हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और उनके मंत्रियों ने कार्यभार संभाल लिया है और सदन का पहला सत्र भी बुलाया जा चुका है, जिसमें प्रदेश के पक्ष विपक्ष के सभी विधायकों ने शपथ ली थी। अब इंतजार है हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का। अटकलें लगाई जा रही हैं कि हरियाणा विधान सभा का शीतकालीन सत्र नवंबर के पहले हफ्ते में शुरू होने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र आठ नवंबर से शुरू हो सकता है और यह सत्र 3 दिन तक चलेगा। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अभी तक भी अपने विधायक दल के नेता का नाम तय नहीं किया है। इसी बीच संभावना जताई जा रही है कि शीतकालीन सत्र से एक-दो दिन पहले तक कांग्रेस विधायक दल के नेता का चुनाव हो जाएगा।
भाजपा पूर्ण बहुमत से जीत हासिल कर तीसरी सत्ता पर काबिज़ हुई
बता दें कि इस बार हरियाणा प्रदेश में भाजपा पूर्ण बहुमत से जीत हासिल कर तीसरी सत्ता पर काबिज हुई है। भाजपा ने 48 सीट तो कांग्रेस ने 37 सीट पर जीत हासिल की, वहीं विधानसभा में इस बार तीन निर्दलीय विधायक चुनाव जीतकर आए हैं और तीनों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को अपना समर्थन दे दिया है। दरअसल, 90 सदस्यीय 15वीं विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 48 है। लेकिन तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने की वजह से यह संख्या 48 से बढ़कर 51 पर पहुंच गई है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष में जनता के मुद्दों को लेकर चर्चा होगी
सूत्रों के मुताबिक़ शीत कालीन सत्र तीन दिन तक चलने की उम्मीद है। शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले विधान सभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने विधानसभा सचिवालय स्टाफ व अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें उन्होंने कहा कि विधायिका लोकतंत्र की शीर्ष संस्था है और विधानसभा सचिवालय स्टाफ उसकी अहम कड़ी है। उन्होंने सभी विधायकों के मान सम्मान का पूरा ख्याल रखने के लिए विधानसभा सचिवालय को प्रेरित किया। दूसरी तरफ, दीपावली के बाद आठ नवंबर को आरंभ होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष में जनता के मुद्दों को लेकर चर्चा होगी।
अंतरिम बजट के प्रारूप को किया जाएगा पेश
सत्र की शुरुआत में राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इसके बाद विपक्ष की ओर से इस पर चर्चा की जाएगी। बाद में मुख्यमंत्री की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इसके अलावा अंतरिम बजट के प्रारूप को पेश किया जाएगा, क्योंकि नई सरकार के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार को बजट का प्रावधान रखना होगा।
उल्लेखनीय है कि 25 अक्टूबर को हरियाणा की 15वीं विधानसभा के गठन की शुरुआत हुई थी। सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर की ओर से सभी विधायकों को शपथ दिलाई गई थी। हालांकि इस दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच प्रोटेम स्पीकर और कार्यवाहक स्पीकर के पद को लेकर बहस भी हुई थी। उस दौरान प्रोटेम स्पीकर के रूप में रघुवीर कादियान ने सभी विधायकों को शपथ दिलाई थी। बाद में हरविंद्र कल्याण को स्पीकर और डॉ. कृष्ण मिड्ढा को डिप्टी स्पीकर बनाया गया था।
कल्याण और मिड्ढा विधायकी के कार्य में माहिर
विधानसभा अध्यक्ष के रूप में हरविंद्र कल्याण और विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में डॉ. कृष्ण मिड्ढा का यह पहला सत्र होगा। हालांकि हरविंद्र कल्याण और कृष्ण मिड्ढा विधायकी के कार्य में माहिर है। ऐसे में विधायकों को नियंत्रित रखना और खासतौर पर विपक्ष के विधायकों को कंट्रोल करना इनके लिए प्राथमिकता में शामिल होगा। बता दें कि हरविंद्र कल्याण ने घरौंडा विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है और वे क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।
कल्याण रोड़ बिरादरी से आते हैं। 57 साल के हरविंद्र कल्याण ने सिविल इंजीनियरिंग की हुई है। उनके पिता चौधरी देवी सिंह ने चौधरी देवीलाल के साथ सक्रिय राजनीति की और चुनाव भी लड़े। उनके दादा चौधरी मुल्तान सिंह 1966 व 1967 में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। हरविंद्र कल्याण रोड़ समाज के बड़े नेता हैं। वह कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल के नजदीकी माने जाते हैं।
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