविष्य में हम नंबर वन रैंक के लिए तैयारी करेंगे।

विद्यार्थियों को सीधे तौर पर इसका फायदा होगा

उन्होंने कहा कि बतौर कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कौशल शिक्षा का मॉडल पूरे देश को दिया है। आज देश भर से दूसरे राज्य भी उच्च शिक्षा में कौशल के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का अनुसरण कर रहे हैं। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि इससे आने वाले दिनों में कौशल के क्षेत्र में और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी और विद्यार्थियों को सीधे तौर पर इसका फायदा होगा। 

तय मानकों पर खरा उतरा विश्वविद्यालय

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने बताया कि इस रैंकिंग के लिए टीचिंग लर्निंग, रिसर्च, अकादमिक उपलब्धि सहित कई अन्य मानक बनाए गए हैं। इन सब में श्रेष्ठता प्रमाणित कर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने यह उपलब्धि प्राप्त की है। प्रोफेसर राठौड़ ने कहा यह सफलता के क्षेत्र में मील का पत्थर है।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर डीन प्रोफेसर ऋषिपाल, डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, डीन प्रोफेसर कुलवंत सिंह, डीन प्रोफेसर ऊषा बत्रा, डीन प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे, प्रोफेसर ए के वाटल, उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, उप कुल सचिव चंचल भारद्वाज, उप कुलसचिव अंजू मलिक, डॉ. श्रुति गुप्ता, डॉ. संजय सिंह राठौर, डॉ. समर्थ सिंह, डॉ. सविता शर्मा, निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह और असिस्टेंट देवेंद्र गिरी भी उपस्थित थे।

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