थानेसर से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने धान की एमएसपी पर बिक्री का मुद्दा सदन में जोर-शोर से उठाया और मांग कि सरकार जांच कराए कि धान की फसल एमएसपी पर क्यों नहीं खरीदी गई। अरोड़ा यही नहीं रूके, उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी को दो टूक कहा, यदि मेरी बात गलत साबित हुई, मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा।
13 और 14 प्रतिशत नमी वाली धान की एमएसपी पर खरीद नहीं हुई
बता दें कि राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के दौरान थानेसर विधायक अशोक अरोड़ा ने एमएसपी पर धान खरीद न होने के मुद्दे पर घेरा था। गुरुवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए जवाब दिया कि अगर 17 प्रतिशत तक की नमी वाली धान की खरीद एमएसपी से कम हुई है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस पर थानेसर विधायक अशोक अरोड़ा ने जवाब दिया कि पिपली और कुरुक्षेत्र की अनाज मंडी में 13 और 14 प्रतिशत नमी वाली धान की एमएसपी पर खरीद नहीं हुई।
कमेटी बनाकर जांच करवाएं
विधायक अशोक अरोड़ा ने मांग कि इस मामले में कमेटी बनाकर जांच करवाएं, हम तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर उनका आरोप गलत निकला तो वे इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। इसके साथ ही अरोड़ा ने डीएपी खाद के मुद्दे पर सरकार को घेरा और प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। अशोक अरोड़ा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सरकार को धान घोटाले सहित एमएसपी की खरीद का मुद्दा उठाया और डीएपी की खाद की कमी पर सरकार से जवाब मांगा।
एक जुर्म के बदले तीन-तीन सजा
थानेसर विधायक अरोड़ा ने कहा कि डीएपी की डिमांड बढ़ रही है, लेकिन सरकार ने इसका इंतजाम नहीं किया, डीएपी की कमी के चलते एक किसान ने आत्महत्या की है। वहीं पराली जलाने के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा था कि पराली जलाने के मामले में एक जुर्म के बदले तीन-तीन सजा दी जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जवाब दिया कि पिछले साल की तुलना में धान के अवशेष जलाने के मामलों में कमी आई है। विपक्ष भी धान के अवशेष न जलाने पर किसानों को जागरूक करे, सभी का सहयोग जरूरी है।
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