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The Haryana Story | कौन हैं म्यूजिक आर्टिस्ट NYN, जानें उनकी दिलचस्प म्यूज़िकल जर्नी के बारे में

कौन हैं म्यूजिक आर्टिस्ट NYN, जानें उनकी दिलचस्प म्यूज़िकल जर्नी के बारे में

युवा म्यूज़िक आर्टिस्ट NYN हरियाणा म्यूजिक इंडस्ट्री में एक जाना-माना नाम है

म्यूजिक आर्टिस्ट NYN

हरियाणा में प्रतिभा की कमी नहीं है, एक से होनहार कलाकार, हुनरमंद युवा अपनी योग्यता को पहचान कर अपना और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक युवा म्यूज़िक आर्टिस्ट NYN के बारे में जो हरियाणा म्यूजिक इंडस्ट्री में एक जाना-माना नाम है, लेकिन वो इस मुकाम तक पहुंचे कैसे ? ये जानने के लिए आप ये लेख जरूर पढ़ें, जो उन्हीं के शब्दों में आपके सामने प्रस्तुत है.... 

म्यूजिक से पहले आर्ट एंड क्राफ्ट या क्रिएटिविटी की चीजों में भी काफी रुचि थी

बता दें कि म्यूजिक आर्टिस्ट NYN फरीदाबाद से हैं और उनकी स्कूलिंग भी यहीं हुई, NYN के पेरेंट्स मूल रूप से बिहार बेगूसराय के रहने वाले हैं। NYN ने बताया कि उनका कल्चर थोड़ा मिक्स है। हरियाणा और बिहार दोनों मिक्स है। NYN को म्यूजिक से पहले आर्ट एंड क्राफ्ट या क्रिएटिविटी की चीजों में भी काफी रुचि थी। पेंटिंग, स्केचिंग, डांसिंग का काफी शौक था।

म्यूजिक का शौक धीरे-धीरे हुआ। NYN ने अपने म्यूजिकल सफर के बारे में अनुभव साझा करते हुए बताया कि मैं 2013 में जब वो कक्षा 8 वीं के छात्र था, तो स्कूल में डांस गतिविधियों में भाग लिया करता था। डांस क्लासेज के लिए डांस एकेडमी भी जाया करता था, लेकिन इस हुनर में आगे बढ़ने के लिए स्कूल में ज्यादा ऑपर्च्युनिटी नहीं मिली। कभी स्कूल के एनुअल डे पर परफॉर्मेंस की तो वो ग्रुप में ही होती थी, तो कोई खास मोटीवेशन या ऑपर्च्युनिटी नहीं मिली डांस को लेकर। मेरा मन था डांस में जाऊंगा। पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी।

मुझे भी हारना नहीं..

NYN ने आगे बताया कि पिता जी एलपीजी गैस डिलीवरी का काम करते थे। अब खुद की गैस एजेंसी है. इस बीच आये उतार चढ़ाव का भी NYN ने आगे इसी लेख में जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि अपने पापा से सिखा कि कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, चाहे परिस्थितियां विपरीत भी हों। पिता को देख प्रेरणा मिलती है कि जब इस उम्र में ये इतने हार्ड वर्किंग हैं, कभी नहीं रुके, लगातार आगे बढ़ रहे है तो मुझे भी हारना नहीं है। NYN के बड़े भाई ने जॉर्जिया में एमबीबीएस कर रहे हैं।

पढ़ाई में रूचि कम और क्रिएटिव चीज़ों में ज्यादा थी

NYN ने बताया कि बचपन में उनके अंदर कुछ करने का कैलिबर था पर पैशन नहीं, जबकि पैशन से कोई काम करो तो फिर वो हो ही जाता है। धीरे-धीरे पैशन भी आ गया। उन्होंने कहा कि म्यूजिक में कितना कुछ सिख लिया, पर अभी भी कुछ सीखना बाकी है, सीखना हमेशा चलता रहेगा। NYN ने बताया कि उनके घर से कोई क्रिएटिव फील्ड में नहीं है। स्कूल लाइफ में पेरेंट्स उन्हें लेकर बहुत कंसर्न रहते थे, क्योंकि इनकी रूचि पढ़ाई में कम और क्रिएटिव चीज़ों में ज्यादा थी। स्कूल से स्कूल से एकेडमिक्स को लेकर कंप्लेन आती थी। म्यूजिक का शौक इतना हो गया था कि अपने काम पर फोकस करना शुरू कर दिया था। स्कूल में एग्जाम चल रहे होते थे और मैं रात-रात को लाइव स्ट्रीम कर रहा होता था, दोस्त कहते थे भाई पढ़ ले अगले दिन एग्जाम है, क्या कर रहा है तू, लेकिन मैं म्यूजिक के लिए रात-रात को जागता था। मैं खुद से ही म्यूजिक प्रोडक्शन सीख रहा था।

डांस टू म्यूजिक सफर

NYN ने बताया कि म्यूज़िक के लिए उनकी शुरुआत पियानो से हुई थी, 7-8  वीं क्लास तक तो डांस में रूचि थी, लेकिन जब मैं 8 वीं क्लास में था तो 3 फरवरी को मेरा बर्थडे था और मार्केट में शॉपिंग वगैरह कर रहा था तो एक टॉय शॉप पर छोटा सा पियानो देख उसे खरीदने का मन हुआ, हालाँकि जब छोटा था तो वो मेरे पास पहले भी था, लेकिन टूट गया था। फिर से लेने का मन कर गया, बर्थडे गिफ्ट के तौर पर मैंने पियानो खरीद लिया।

अब क्या हुआ कि मैं छोटे-मोटे कवर्स खुद निकालने लगा। हालांकि सारेगामापाधानीसा या म्यूज़िक की कोई भी जानकारी नहीं थी, लेकिन शौक था और रैंडमली कीज़ प्रेस करता और गाने के कवर निकाल लेता था। नेचुरली मेरे कान ट्यून्ड थे कोई पर्टिकुलर सॉन्ग को लेकर, जैसे 'तुम ही हो' मैने उस टाइम कवर किया था। पहला सॉन्ग जो मैंने अपने आप फाइंड आउट करके एक-एक नोट को बजा-बजा के बनाया वो 'तुम ही हो' है।

सर भी सरप्राइज़ हो गए कि ये तो ये तो बिल्कुल एक्यूरेट निकाला

जब मैं ऐसे गाने निकाल रहा था तो मुझे मज़ा सा आ रहा था, तो मेरा बड़ा भाई कहता कि चल मैं तुझे चैलेंज करता हूं तो ये गाना निकाल के दिखा दे, फिर भले मेरे को घंटे लग रहे हैं फिर भी में निकाल के सुना देता था। उस टाइम स्कूल में विक्की सर हमारे म्यूजिक टीचर थे, उनसे भाई ने मिलवाया, जब म्यूजिक का पीरियड लगता था तो भाई म्यूजिक क्लास में जाता था।

भाई ने सर को बताया था कि मेरा भाई है, ऐसे उसने गाना निकाला है, तो सर ने मुझे बोला कि चल प्ले करके दिखा, तो बड़ा सा कीबोर्ड रखा था यामाहा का, मैंने सॉन्ग प्ले कर दिया, उस टाइम ऐसा कोई दौर भी नहीं था कि यू ट्यूब का कि यूट्यूब से देखकर सिख लूं। खुद से ही फिगर आउट किया था। सर भी सरप्राइज़ हो गए कि ये तो ये तो बिल्कुल एक्यूरेट निकाला है। फिर उन्होंने मोटिवेट किया। फिर कीबोर्ड खरीदने की सलाह दी। 9 वीं कक्षा में 2014 में जन्म दिन पर बड़ा कीबोर्ड मांगा, पेरेंट्स ने दिला दिया। वैसे उन्होंने कभी कोई कमी नहीं आने दी, हमेशा सपोर्ट किया।

जब पहली बार स्टेज पर किया परफॉर्म...हाथ कांप रहे थे

फिर बड़ा कीबोर्ड लेने के बाद इससे मेरी प्रैक्टिस स्टार्ट हुई, विक्की सर ने मुझे काफी ऐसे ट्यूटोरियल दिए, काफी गाइडेंस दी। सर ने फिर मोटिवेट किया कि स्टेज पर लाइव परफॉर्म करे। 'तुम ही हो' इसका दोनों हाथ से ट्यूटोरियल सर ने दिया। दोनों हाथ से प्ले करना सीखा। पहले मैं एक हाथ से कर रहा था, फिर मैंने दोनों हाथों से प्रैक्टिस की। फिर मुझे मॉर्निंग असेंबली में परफॉर्मेंस करने को बोला।

मैं अकेला पहली बार स्टेज पर...डांस में बैकग्राउंड में पीछे होता था तो कभी इतना डर नहीं लगा, जब पहली बार अकेले सोलो करने चढ़ा तो डर था, बिलकुल शांति थी सिर्फ हवा और चिड़िया के चहचहाने की आवाज आ रही थी बाकी बिल्कुल शांति थी। सीनियर क्लास वालों का एग्जाम चल रहा था। मेरी परफॉर्मेंस चल रही थी, मेरे हाथ कांप रहे थे। फिर भी ध्यान रखा कि कोई गलती ना हो। बच्चे जो ऊपर एग्जाम लिख रहे थे, उन्होंने अपना एग्जाम पोज़ किया हुआ था, बाद में काफी लोगों ने बताया मुझे की हमारा एग्जाम था और तुझे सुनने के लिए हमने अपने पैन रोक लिए थे।

टीचर भी खिड़की से झांक रहे थे कि क्या चल रहा है स्टेज पर। ये सब चीजें मुझे बाद में पता चली। सब खुश हुए, ताली बजा रहे, वो 'एक टर्निंग प्वाइंट' था, जहां से मैने म्यूजिक शुरू किया, एप्रिशियेशन मिला, जानने लगे कि NYN म्यूजिक प्ले करता है। पहली दफा ऐसा हुआ था कि लोगों से इतनी एक्नॉलेजमेंट मिली। जैसे ही स्टेज से उतरा तो सब एक एक करके खूब तारीफ कर रहे थे।

जब पता चला एफ एल स्टूडियो के बारे में..

वहां से मैं सीरियस हुआ म्यूजिक को लेकर, विक्की सर बहुत गाइड करते रहे, एडवांस टेक्नोलॉजी सीखी, बहुत कि कम ड्यूरेशन में बहुत कुछ सीखा। एक बार एनुअल डे पर आर्केस्ट्रा परफॉर्मेंस को तैयारी कर रहे थे। प्रैक्टिस के बीच मैंने देखा विक्की सर कंप्यूटर पर लगे हुए थे, हम प्रैक्टिस कर रहे थे, मैंने वैसे ही जाके देख लिया कि क्या कर रहे हैं सर, तो देखा कि सर एफएल स्टूडियो यूज़ कर रहे थे। कुछ एडिट और मिक्स कर रहे थे।

वहां से मुझे पता चला प्रोडक्शन के बारे में। सर से मैंने पूछा कि सर ये क्या चीज है, आप क्या कर रहे हो, सर ने बताया कि वो कुछ एडिट कर रहे है और इस सॉफ्टवेयर का पर्पस म्यूजिक बनाना है। उस टाइम थोड़ा बहुत सर ने बताया। कुछ टेक्निकल वर्ड्स उन्होंने समझाए। उस टाइम तो दिमाग में कुछ खास पल्ले नहीं पड़ा, बस ये था कि कुछ चटक सा विजुअल है सामने और हरी, नीली, पीली लाइन थी, जो समझ नहीं आई। फिर मैं वो जानने के लिए इंटरेस्टेड सा हो गया। उस चीज ने मेरा ध्यान खींच लिया। 

साथियों ने सजेस्ट किया कि एफएल स्टूडियो पीसी वर्जन यूज़ करो

फिर सर ने मुझे एफएल स्टूडियो मोबाइल का सॉफ्टवेयर दिया। कहा कि मोबाइल वर्जन में थोड़ा बहुत सिख ले तुझे कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाएगा और प्रोडक्शन की समझ आ जाएगी। जब मैं स्टार्टिंग में मोबाइल में एफएल स्टूडियो देखता था तो बहुत दिक्कत आती थी, थोड़ा कॉम्प्लेक्स लगता था कि क्या है यार ये। फंक्शन तो थोड़ा बहुत समझ गया, लेकिन म्यूजिक कैसे बनाऊं, इंप्लीमेंटेशन कैसे होगी ये समझ नहीं आया। फिर एक दूसरा ऐप था। म्यूजिक मेकर चैंप करके, सजेशन में, उसमें अलग-अलग तरह के टेम्पलेट्स पड़े थे, जैसे हिप हॉप, उसमें अलग-अलग टेम्पलेट्स को सुना, गिटार को सोलो में सुन सकते है। वहां से काफी चीजें क्लियर हुई। फिर मैंने थोड़े हाथ पैर मारने शुरू किए एफएल स्टूडियो पे।

जितने उसमें रिसोर्सेस अवेलेबल थे उतने में ही मैं म्यूजिक बनाता था, छोटी मोटी कोई बीट बना ली, विक्की सर को शेयर करता रहता था। कई लोगों से मुझे सजेशन भी मिली, फेसबुक पर मैंने इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक का एक ग्रुप भी ज्वाइन कर लिया था, उसमें मै गाने शेयर करता था। अपनी बीट शेयर करता कि मैंने ये बीट बनाई है छोटी सी फिर वो बताते थे, ठीक है, बढ़िया है, फिर कई लोगों ने सजेस्ट किया कि आप एफएल स्टूडियो पीसी वर्जन यूज़ करो, जो आप यूज़ कर रहे हो उसमें बहुत लिमिटेशन हैं। आप पीसी वर्जन पर आओ वो पूरा यूनिवर्स है,  जिसमें बिना किसी लिमिटेशन के आइडिया इंप्लीमेंट कर सकते हो।

9वीं क्लास से प्रोडक्शन सीखने पर ज़ोर

मैने दोबारा सर को बोला कि सर मुझे वो सॉफ्टवेयर दे दो, तो सर ने दिया। ये पूरी कहानी 9वीं क्लास की है। इन दिनों मैं पियानो की भी प्रैक्टिस कर रहा था, प्रोडक्शन भी सीखने की कोशिश कर रहा था। रोहित शर्मा और आशुतोष तिवारी दोस्त थे स्कूल में, ये भी मेरी तरह इसी चीज में लग गए थे, इनके साथ आपस में बैठकर थोड़ा बहुत सीखना चालू हुआ। उस टाइम पियानो को ही ज्यादा टाइम देता था, प्रोडक्शन को उतना टाइम नहीं दे पाता था। प्रोडक्शन का टाइम 11वीं कक्षा से शुरू हुआ और पियानो की उस टाइम थर्ड ग्रेड की प्रैक्टिस कर रहा था और कॉमर्स ली हुई थी।

पियानो क्लास के लिए जिद्द की, क्योंकि खुद से इतना नहीं सीख पा रहा था, विक्की सर बताते थे, लेकिन वो गिटारिस्ट है। वो भी कितना बताएंगे। इसलिए क्लासेज लेने का मन बनाया। मैं प्रैक्टिस करके इतना तैयार हो गया था कि मैं कोड्स प्ले करना, कोई गाना चल रहा है तो गाने का कीज़, किस स्केल पर गाना बज रहा है उसको डिटेक्ट के पा रहा था खुद से तो इस लेवल तक विक्की सर ने मुझे पहुंचा दिया। लेकिन मुझे था कि अभी मुझे और भी बहुत कुछ सीखना है। 11वीं में जब मैं आया तो एक सर थे, जो डीपीएस में म्यूजिक पढ़ाते थे उनसे पियानो सीखना शुरू किया। 

12वीं बोर्ड की क्लास आई तो पढ़ाई का दबाव हो गया

फिर जब 12वीं बोर्ड की क्लास आई तो पढ़ाई का दबाव हो गया, पढ़ाई को लेकर कंप्लेन आने लगी, फिर मम्मी-पापा भी गुस्सा होने लगे और कहा पियानो क्लास बंद कर और पढ़ाई पर ध्यान दे, अगले साल से कर लेना, जो भी करना है। तो परिवार वालों के हिसाब से तो मैंने पियानो तो बंद कर दिया, लेकिन मेरे पास लैपटॉप था, रात को जागता रहता था और एफएल स्टूडियो पर टाइम स्पेंड करता था। मैं गाने पर गाने बजाए जा रहा हूँ। जितना मुझे आता था मैं उस पर प्रैक्टिस करता रहता था। पियानो थोड़ा कम हो गया, लेकिन प्रोडक्शन को लेकर थोड़ा डीप डाउन चला गया। काफी चीजें एक्सप्लोर करने लगा। फिर 12 वीं पास आउट की, मैंने पैरेंट्स को बोल दिया था कि ज्यादा पर्सेंट की उम्मीद मत करना, जस्ट पास करना है मुझे तो।

माइंड सेट हो चुका था कि म्यूजिक करना है, कॉमर्स मेरे काम की नहीं

मेरा माइंड सेट हो चुका था कि म्यूजिक करना है, कॉमर्स मेरे काम की नहीं। फिर मैंने एक साल ड्रॉप किया था, किन्हीं कारणों से पापा ने जॉब छोड़ दी थी, थोड़ा फाइनेंशियल प्रॉब्लम थी, उस टाइम नया बिजनेस भी शुरू करना चाह रहे थे, लेकिन उस टाइम 2017 में भाई भी जॉर्जिया गए थे, तो थोड़ा आर्थिक दिक्कत थी। उनकी भी फीस जाती थी।

हालांकि मेरा भी मन था कि बाहर जाऊं वहां की यूनिवर्सिटी से म्यूजिक सीखूं , फिर सोचा इंडिया में ही देख लेता हूं कहीं चेन्नई या मुंबई या पुणे साइड में देख लेता हूं, तो एक बार चेन्नई गया लेकिन वहां ऑडियो इंजीनियरिंग का ऑप्शन मिला नहीं। फिर मैं एआर रहमान का केएम म्यूजिक कंज़र्वेटरी है उधर गया था तो वहां प्रोडक्शन का पार्ट टाइम कोर्स था। फिर सोचा कि हफ्ते में दो दिन क्लास होगी, बाकी 5 दिन मैं क्या करूंगा। घर से दूर भी रहूंगा, फायदा क्या ? उस टाइम सिर्फ प्रोडक्शन को लेकर रुचि थी।

ऑडियो इंजीनियरिंग की, जिससे जो चीजें मिस हो गई थीं, जो डाउट्स थे वो क्लियर हो गए

इंटरनेट का दौर आ चुका था, उसके जरिए मैंने बहुत कुछ सीखा, बहुत सारी टेक्निकल टर्म्स सीखी। जब खुद से सिख रहे होते है तो बहुत सारी मेज़र और माइनर चीज़ें रह जाती हैं। कन्फ्यूजन क्रिएट करती हैं और ये एक पज़ल सॉल्व करने जैसा है, जब कहीं से कोई गाइडेंस नहीं मिल रही होती। 2019 में पता चला कि गुरुग्राम में एक आईएलएम (I love Music) एकेडमी है, वैसे अब तो वो एकेडमी बंद हो चुकी है।

कोविड में बिजनेस काफी लॉस हुआ। 2019 में वो पीक पर था मैंने तब ज्वाइन किया था, जो हमारे इंस्ट्रूकर सुशांत सर ऑडियो इंजीनियर थे और इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक प्रोड्यूसर भी थे। उन्होंने काफी कॉन्सेप्ट क्लियर किए। मैंने ऑडियो इंजीनियरिंग की, जिससे जो चीजें मिस हो गई थीं, जो डाउट्स थे वो क्लियर हो गए। 

नया प्रोजेक्ट्स करता हूं तो पता तो है ही कि करना है, पर कुछ नया भी इसमें सीखना है 

यूट्यूब की बजाय किसी से व्यक्तिगत सीखना ज्यादा इफेक्टिव होता है। प्रोसेस सिखाते थे कि कैसे गाने मिक्स कर रहे हैं। ऑडियो फील्ड के सभी टेक्निकल टर्म्स सीखी। फिर प्रैक्टिस करता गया। दोस्त के प्रोजेक्ट्स ले लेता था प्रैक्टिस के लिए। सुशांत सर को सुनता था तो वो सजेस्ट देते थे। अब जब भी मैं कोई नया प्रोजेक्ट्स करता हूं तो पता तो है ही के करना है, पर कुछ नया भी इसमें सीखना है। कुछ नया स्किल डिस्कवर करना है। ये प्रोसेस हमेशा चलता रहता हैं। 

अनस्टॉपेबल जर्नी 2019 में रिलीज की थी

ऑडियो इंजीनियरिंग पूरी होने के बाद एक क्रिएटिव एजेंसी में इंटर्नशिप की, जिसमें 5000/- मिलते थे, यहाँ तीन महीने काम किया। ये वो दौर था 19-20 साल के लड़के के लिए पैसा इतना इंपॉर्टेंट नहीं होता उसके लिए इंपॉर्टेंट है लर्निंग एक्सपीरियंस। उन दिनों फॉली साउंड (फॉली आर्टिस्ट), इमोशन के अकॉर्डिंग बैकग्राउंड म्यूजिक आदि बहुत कुछ सीखा, खूब मेहनत की। फिर लॉकडाउन आ गया। उन दिनों Remix बनाए, साउंड क्लाउड पर remix डाले। लेकिन इन्हें सर्कल के ही लोग सुनते थे, फिर थोड़ा और लोग भी सुनने लगे, फिर लोगों ने पहचानना शुरू किया कनेक्शन बढ़े। (अनस्टॉपेबल जर्नी 2019 में रिलीज की थी)

गोली, मारधाड़, कट्टा, ये सब चल ही रहा है, लेकिन मुझे तो था कि 'कुछ अलग करना है'

फिर मन में था कि इलेक्ट्रॉनिक वाइब्स हों, इंडियन टच हो। ऐसा कुछ बनाना है। मन में आया किस रीजनल लैंग्वेज पर काम करूं, तो आइडिया आया हरियाणवी सॉन्ग्स का। गोली, मारधाड़, कट्टा, ये सब चल ही रहा है, लेकिन मुझे तो था कि कुछ अलग करना है। सोलफुल मेलोडी चाहता था। लेकिन लैंग्वेज बैरियर की वजह से मैं नहीं कर पा रहा था, फिर मुझे मोहितो मिला, उसका लेखन अच्छा लगा। मैंने अपना आइडिया शेयर किया। कोई रागनी, पुराना सॉन्ग को तोड़ जोड़ कर री कंपोज किया, मोल्ड किया, वर्ड्स को, तब कितसै (Kitse) बनाया था।

हरियाणा में ऐसा गाना नहीं सुना, फिर एक महीने में एक मिलियन टच कर गया

फरीदाबाद में 2022 साइफर हुआ था, वहां कई आर्टिस्ट मिले, कई चीजें इमेजिनेशन से बाहर की हुई। एक दूसरे को देख प्रेरणा ली। फिर कित सै कंप्लीट किया। स्काई भाई आए उनको सुनाया, बोले जैसे कॉक स्टूडियो का सॉन्ग सुन लिया। कितसैरिलीज होने में 2023 हो गया। इस बीच 2022 में जॉब किया। गुरुग्राम स्टूडियो मुकुल जैन ने ऑफर किया मैं वहां इंटरव्यू में सलेक्ट हुआ। वो दिल्ली एनसीआर के टॉप स्टूडियो में है। वहां कई आर्टिस्ट को रिकॉर्ड किया। घर आने में लेट हो जाता था, आने का, सोने का टाइम नहीं था।

कई तरह का रिस्क रहता था जॉब में, तो पेरेंट्स का भी प्रेशर था कि जॉब टाइम चेंज हो या छोड़ दे,लेकिन इस लाइन में आर्टिस्ट का कोई टाइम नहीं होता। फिर एमसी स्क्वॉयर का फोन आया भाई कितसै, सुना अच्छा लगा। एमसी स्क्वॉयर भाई ने अपनी पर्सनल एकाउंट्स पर उसे डाला, लोग पसंद कर रहे हैं कि हरियाणा में ऐसा गाना नहीं सुना, फिर एक महीने में एक मिलियन टच कर गया। ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी, फिर तो लगा कि कुछ कर सकते है।  NYN ने बताया कि हम इंडिविजुअल आर्टिस्ट है किसी के भी साथ काम कर सकते हैं।

बेहद कम उम्र और कम समय में कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया

हमारे पाठकों ने NYN म्यूज़िक के ये गाने या म्यूज़िक न सुनी हो तो जरूर सुनना, जो एक पीसफुल, साउंड और म्यूजिक है, NYN ने बेहद कम उम्र और कम समय में कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, जिसमें अनस्टॉपेबल जर्नी EP. 2019 में रिलीज की थी, 2023 में कितसै रीलीज़ होने के बाद से अब तक ससुराल गेंदा फूल ट्रैप रीमिक्स, सजना, लोह पथ गामिनी, स्नीक पिक, यंग, बारिशें रीमिक्स, थप्पड़ रीमिक्स, क्यूँ 2.0, मैजिकल शिमर, सेल्वेशन, काइज़ोक्कु को बेहतरीन म्यूज़िक, मिक्सिंग और कम्पोजीशन दिया है और कई प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, उनमें से कुछ बहुत जलब रिलीज़ होने वाले है। NYN हिंदी, इंग्लिश, हरियाणवी भाषा के कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुके हैं और आगे भी उनकी ये जर्नी जारी रहेगी। 

युवाओं और नए आर्टिस्ट के लिए सन्देश

NYN ने कहा कि हर किसी को अपना एक रियलिटी चेक रखना चाहिए, ड्रीम रखो पर समस्या और समाधान के साथ, क्यूंकि ड्रीम को पूरा करने में दिक्क़ते तो आती हैं, पर घबराएं नहीं साथ के साथ सॉलूशन पर ध्यान दें। मिस्टेक हो भी गई है तो कोई नहीं उससे सीखो। NYN ने कहा कि सोलफुल म्यूज़िक सुप्रीम से कनेक्ट करती है। अपने नेक इंटेंशन रखें, उस इंटेंशन से समाज का भला हो उससे न भटकना।

म्यूजिक से सोसाइटी में पॉजिटिविटी फैलाने की कोशिश करो। आजकल के गानों में नशे या गन कल्चर ज्यादा चलन में है, इस पर NYN ने कहा कि मुझे नहीं भाती नशे वाली चीजें। ट्रैक वायरल करने के लिए ये सब डालते है। कहीं न कहीं उनकी जीविका इससे चलती है, ठीक है, पर कोशिश रहे कि अच्छा करें, जो समाज के लिए पॉजिटिव हो। 

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