loader
The Haryana Story | एमबीबीएस एग्जाम में गड़बड़ी सबसे बड़ा गुनाह, भाजपा पर हमलावर हुई सैलजा, लगाए गंभीर आरोप

एमबीबीएस एग्जाम में गड़बड़ी सबसे बड़ा गुनाह, भाजपा पर हमलावर हुई सैलजा, लगाए गंभीर आरोप

सैलजा ने कहा परीक्षाओं में धांधलियों की अनदेखी कर प्रदेश सरकार युवाओं के भविष्य के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रही है

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रदेश की भाजपा सरकार के कार्यकाल में कभी भी कोई भी परीक्षा पारदर्शिता के साथ संपन्न नहीं हुई, हर परीक्षा में कोई न कोई गड़बड़ी जरूर होती रही है। परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक होना आम बात बन गई है। अभी हाल ही में एमबीबीएस एग्जाम भी में गड़बड़ी सामने आई है। वार्षिक और पूरक दोनों परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा लिखवाया गया। सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार की अनदेखी के चलते आज प्रदेश पेपर लीक फैक्टरी बनकर रह गया है। उक्त आरोप पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर लगाए। 

प्रतिभाओं के साथ विश्वासघात नहीं होना चाहिए

कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है, विभिन्न परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर नकल करवाने के मामले सामने आ रहे हैं। कोई भी परीक्षा बिना किसी व्यवधान के संपन्न नहीं हुई। हैरानी की बात है कि उत्तर पुस्तिकाओं को बदलना, उत्तर पुस्तिकाओं का बाहर जाना, परीक्षा पर्यवेक्षक द्वारा नकल करवाना ये सब कैसे संभव हो हो पा रहा है।

जब किसी परीक्षा में पारदर्शिता न हो तो इससे सबसे ज्यादा प्रतिभावान अभ्यर्थी परेशान होते हैं। जिन परीक्षाओं ने लिखित परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए है उन्हें साक्षात्कार में कम नंबर देकर चहेतो को आगे कर दिया जाता है। प्रदेश की अधिकतर परीक्षाओं में पेपर लीक होते आए है। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रतिभाओं के साथ विश्वासघात नहीं होना चाहिए।

एमबीबीएस एग्जाम में गड़बड़ी सबसे बड़ा गुनाह 

कुमारी सैलजा ने कहा कि अभी हाल ही में प्रदेश में एमबीबीएस परीक्षा घोटाला सामने आया है। एमबीबीएस एग्जाम में गड़बड़ी सबसे बड़ा गुनाह है। वार्षिक और पूरक दोनों परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं को दोबारा लिखना बिना किसी साजिश के संभव नहीं है, सरकार को नकल माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करनी ही होगी।

उन्हें ब्लैकलिस्ट कर देना चाहिए

अब परीक्षा पर्यवेक्षकों को और अधिक जवाबदेह बनाने के लिए जिम्मेदारी तय जा रही है, इस ओर पहले ही कदम उठाया जा सकता था। पर्यवेक्षकों को पेपर खोलने और बांटने का समय, उत्तर पुस्तिकाओं का संग्रह और विश्वविद्यालय को जमा करने का समय की निगरानी जरूरी है। जिसमें केंद्रों पर अनुचित साधनों के इस्तेमाल की रिपोर्ट पहले ही मिलती रही है उन्हें ब्लैकलिस्ट कर देना चाहिए। नकल माफिया कर्मचारियों के माध्यम से ही परीक्षाओं में घोटाले करते आए है। ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई करनी होगी।

Join The Conversation Opens in a new tab
×