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The Haryana Story | कौन हैं Zero To One..कैसे बने Music Artist ? जिन्होंने साया और फिरोज़ी को दिया बेहतरीन म्यूज़िक

कौन हैं Zero To One..कैसे बने Music Artist ? जिन्होंने साया और फिरोज़ी को दिया बेहतरीन म्यूज़िक

अपने अनहद नाद को फ़लक तक पहुंचाने के लिए म्यूज़िक आर्टिस्ट ज़ीरो टू वन (चिराग) ने अपने सपनों के ज़र्रे-ज़र्रे को सींचा

प्रतीकात्मक तस्वीर

इतना आसान नहीं है, उषा की किरणों को देख पाना भोर के अनुरागिनी प्रकाश में, अनहद नाद उठाना पड़ता है....

इतना आसान नहीं है, समुद्र की गहराइयों को छू पाना ख़ुद की लहरों को ही पहले,फ़लक तक पहुँचाना पड़ता है....

इतना आसान नहीं है, सपनों का सच हो जाना पलकों पर सजा कर उनको,ज़र्रा ज़र्रा सींचना पड़ता है... 

ऐसे ही अपने अनहद नाद को फ़लक तक पहुंचाने के लिए म्यूज़िक आर्टिस्ट ज़ीरो टू वन (चिराग) ने सपनों के ज़र्रे-ज़र्रे को सींचा है, अलबत्ता किसी आर्टिस्ट का सफर इतना आसान नहीं होता, जितना हमें उनके 'नेम एंड फेम' को देखने से लगता है। खासकर आज के प्रतियोगिता वाले दौर में म्यूजिक इंडस्ट्री में नाम और शोहरत कमाना कोई 'मासी का घर नहीं हैं' कुछ करने या बनने का सपना पूरा करने के लिए उस सपने को जीना शुरू कर देना चाहिए, तो वो दिन दूर नहीं जब आप सपने को पूरा करने के करीब भी होंगे और सपना पूरा भी होगा।

हालांकि सपने और हक़ीक़त के बीच गहरी खाइयां कभी-कभी हमें हमारे सपने से दूर करने की कोशिश करती हैं, लेकिन जुनून और जज़्बा अगर अंदर है तो आपको कोई अड़चन नहीं रोक सकती। ये कहना है हरियाणा के म्यूजिक प्रोड्यूसर 'ज़ीरो टू वन' का। गीत अथवा गानों में म्यूजिक देकर जान फूंकने वाले होते है म्यूजिक प्रोड्यूसर। 

'बीट' गीत की धड़कन

संगीत एक शक्तिशाली शक्ति है जो हमें ऐसे तरीके से प्रभावित कर सकती है, जो कोई और नहीं कर सकता। संगीत हमें खुश, उदास, क्रोधित या शांत कर सकता है और संगीत के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक इसकी 'बीट' है। 'बीट' एक गीत की धड़कन है, वह लय जो इसे आगे बढ़ाती है और हमें नाचने, अपने पैरों को थिरकने या साथ गाने के लिए प्रेरित करती है।

इस लेख में, हम 'संगीत में धड़कन' देने वाले आर्टिस्ट ज़ीरो टू वन' के उस सफर से आपको रूबरू कराएंगे, जिससे युवा वर्ग प्रेरणा ले सकता है।

म्यूज़िक प्रोड्यूसर 'Zero To One' का कहना है कि बीट्स किसी भी गीत की रीढ़ होती है, और यही वह चीज है जो गीत को उसकी लय देती है। यह नियमित अंतराल पर ध्वनियों का दोहराव है जो बीट्स बनाती है, और यही वह चीज है जो हमें संगीत के साथ तालमेल बनाए रखने में मदद करती है। एक मजबूत बीट हमें ऊर्जावान महसूस करा सकती है और हमारे शरीर को हिला सकती है, जबकि एक धीमी धड़कन हमें आराम करने और तनाव मुक्त करने में मदद कर सकती है। बीट्स ही एक गीत की गति निर्धारित करती है, और यही वह चीज है जो संगीतकारों को एक-दूसरे के साथ तालमेल बनाए रखने में मदद करती है।

बचपन से था जुनून

Zero To One फरीदाबाद के रहने वाले हैं, और बचपन से ही म्यूजिक में रूचि थी। 'Zero To One' बताते हैं कि फरीदाबाद के सेंट पीटर स्कूल में पड़ते थे, 2012 -13 में जब वो 6th-7th क्लास में थे, उन दिनों स्कूल में म्यूजिक और फिज़िकल की एक्स्ट्रा क्लासेज होती थी। तो मैंने म्यूजिक में पियानो क्लास लेनी शुरू कर दी। फिर मैंने पापा को बोलकर एक पियानो भी खरीद लिया था और फिर सी माइनर कोड, सी मेजर कोड, नोट्स, बेसिक म्यूजिक, थ्योरी सीखी। धीरे-धीरे फिर में यूट्यूब पर अपने मनपसंद गानों के बारे में देखता था कि इसे पियानो पर कैसे बजाएं ?

मुझे याद है कि फिर पहली बार मैंने स्कूल असेम्बली में भी मैंने गाना, 'चिकनी कमर पे तेरी मेरा दिल फिसल गया, स्ट्रॉन्ग्ली ये जादू तेरा मुझ पे चल गया' बजाया। जो सबको अच्छा लगा,तो बस यहां से और खुद पर और विश्वास बढ़ा, Influences हुआ कि और आगे जाना है, फिर टीवी पर भी गाने सुनता तो उनकी प्रक्टिस भी बजाने की प्रैक्टिस करता था। थोड़े समय बाद स्कूल में ये एक्स्ट्रा क्लास बंद हो गई थी। पर घर पर मेरी प्रैक्टिस जारी रही। दसवीं के बाद स्कूल चेंज कर लिया और नॉन मेडिकल लिया, उसमें मुझे नई चीज़ मिल गई C ++ मेरे को वो एक जरिया भी मिल गया कि घर वालों को ये बोलने का कि मुझे कंप्यूटर दिला दो, ज़िद्द की मुझे कंप्यूटर चाहिए ही चाहिए। मुझे कोडर बनना है मुझे c ++ सीखना है, फिर पापा ने कंप्यूटर दिला दिया। 

11th क्लास में बतौर म्यूजिक प्रोड्यूसर काम शुरू किया

जब कम्प्यूटर लिया था तभी एफ़एल स्टूडियो पता चला था कि क्या होता है (FL स्टूडियो एक म्यूज़िक प्रोडक्शन सॉफ़्टवेयर है, इसका इस्तेमाल करके आप अपने पसंदीदा गाने बना सकते हैं। FL स्टूडियो को मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है), फिर रीसर्च करके डैल का सीपीयू लिया। एफएल स्टुडिओ मेरे को एमसी ने गिफ्ट किया था। बस फिर ऐसे म्यूजिक की जर्नी स्टार्ट कर दी। ऐसा करके धीरे धीरे कुछ नई चीज़े करता रहा। मैंने 2017-2018 में सही मायनों में अपना म्यूजिक का सफर शुरू किया था, तब 11th क्लास में म्यूजिक प्रोड्यूसर मैंने शुरू किया था। बतौर ईडीएम म्यूजिक प्रोड्यसर (ईडीएम स्टैंड फॉर इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक) फिर c++ छोड़ दी। मेरा बचपन से ये मानना था कि किताबी कीड़ा नहीं बनना। अपनी बुद्धि का भी इस्तेमाल करना चाहिए, मेरी चटक बुद्धि है। 

.... वहां से फिर हिप हॉप की जर्नी स्टार्ट हुई 

जीरो टू वन ने बताया कि (Skrillex (स्क्रिल्लेक्स) American DJ and record producer) और ,Martin Garrix (मार्टिन गैरिक्स) Dutch DJ and record producer को देखा तो म्यूजिक के बारे में बहुत सारी चीज़े पता चली तो धीरे-धीरे सीख सीख कर आगे बढ़ता रहा। फिर 2020 में कोरोना आया। उन्हीं दिनों फरीदाबाद में बहुत बड़ा साइफर हुआ था। हमने उस टाइम क्या किया था कि इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट की थी कि टाउन पार्क में एक साइफर होने वाला है, जो - जो इंटरस्टेट हैं सारे आ जाओ, तो वहां से भी म्यूजिक लाइन से जुड़े साथियों के साथ सम्पर्क हुआ और उसके बाद नए प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हुए।

उस साइफर में फरीदाबाद के सारे आर्टिस्ट करीब 70 से 80 आर्टिस्ट इकठ्ठा हुए। वहां पर तहलका मच गया था, मैं, मनदीप और स्काई भाई आपस में जानते थे, मार्क भी जानता था थोड़ा बहुत, फिर वहां से एमसी स्क्वेयर भाई मिले, गुज्जर एचबी मिले फिर बहुत सारे आर्टिस्ट मिले तो वहां से फिर हिप हॉप की जर्नी स्टार्ट हुई थी। आपसी भाईचारा बढ़ा, मिलते रहे फिर मिलकर बहुत सी चीज़े करते रहे तब से ये चीज़े कंटीन्यू हो रही हैं। 

ज़ीरो टू वन से पहचान बनाने को लेकर कहा - ये तो बहुत बड़ी मिस्ट्री

मेरी रूचि म्यूजिक में थी तो पढ़ाई के साथ-साथ दिमाग म्यूजिक की तरफ ज्यादा दौड़ता था। जब उनसे सवाल किया कि एक साधारण परिवार से होने और कई बार सामाजिक सोच के चलते कई बार कई तरह की दिक्क्तें सामने आती हैं, कभी पैसा तो कभी परिवार या लोगों का रोकना-टोकना, तो ऐसे में पैसा और सयंम दोनों जरुरी है तो इस स्थिति में म्यूजिक लाइन को कैसे चूज़ किया।

म्यूजिक को मैंने बड़ा होकर चूज़ नहीं किया, एक दिन ऐसा ही अकेला बैठा हुआ था सोच रहा हूं, अकेला बैठा हुआ हूँ अपने आप से बातें कर रहा हूँ तब मुझे फील हुआ कि मैं म्यूजिक इस टाइम से नहीं कर रहा था मैं तो म्यूजिक बचपन से कर रहा था। वहीं अपने सही नाम को न बताकर ज़ीरो टू वन से पहचान बनाने को लेकर उन्होंने कहा ये तो बहुत बड़ी मिस्ट्री है। 

अंडे की ट्रे को एकॉस्टिक पैनल के तौर पर किया इस्तेमाल

उन्होंने बताया कि पहले उनका संयुक्त परिवार था, फिर धीरे-धीरे परिवार अपने अपने हिसाब से अलग रहने लगा। वो जिस मकान में शुरू से रहते थे उसी में ही एक कमरा बनाया और उसको स्टूडियो का रूप दिया। उसके पीछे की कहानी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जब म्यूजिक की काफी हद तक समझ आ गई थी और अपना कुछ सामान भी हो गया था तो मैंने मम्मी पापा को बोला कि मैं स्टूडियो बनाऊंगा उन्होंने कहा कि जो करना है कर, पर पैसा न माँगना। रोक टोक नहीं है।

मेरे पापा ये बोलते थे क्या बनाता रहता है ये ? क्योंकि उन दिनों पैसे वैसे होते नहीं थे, तो स्टूडियो के लिए एकॉस्टिक पैनल चाहिए था तो क्या करूं ? पैनल बहुत महंगे थे तो अंडे की ट्रे लगा कर एकॉस्टिक पैनल की जरूरत को पूरा किया और फिर काम शुरू कर दिया। पिता मोबाइल की एसेसीरीज की रेहड़ी लगाते हैं और माँ हाउस वाइफ है।

पढाई, म्यूजिक के साथ दुकान भी संभाली

दरअसल पहले पापा एक कम्पनी में जॉब करते थे, लेकिन वहां किसी के साथ कुछ गलत हुआ था और पापा ने उस इंसान का साथ दिया था, क्योंकि वो इंसान सही था, जबकि उसके साथ गलत किया जा रहा था। उनके स्पोर्ट में मेरे पापा खड़े थे, जिसके चलते उनको नौकरी से निकाल दिया। उनकी जॉब जाने के बाद आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई थी, यही वजह थी कि उन्होंने मुझसे कहा था, जो करना है कर पर पैसा नहीं मांगना, वहीं दूसरी तरफ मुझे कभी मजबूर भी नहीं किया कि मैं कमाकर उन्हें दूं, वैसे उन्होंने कभी मेरे ऊपर घर का बोझ नहीं डाला।

बस एक बात कहते थे अपना काम कर हमसे न मांग, गालिया भी सुनी हैं, ताकि मैं मजबूत बनूं। हालाँकि जरुरत पड़ने पर उन्होंने हर जगह साथ भी दिया। नौकरी जाने के बाद पापा ने मोबाइल एसेसिरीज की रेहड़ी लगाने का मन बनाया। रेहड़ी के लिए सबने मना किया, लेकिन पापा ने अपनी रेहड़ी बनवाई और मोबाइल एसेसिरीज का काम शुरू किया, साथ ही घर में भी दुकान बनाई है। पढाई, म्यूजिक के साथ मैं घर की दुकान भी सम्भलता था। 

...इस घटना को यादगार बनाने के लिए बनवा लिया टैटू

सुबह उठता हूँ तो सुबह-सुबह घर में भजन बजते हैं, उससे एक अलग फील होती है अंदर, बहुत इमोशंस होते है। भजन के Influences का भी रूट्स थोड़ा अंदर है। अगर आपके पास कोई स्टोरी है तो म्यूजिक है, कोई ऐसी स्टोरी ? म्यूजिक इमोशंस से जुड़ी है, इसलिए जो दिल से एक लाइन भी बोल रहा है ना तो ऑडियंस उससे कनेक्ट होगी। जज़्बात, हैप्पीनेस उसका स्ट्रगल वो उसका दिख रहा है, क्योंकि वो दिल से कर रहा है। तो इस पर अपने कुछ खट्टे मीठे अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि के बार प्रोजेक्ट बहुत हैवी होने के कारण सीपीयू खराब हो गया, प्रोडूसर के लिए तो ये जरुरी चोज़ थी।

ऐसे ही एक बार लैपटॉप भी खराब हो गया और नए लेने का जुगाड़ नहीं था। 2019 में जब सीपीयू लिए था और सीपीयू बैग में लेकर घूमता था। किसी से मॉनिटर अरेंज करते फिर काम करते थे। एक दिन काम करते-करते प्रोजेक्ट इतना हैवी हो गया एकदम से ब्लैक स्क्रीन, साइड से चिंगारी और धुंआ निकल रहा था, 2022 की बात है। तब इस घटना के बाद से हमेशा यादगार के लिए चिंगारी उठने हुए सीपीयू का टैटू अपनी बाजु पर बनवा लिया, जो हमेशा उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। 

थोड़ा संघर्ष दौर भी चला

उस दौरान कुछ तो करना है सोच के घर से निकला और Paytm में जॉब की, हालांकि जॉब के लिए करीब एक महीना धक्के खाए. गुरुग्राम के एक दोस्त के साथ किराये के फ्लैट में रहता था, रोज़ इंटरव्यू देता था। कई जगह रिजेक्शन मिलती तो कई जगह सिलेक्शन के बाद ट्रेनिंग पीरियड पर रखने की बात कहते तो अगले दिन इंटरव्यू देने दूसरी जगह चला जाता था। पर अंत में वहीं सिलेक्ट हुआ जहां पहली बार रिजेक्ट हुआ था।

क्योंकि मैं एक महीने बाद फिर वही इंटरव्यू के लिए पहुँच गया था। वहां मैंने अच्छा काम किया। कस्टमर सटिस्फैक्शन के रेटिंग के बाद कम्पनी इनाम देती थी तो मुझे दिन में 10 -10 चॉकलेट मिलती। ऐसे में मुझे पहली सैलरी से पहले बोनस भी मिल गया था और फिर मेरी पहली सैलरी भी आ गई, उस सैलरी से मैंने वो उधार उतारी जो मैंने इधर उधर से मैनेज कर एक महीने अपना काम चलाया था। 

ख़ूब जी जान से काम किया

फिर मन में आया कि ये काम मेरे नहीं बना, मैं यही करता रहा तो पीछे छूट जाऊँगा। ये चीज़े तेरे नहीं बनी अब अगर फिर से म्यूजिक शुरू करूँ तो उसके लिए फिर लैपटॉप चाहिए था, सारा सेटअप चाहिए था। फिर मनदीप भाई से लैपटॉप अर्रेंज किया और 2023 पूरा उस लैपटॉप से काम किया। बहुत से प्रोजेक्ट्स रिलीज़ करे, खूब जी जान से काम किया और पैसे कमाए। यम यम प्रोजेक्ट किया, पिल पॉप पेंडिंग है, स्काई भाई के साथ द एन्ड बनाया, मनदीप के साथ फैट कैश बनाया, करते करते एक टाइम ऐसा आया जब खुद पर प्राउड हुआ। फिर म्यूजिक प्रोडक्शन के लिए मुझे जो सेटअप चाहिए था उसे खरीदने के लिए 50 % अमाउंट मेरे पास इकट्ठा हो गई थी और 50 % मैंने पापा से लिए और जनवरी 2024 में मैकबुक एयर M2 और जरूरत का सामान लेकर आया। 

फिरोज़ी के पीछे की कहानी

साया और फिरोज़ी को बेहतरीन म्यूजिक देने वाले हिप हॉप म्यूजिक आर्टिस्ट zero to one से जब पूछा कि क्या आपका म्यूजिक हरियाणानवीं कल्चर से रिलेट करता है, तो इस पर उन्होंने कहा है कि फिरोज़ी के गाने 51 गढ़ में हरियाणवी, पंजाबी, हिंदी, इंग्लिश सब है। उसकी वजह है कि फिरोज़ी की टीम में हम 6 लोग हैं, जिसमें गुज्जर एचबी, एमसी स्क्वेयर भाई ये हरियाणवी हैं, मनदीप, मार्क और स्काई भाई पंजाबी है, मैं पंडित, तो सारा मिक्सचर है।

फिरोज़ी को बनाने के पीछे की कहानी को बताते हुए उन्होंने बताया कि 27 जनवरी 2024 को गुज्जर एचबी की जन्म पार्टी थी, उस दिन सब एक साथ थी, पार्टी खत्म होने के बाद सब घर चले गए, लेकिन अचानक सुबह 5 :30 एमसी भाई घर आये और बोले कि ज़ीरो मुरथल तक जाना है, लैपटॉप उठाया और बिना नहाए चल पड़ा, तब गाड़ी में बैठते ही एमसी भाई ने कहा जीरो 'तू हो गया किडनैप, अब तू नहीं जाएगा घर' तब वो ट्रिप 15 दिन की हुई। दो कारों में हम सभी कर्नाटक कुर्ग गए। यहां फिरोज़ी के पांच गाने यहा तैयार किए। फिर वापसी आकर लगा कि दो गाने और होने चाहिएं। तो let it be और look this is love फरीदाबाद में ही आकर बनाए। 

इमोशन डिलीवर करते हैं म्यूजिशियन

लाइव शो हों और टिकट या पेड करके लोग देखने जाएं, जैसे पंजाब इंडस्ट्री में होता है या बॉलीवुड में होता है तो उसके लिए क्या होना चाहिए। इस ज़ीरो ने कहा कि have to pay and watch ये होना चाहिए क्योंकि केवल आर्टिस्ट से इंडस्ट्री नहीं चलेगी, इसमें लोगो को भी आना पड़ेगा। क्योंकि एक आर्टिस्ट के लिए यही जीविका का साधन है। म्यूजिशियन इमोशन डिलीवर करते हैं, तभी हम देखते हैं कई गायकों के शो में लोग हाई पे करते हैं। यहां हरियाणा में भी लोग Pay करेंगे जरूर, अगर आर्टिस्ट को पसंद करते हैं तो। ज़ीरो ने कहा अपने पसंदीदा गायकों के शो को मैंने खुद Pay करके देखा है। हरियाणा में जहां तक है अभी तक ढांडा भाई के लाइव शो हुए हैं, बाकि तो किसी कल्चरल फेस्ट, युथ फेस्ट और चुनावी रैलियों में शो करते हैं, जो पब्लिक पेड नहीं होता। 

हरियाणा के आर्टिस्ट क्या- क्या नई चीज़े कर रह है, वो प्रोसेस देखने में तो बहुत आता है मज़ा

हरियाणवी म्यूजिक में साउंड कैसे इवॉल्व (बढ़ रहा है) ये देख के बहुत अच्छा लग रहा है। हरियाणा के आर्टिस्ट क्या- क्या नई चीज़े कर रह है, वो प्रोसेस देखने में तो बहुत मज़ा आता है। क्योंकि प्रोसेस ही मेन है, I love the प्रोसेस, क्योंकि ये मेरा मानना है। मैं अपनी वक्तिगत करूं तो मेरा कोई लैंग्वेज बैरियर नहीं है, मैं एक म्यूजिक प्रोड्यूसर हूं, म्यूजिक कनेक्ट थे पीपल, धुन की कोई भाषा नहीं है, धुन का इमोशन है।

मार्क की लिखावट को तारीफ की कि कैसे एक शब्द को निचोड़ देता है, स्काई का वोकल टेक्सचर बहुत अच्छा है और हमरी टीम में सबसे ज्यादा अनुभवी स्काई भाई हैं, फिर एचबी भाई, ये बहुत टाइम से करते आ रहे, इसलिए उनकी इस अनुभव की बहुत रेस्पक्ट है। संगीत में एक गीतकार, संगीतकार, गायक सबके सहयोग से प्रोसेस पूरा होता है। और आज हरियाणा की म्यूजिक इंडस्ट्री बहुत ग्रो कर रही है ये देख कर अच्छा लगता है। सरकार ने गैन कल्चर पर भी बैन कर दिया है, ये एक अच्छा फैसला है। ज़ीरो ने कहा कि हरियाणा में सभी आर्टिस्ट अच्छाकर रहे है, ढांडा भाई, वैम भाई, पैरा भाई (पैराडॉक्स) भी काफी अच्छा कर रहे हैं। 

हिप हॉप टर्निंग पॉइंट था

बतौर म्यूजिक प्रोड्यूसर ऐसा भी हुआ कि काम होगा पर नाम नहीं होगा। हिप हॉप ने दिया इनकम का सोर्स दिया था, मुझे विश्वास हुआ था कि मैं म्यूजिक से कमा सकता हूँ, हिप हॉप टर्निंग पॉइंट था। रियल लाइफ में कैसे रहते हो, क्या खाते हो क्या पहनते हो, कहाँ घूमते हो, क्या-क्या करते हो....Being real is the hip hop, फिर मैं और डेडिकेटेड ही गया। I Am Busy पहला ट्रक था, जिससे कमाया और लगा कि मैं म्यूजिक से कमा सकता हूँ। पर ट्रैक से अर्न करना लग चीज़ है और स्कील से अर्न करना अलग। अगर तुम्हारी म्यूजिक प्रोडक्ट में दम है तो वो बोलेगा, मैंने बहुत काम किया है, बहुत मेहनत की है, मैं अपने spotify पर वही म्यूजिक रखता हूँ जो मुझे चाहिए। हालात, मोरल ऑफ़ था स्टोरी,गुलामी, फिरोज़ी डॉन,लम्बो, The End, Big ill इन सबमें म्यूजिक दिया।

एक्सपेरिमेंट करना पसंद

मुझे म्यूजिक करना था वो कर रहा हूँ, अभी और भी बहुत कुछ करना है, आगे म्यूजिक में क्या करना चाहते हो तो इस पर ज़ीरो ने कहा कि एक तो grammy अवार्ड लाना चाहते हैं और एक चीज़ में नहीं रहना एक्सपेरिमेंट करना मुझे पसंद है। फ्री स्टाइल लाइफ, जो बनेगा अच्छा बनेगा, एक बार अच्छा नहीं बनेगा, लेकिन कभी तो बनेगा। साथ ही अपने विज़न के बारे में ज़ीरो ने बताया कि मैं प्रोडूसर कम्युनिटी के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं, उनके लिए कोई उतना नहीं करता जबकि उनकी मेहनत कितनी होती है। अपनी मेहनत के हिसाब से वो जो डिजर्व करता है, वो पूरे गाने के पीछे होता है, साउंड देता है तो उसको वो मिलना चाहिए डिज़र्व करता है।

मैं अपनी बात लेता हूँ अपना ही प्रोडूसर हूँ, म्यूजिक इंजीनियर हूँ, मिक्स इंजीनियर, साउंड रिकॉर्डिंग इंजीनियर, अरेंजमेंट डिज़ाइनर हूं। इसलिए मुझे उनकी मेहनत का पता है। ज़ीरो को कौन से ट्रैक पसंद है इस पर उन्होंने कहा कि ए आर रहमान का गाना आदंगाथा असुरान, महान प्रोड्यूसर का रुतबा Ep गाने सुन के दिल खुश हो जाता है। Skrillex (स्क्रिल्लेक्स, American DJ and record producer ऑल टाइम फेवरेट हैं। ज़ीरो को नई नई चीज़े सुनना पसंद है, क्योंकि कुछ नया सिखने को मिलता है। कई चीज़ें हिट कर जाती हैं जो कुछ न्य करवाती हैं। एक आर्टिस्ट के लिए घूमना बहुत जरुरी है और कान हमेशा खुले रहना चाहिए। 

युवाओं को सन्देश

उन्होंने युवाओं को सन्देश देते हुए कहा कि अपने आप से प्यार करो। आप अपने आप से प्यार नहीं करोगे तो दूसरों से कैसे करोगे, अच्छे इंसान बनो, इंसानियत को ज़िंदा रखो। सेल्फ लव बहुत जरूरी है। समय चलता रहता है और इसलिए रुकना नहीं, आगे बढ़ने के कुछ नए के जरिये निकालने हैं। अपने आप से खुद क्वेश्चन करें और खुद ही उनका समाधान निकालें। अपने लिए अच्छे सपने देखें और और उन्हें पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करें।

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