पेरिस ओलंपिक 2024 में हुए विवाद के बाद से विनेश फोगाट लगातार सुर्खियों में हैं। अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है। पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने कहा है कि वे खेल कोर्ट (CAS) के फैसले को स्विस कोर्ट में चुनौती देना चाहते थे, लेकिन विनेश ने इससे इनकार कर दिया। The Haryana Story वेबसाइट की इस खास रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि इस पूरे मामले में क्या-क्या हुआ और अब तक की सारी जानकारी क्या है।
ओलंपिक में क्या हुआ था?
विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया। लेकिन फाइनल से पहले वजन की जांच में उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। इसके कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया और वे मेडल की दौड़ से बाहर हो गईं।
विनेश ने इस फैसले के खिलाफ खेल कोर्ट में अपील की थी। उन्होंने मांग की थी कि उन्हें या तो फाइनल में खेलने दिया जाए या फिर संयुक्त रजत पदक दिया जाए। लेकिन खेल कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी।
साल्वे का नया खुलासा
अब हरीश साल्वे ने एक नया खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि वे खेल कोर्ट के फैसले को स्विस कोर्ट में चुनौती देना चाहते थे। लेकिन विनेश ने अपने वकीलों के जरिए इससे इनकार कर दिया। साल्वे ने यह भी कहा कि शुरुआत में IOA और विनेश के वकीलों के बीच तालमेल की कमी थी।
विनेश के आरोप
इस बीच, विनेश फोगाट ने भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और उसकी अध्यक्ष पीटी ऊषा पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई मदद नहीं मिली और खेल कोर्ट में उन्होंने खुद ही केस लड़ा था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान बिना उनकी अनुमति के उनकी फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाल दी गई।
राजनीति में कदम
इस विवाद के बाद विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा है। अब वे हरियाणा विधानसभा चुनाव में जींद की जुलाना सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।
यह पूरा मामला अब राजनीतिक रंग लेता दिख रहा है। साल्वे ने कहा है कि वे उम्मीद करते हैं कि विनेश गुमराह करने वाली टिप्पणियां न करें। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सरकार का कोई रोल नहीं था और IOA एक स्वतंत्र संस्था है।
The Haryana Story आपको इस मामले के हर नए घटनाक्रम से अवगत कराता रहेगा। हम आशा करते हैं कि इस विवाद का जल्द ही कोई समाधान निकलेगा और भारतीय खेल जगत में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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