हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा, "आरोप लगाना और फिर भाग जाना उनकी (अरविंद केजरीवाल) आदत और सोच है... मैंने कहा कि आपने (अरविंद केजरीवाल) अपने मुख्य सचिव को भेजा और मैं अपने मुख्य सचिव से सोनीपत में पानी की गुणवत्ता की जांच करने को कहूंगा, जहां से पानी (यमुना) दिल्ली में प्रवेश कर रहा है। वह अमोनिया की बात करते हैं।
वह पानी की कमी का दावा करते हैं - लेकिन कोई कमी नहीं है; वितरण प्रणाली में समस्या है। वह 10 साल में पानी के वितरण का प्रबंधन नहीं कर सकते - भले ही उन्होंने मंच से इसका वादा किया हो, फिर भी लोगों को प्रदूषित पानी मिल रहा है। उन्हें आरोप लगाने के बजाय काम करना चाहिए। दिल्ली के लोगों ने अपना मन बना लिया है और वे उन्हें सबक सिखाएंगे।"
पानी ज़हरीला था तो उस ज़हरीले पानी से कितनी मछलियाँ मरी
केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने पानी को दिल्ली आने से रोक दिया, उन्हें पता लगा कि इसमें ज़हर है। इंजीनियरों ने किस तरह निष्कर्ष निकाला कि इसमें ज़हर है। केजरीवाल बताये कि कौन सा जहर डाला गया, कितने टन जहर डाला गया। फिर बॉर्डर पर पानी को कैसे रोका, कोई दीवार बनायी, कहाँ बनायी। अगर पानी ज़हरीला था तो उस ज़हरीले पानी से कितनी मछलियाँ मरी। घटिया और झूठ की राजनीति करने के मामले में केजरीवाल का कोई सानी नहीं।
उनके खिलाफ मानहानी का दावा करें
केजरीवाल ने उस माटी का अपमान किया जहाँ वे पैदा हुए। हरियाणा के लोग यमुना को पवित्र नदी मानते हैं और इसकी पूजा करते हैं, हरियाणा के लोग भला नदी के पानी में जहर क्यूं मिलाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2020 में झूठा वादा किया था कि अगर यमुना को दूषित होने से नहीं बचाया तो कभी वोट नहीं माँगूँगा। चुनावों में संभावित हार को देखकर केजरीवाल ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। केजरीवाल हरियाणा और दिल्ली की जनता से तुरन्त माफी मांगे, वरना हम उनके खिलाफ मानहानी का दावा करेंगे।
केजरीवाल झूठ की फैक्ट्री
वहीं हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, "अरविंद केजरीवाल झूठ की फैक्ट्री हैं... सभी पत्रकारों और विश्लेषकों को उस जगह ले जाएं जहां यमुना दिल्ली में प्रवेश करती है और पानी की गुणवत्ता की जांच करें, और फिर दिल्ली में पानी की गुणवत्ता की जांच करें। वे अंतर देखेंगे। दिल्ली में नदी को साफ करना हमारा काम नहीं है, यह अरविंद केजरीवाल का काम था, जो वह नहीं कर सके।"