loader
The Haryana Story | सरकार खुद ही कर रही नियमों की अनदेखी, हाईवे पर 60 किमी की बजाय 43 किमी पर बनाए गए हैं टोल

सरकार खुद ही कर रही नियमों की अनदेखी, हाईवे पर 60 किमी की बजाय 43 किमी पर बनाए गए हैं टोल

जब सरकार खुद ही नियमों की अनदेखी करने लगे तो लोगों के बीच सरकार की विश्वसनीयता पर उठने लगते हैं सवाल

प्रतीकात्मक तस्वीर

शासन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से नियम बनाए जाते हैं। सरकार उम्मीद करती है कि देश के नागरिक नियमों का पालन करे। आम जनता भी यही उम्मीद करती है कि सरकार न सिर्फ खुद नियमों के अनुसार संचालित हो, बल्कि नियमों का पालन भी सुनिश्चित हो। परंतु जब सरकार खुद ही नियमों की अनदेखी करने लगे तो लोगों के बीच सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगते हैं।

हाइवे पर बनाए गए टोल प्लाजा के मामले में भी नियमों की अनदेखी हो रही है। चिंता की बात तो यह है कि नियमों की अनदेखी खुद सरकार ही कर रही है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने आज जारी एक बयान में कही।

रोहतक से डबवाली के बीच हाईवे पर 6 टोल प्लाजा

सांसद सैलजा ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से एक सवाल पूछा था कि रोहतक से डबवाली के बीच हाईवे पर कितने टोल प्लाजा बनाए गए हैं। उनके बीच कितनी दूरी है। नियमानुसार एक टोल से दूसरे टोल के बीच कितनी दूरी होनी चाहिए। मंत्रालय की ओर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जो जवाब दिया, वह हैरान करने वाला है।

जवाब में बताया गया है कि रोहतक से डबवाली के बीच हाईवे पर 6 टोल प्लाजा बने हुए हैं। इनमें रोहड, मदीना, रामायण, लांधड़ी, भावदीन व खुईयां मलकाना शामिल है। मंत्रालय ने खुद माना है कि एक टोल से दूसरे टोल के बीच कम से कम 60 किमी की दूरी होनी चाहिए। यानि, 60 किमी से पहले टोल नहीं होना चाहिए। 

नियमों की अनदेखी करके लोगों को लूटने का काम कर रही सरकार

कुमारी सैलजा ने कहा कि जवाब में बताया गया है कि रोहड टोल की दूरी 63.490 किमी है। यानि, लगभग 63 किमी दूरी है। मदीना टोल की दूरी 41.810 किमी, रामायण टोल की दूरी 57 किमी, लांधड़ी टोल की दूरी 57 किमी, भावदीन टोल की दूरी 43.735 किमी तथा खुईयां मलकाना टोल की दूरी 43.925 किमी है। सीधे शब्दों में कहे तो रोहड से मदीना टोल की दूरी लगभग 63 किमी है जो नियमानुसार सही है।

बाकी सभी टोल के बीच की दूरी 60 किमी से कम है। सिरसा के भावदीन से डबवाली के खुईयां मलकाना टोल के बीच की दूरी महज करीब 43 किमी है जो यह दर्शाता है कि सरकार किस तरह से नियमों की अनदेखी करके लोगों को लूटने का काम कर रही है। वाहन चालकों को 60 किमी की बजाय 43 किमी की दूरी तय करने पर ही दोबारा से टोल देना पड़ रहा है जो सरासर गलत है। 

सभी टोल की दोबारा से मेपिंग करवाई जाए

सांसद सैलजा ने कहा कि जनता सरकार से उम्मीद करती है कि महंगाई के इस जमाने में उन्हें टोल में कुछ राहत मिलेगी, मगर यहां तो राहत देने की बजाय लोगों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। पेट्रोल-डीजल के दाम पहले ही आसमान पर पहुंचे हुए हैं। ऊपर से टोल वसूलने के मामले में भी नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। यह भाजपा सरकार की तानाशाही का सबूत है।

इसलिए उनकी भारत सरकार व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से मांग है कि रोहतक से डबवाली के बीच बनाए गए सभी टोल की दोबारा से मेपिंग करवाई जाए। 60 किमी की दूरी से पहले कोई टोल नहीं होना चाहिए और जो नियमों के खिलाफ बने हुए हैं, उन टोल को तुरंत खत्म किया जाए ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके। 

बरसाती पानी निकासी के नाम पर करोड़ों खर्च, नतीजा शून्य

सैलजा ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सवाल पूछा कि हाईवे पर बरसाती पानी निकासी के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि हाईवे के दोनों तरफ बारिश के पानी की निकासी के लिए नाला बनाया गया है। हिसार से डबवाली के बीच मुख्य-मुख्य कस्बों व गांवों के पास करीब 41 किमी लंबा नाला दोनों तरफ बनाया गया है जिस पर 61 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि उन्होंने खुद हिसार से डबवाली तक सफर किया है। जो नाला बनाया गया है, वह वर्तमान में अनुपयोगी है। नाला की स्लैब टूट चुकी है। नाला के पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बारिश के पानी की निकासी के नाम पर सरकार ने करोड़ों रुपये बर्बाद कर दिए हैं जिसकी जांच होनी चाहिए।

Join The Conversation Opens in a new tab
×