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The Haryana Story | हरियाणा में इस जिले के 'किसानों' के लिए अच्छी ख़बर, किसानों को प्लॉट देगी सरकार, जानें क्या हैं नियम और शर्तें

हरियाणा में इस जिले के 'किसानों' के लिए अच्छी ख़बर, किसानों को प्लॉट देगी सरकार, जानें क्या हैं नियम और शर्तें

HSIIDC की तरफ से रिसेटलमेंट एंड रिहैबिलिटेशन योजना के तहत पात्र किसानों से आवेदन मांगे

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा के सोनीपत जिले के किसानों के लिए एक गुड न्यूज़ है कि हरियाणा सरकार यहां के किसानों को प्लॉट देने जा रही है। जी हां, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (HSIIDC) की तरफ से रिसेटलमेंट एंड रिहैबिलिटेशन योजना के तहत पात्र लोगों को सरकार प्लॉट देगी।

किसे मिलेगा योजना का लाभ 

इस योजना के तहत हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (HSIIDC) की तरफ से रिसेटलमेंट एंड रिहैबिलिटेशन योजना के तहत पात्र किसानों से आवेदन मांगे गए है। बता दें कि जिनकी किसानों जमीन औद्योगिक प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित हुई है, वही इस योजना के लिए पात्र हैं और सिर्फ उन्हें ही इस योजना का लाभ मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि यह योजना उन सोनीपत जिले के उन 10 किसानों के गांवों के लिए लागू की गई है, जिनकी जमीन खरखौदा में HSIIDC की IMT प्रोजेक्ट्स के लिए अधिग्रहित की गई थी। पात्र किसानों को योजना के अंतर्गत पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन का लाभ मिलेगा, जिसमें आर्थिक सहायता, भूखंड आवंटन या अन्य सुविधाएं शामिल हो सकती हैं।

जानें नियम और शर्तें

इस योजना के तहत पहली शर्त ये है कि किसानों की कुल भूमि का 75 % या उससे ज्यादा हिस्सा अधिग्रहित किया गया है और दूसरी शर्त यह है  कि कम से कम 1 एकड़ जमीन अधिग्रहित होना जरूरी है। अगर कोई किसान इन दोनों में से एक भी शर्त पूरी करता है तो उसे पात्र माना जाएगा।

जल्द से जल्द कार्यालय में जमा कराएं आवेदन पत्र

योजना के लाभ के लिए पात्र किसान अपने डॉक्यूमेंट्स के साथ निर्धारित प्रारूप में जल्द से जल्द कार्यालय में आवेदन पत्र जमा कराएं। आवेदन की आखिरी तारीख 30 अप्रैल है, इसलिए पात्र वहीं आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट निगम कार्यालय के बाहर के बाहर से प्राप्त कर सकते हैं। दस्तावेजों के साथ विहित प्रपत्र पर किसान आवेदन कर सकते हैं। नगर निगम ने किसानों से अपील की कि जल्द से जल्द कार्यालय में आवेदन पत्र जमा कराएं।

वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए आइएमटी खरखौदा, एस्टेट मैनेजर नरेश रोहिल्ला ने बताया कि योजना के तहत एचएसआइआइडीसी का उद्देश्य किसानों को उनकी अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा और पुनर्वास देना है, ताकि वे भविष्य की दिशा में आत्मनिर्भर रह सकें। इसी के तहत आरएंडआर योजना के तहत आवेदन मांगे गए हैं।

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