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चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा का 60-40 के अनुपात में हिस्सा, तो जमीन के बदले जमीन देने का कोई औचित्य नहीं

चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा का 60-40 के अनुपात में हिस्सा, तो जमीन के बदले जमीन देने का कोई औचित्य नहीं

कहा- पंजाब लंबे समय से कर रहा है हरियाणा के लोगों के साथ अन्याय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं दिया जा रहा सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी

प्रतीकात्मक तस्वीर

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश के मौजूदा विधानसभा भवन पर दावेदारी छोड़कर किसी नए स्थान पर विधानसभा का भवन बनाने से राजधानी चंडीगढ़ पर हरियाणा की दावेदारी कमजोर पड़ेगी। जब चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा का 60-40 के अनुपात में हिस्सा है तो जमीन के बदले जमीन देने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब लंबे समय से हरियाणा के लोगों के साथ अन्याय कर रहा है।

पानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं दिया जा रहा

सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं दिया जा रहा है। पंजाब को हरियाणा के हिंदी भाषी क्षेत्र भी लौटाने पर विचार करना चाहिए। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा की नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ द्वारा रेलवे स्टेशन से आईटी पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जा रही है। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद चंडीगढ़ इस जमीन को देने के लिए तैयार हुआ है। इसके बदले में हरियाणा चंडीगढ़ को पंचकूला के मनसा देवी कॉम्पलेक्स के पास जो 12 एकड़ जमीन देगा।  

जमीन के बदले जमीन देने का कोई औचित्य नहीं

उन्होंने कहा कि जब चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा का 60-40 के अनुपात में हिस्सा है। हरियाणा अपने हिस्से की जमीन पर नई विधानसभा बना सकता है ऐसे में जमीन के बदले जमीन देने का कोई औचित्य नहीं है। हरियाणा सरकार को इस बारे में सोच समझकर कदम उठाना चाहिए और सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हरियाणा के हित में बात करनी चाहिए। 

पंजाब को हरियाणा के हिंदी भाषी क्षेत्र भी लौटाने पर विचार करना चाहिए

उन्होंने कहा कि मौजदूा विधानसभा भवन का विस्तार किया जा सकता है अगर हरियाणा सरकार ने मौजूदा विधानसभा भवन पर अपना कब्जा अथवा दावेदारी छोड़ दी तो एक दिन ऐसा भी आएगा, जब हरियाणा को उसका मौजूदा सचिवालय खाली करने के लिए कह दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब लंबे समय से हरियाणा के लोगों के साथ अन्याय कर रहा है। सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं दिया जा रहा है। पंजाब को हरियाणा के हिंदी भाषी क्षेत्र भी लौटाने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा को अपने हितों की रक्षा के लिए मजबूत कदम उठाना चाहिए।

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