
हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली द्वारा कैबिनेट मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि यह जानकारी मिली है कि आपने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के खिलाफ सार्वजनिक बयान दिए हैं। ये गंभीर आरोप हैं और पार्टी की नीति और आंतरिक अनुशासन के खिलाफ हैं।
3 दिन के भीतर लिखित स्पष्टीकरण दें
आपका यह कदम न केवल पार्टी की विचारधारा के खिलाफ है, बल्कि यह ऐसे समय में आया है जब पार्टी पड़ोसी राज्य में चुनाव प्रचार कर रही थी। चुनाव के समय, एक सम्मानित मंत्री पद पर रहते हुए, आपने यह जानते हुए भी ये बयान दिए हैं कि इस तरह के बयानों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचेगा और यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। ये कारण बताओ नोटिस आपको राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार जारी किया जा रहा है और आप इस विषय पर 3 दिन के भीतर लिखित स्पष्टीकरण दें।
घर जाऊंगा, ठंडे पानी से नहाऊंगा, रोटी खाऊंगा फिर बैठकर जवाब लिखूंगा
वहीं अनिल विज गत दिवस चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंचे थे, तभी मीडिया ने इस नोटिस को लेकर विज से सवाल किया तो उहोंने कहा - पार्टी की तरफ से भेजे गए शोकॉज नोटिस के बारे में उन्हें मीडिया से ही पता चला था, लेकिन जवाब मीडिया माध्यम से नहीं दूंगा, सीधा पार्टी हाईकमान को दूंगा। विज ने कहा कि मैं तीन दिन बाद बेंगलुरु से आया हूं। सबसे पहले में घर जाऊंगा, ठंडे पानी से नहाऊंगा, रोटी खाऊंगा फिर बैठकर जवाब लिखूंगा और पार्टी हाईकमान को भेजूंगा। मुझे ये पता नहीं है कि किसकी सहमति से पार्टी ने मुझे नोटिस भेजा है।
अनिल विज के वो बयान, जिनसे मचा था घमासान
बड़ौली को बनाया था टारगेट : प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली को लेकर अनिल विज ने 2 फरवरी को कहा था कि उन्हें पद से इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उन पर दुष्कर्म के आरोप में मामला दर्ज है। वह महिलाओं की मीटिंग किस तरह ले सकते हैं। सोनीपत के गोहाना में उन्होंने कहा था, हम तो महिलाओं को 30 प्रतिशत तक बढ़ा रहे हैं, ऐसे में धारा-376 का आरोपी प्रदेशाध्यक्ष नहीं रह सकता। हमारे बड़े-बड़े नेताओं पर भी आरोप लगे थे। आडवाणी पर भी आरोप लगे थे, उनका नाम आया था और उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। बड़ौली उनसे बड़े तो नहीं हैं। उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए।
सीएम सैनी पर भी साधा था निशाना..
उड़न खटोले पर नायब सैनी : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लेकर अनि विज ने 31 जनवरी को अंबाला में कहा था कि जिन लोगों ने मुझे चुनाव हराने की कोशिश की, चाहे वह अधिकारी थे, कर्मचारी थे या छुटभैये नेता थे, मैंने उन सबके बारे में लिखकर दिया। 100 दिन हो चुके हैं, इस मामले में न तो मुझसे पूछा गया, न ही कोई कार्रवाई हुई। मुझे शक था कि मुझे हराने के लिए किसी बड़े नेता के द्वारा यह काम किया गया है। हमारे मुख्यमंत्री, जब से सीएम बने हैं तब से उड़नखटोले पर ही हैं। नीचे उतरें तो जनता के प्रति देखें। ये मेरी आवाज नहीं है, सारे एमएलए सारे मंत्रियों की आवाज है।
बड़ौली की प्रदेश अध्यक्ष पद पर दोबारा नियुक्ति पर रोक लग गई थी
हालांकि बड़ौली का नाम जिस दुष्कर्म मामले में उछला था, उस मामले में हिमाचल पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले ही दुष्कर्म पीड़िता, उसके दोस्त और उसके बॉस सोनीपत भाजपा नेता अमित बिंदल के खिलाफ पंचकूला में हनीट्रैप की शिकायत दर्ज हो चुकी है, जिसके बाद पुलिस ने पीड़ित महिला को गिरफ्तार भी कर लिया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद बड़ौली की प्रदेश अध्यक्ष पद पर दोबारा नियुक्ति पर रोक लग गई थी।
बड़ौली के भविष्य में दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनने की राह आसान हो गई
बता दें कि विधानसभा चुनाव में बडौली प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा हाईकमान उन्हें दोबारा प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने को तैयार था, लेकिन दुष्कर्म के आरोप सामने आने के बाद उनके विरोधियों ने हाईकमान के समक्ष उन्हें दोबारा जिम्मेदारी देने पर आपत्ति जताई, जिसके बाद उनकी नियुक्ति टल गई है। चूंकि अब हिमाचल पुलिस ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश करने के बाद उन्हें क्लीन चिट देने की सिफारिश की है, इसलिए राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अब मोहनलाल बड़ौली के भविष्य में दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनने की राह आसान हो गई है और उनके राजनीतिक करियर पर मंडरा रहा संकट लगभग खत्म हो गया है।