हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जिसको लेकर सरकार के सख्त आदेशों के बाद प्रशासन ने भी सख्ती बढ़ा दी है। प्रदेश में फ़िलहाल पराली जलाने के मामले में कैथल जिला सबसे आगे है, जिसके चलते कैथल जिले में पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए प्रशासन ने पहली बार 13 किसानों को गिरफ्तार किया है।
यह कार्रवाई गुहला-चीका, पूंडरी, ढांड और कैथल शहर के विभिन्न इलाकों में की गई। प्रशासन ने 18 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया, जिनमें से 13 को गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि कुछ देर बाद उन्हें जमानत भी मिल गई। प्रशासन ने बाकी बचे किसानों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में सबसे अधिक 130 पराली जलाने के मामले कैथल में
बता दें कि कैथल में अब तक पराली जलाने के 130 मामले सामने आ चुके हैं, जो कि प्रदेश में सबसे अधिक हैं। कैथल जिला प्रशासन ने इन घटनाओं को रोकने के लिए बेहद सख्त कदम उठाए हैं। प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए रविवार को ही प्रदेशभर में 32 किसानों की जमीन को “रेड एंट्री” श्रेणी में डाल दिया गया है।
सरकारी आदेशों के मुताबिक अब मतलब साफ है कि ये किसान दो सीजन तक मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे। अब तक कुल 368 किसानों की जमीनों को रेड एंट्री में डाला गया है, और 317 चालान काटकर 8.15 लाख रुपए का जुर्माना वसूला जा चुका है।
सैटेलाइट ट्रैकिंग के माध्यम से निगरानी
रविवार को राज्य में पराली जलाने के 11 नए मामले दर्ज हुए, जिनमें से सात अकेले कैथल से हैं। अन्य मामले करनाल, कुरुक्षेत्र और सोनीपत से आए हैं। सैटेलाइट ट्रैकिंग के माध्यम से निगरानी की जा रही है, लेकिन कुछ जगहों पर टीमों के पहुंचने से पहले पराली जलाने का कोई सबूत नहीं मिला।
कृषि विभाग के 13 कर्मियों को भी नोटिस जारी
मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डीसी और अधिकारियों को पराली प्रबंधन के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर वे पराली जलाने की घटनाओं पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं, तो उन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्होंने इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन न करने की बात कही। इसके अलावा, कृषि विभाग के 13 कर्मियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं, ताकि क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
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