
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में वीरवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का नाम बदलकर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा करने को स्वीकृति प्रदान की गई। यह निर्णय ब्यूरो की बढ़ती भूमिका और जिम्मेदारियों की व्यापक समीक्षा के बाद लिया गया। संशोधित नाम-राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, हरियाणा -ब्यूरो के दोहरे फोकस को बेहतर ढंग से दर्शाता है-भ्रष्टाचार से निपटना और प्रशासनिक ढांचे के भीतर सतर्कता सुनिश्चित करना।
ब्यूरो की जिम्मेदारी केवल भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों से कहीं अधिक
ब्यूरो की जिम्मेदारी केवल भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों से कहीं अधिक है। इसमें व्यापक सतर्कता ढांचा भी शामिल है। सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक का संयुक्त नामकरण इसके कार्यों के पूर्ण दायरे को दर्शाता है, जिसमें विभिन्न सरकारी विभागों में कदाचार, भ्रष्टाचार और पारदर्शिता के मुद्दों की जांच शामिल है। अन्य राज्यों में इसी तरह की एजेंसियों के नामकरण की समीक्षा से पता चला कि हिमाचल प्रदेश, केरल और मणिपुर सहित कई राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जैसे शीर्षक का उपयोग करते हैं। हरियाणा ब्यूरो का नाम बदलकर समान शीर्षक रखने का उद्देश्य राज्य को राष्ट्रीय रुझानों के साथ जोड़ना है, जिससे पूरे देशभर में अधिक एकरूपता और स्थिरता को बढ़ावा देना है।
अधिनियम, 1975 की धारा 7सी में संशोधन को मंजूरी दी गई
प्रस्तावित नामकरण ब्यूरो की विभिन्न परिचालन शाखाओं के बीच तालमेल को भी बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करता है, जिससे भ्रष्टाचार, कदाचार और प्रशासनिक अकुशलता से निपटने में भूमिकाओं का स्पष्ट चित्रण किया जा सकेगा। बैठक में हरियाणा विधानसभा (सदस्यों का वेतन, भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1975 की धारा 7सी में संशोधन को मंजूरी दी गई। यह संशोधन इस अधिनियम के अंतर्गत पेंशन के हकदार व्यक्तियों के लिए विशेष यात्रा भत्ते से संबंधित है।
हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी
संशोधन में 1,00,000 रुपये की पिछली सीमा को हटा दिया गया है तथा यह प्रावधान किया गया है कि हरियाणा विधान सभा (सदस्यों का वेतन, भत्ते और पेंशन) अधिनियम, 1975 के अंतर्गत पेंशन के हकदार प्रत्येक व्यक्ति को भारत में कहीं भी स्वयं या उसके परिवार के सदस्यों द्वारा की जाने वाली यात्रा के लिए 10,000 रुपये प्रति माह का विशेष यात्रा भत्ता मिलना जारी रहेगा। हरियाणा में ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को मिलेगा प्रतिपूरक अवकाश, मंत्रीमंडल ने दी मंजूरी बैठक में ग्रुप सी और ग्रुप डी के सरकारी नियमित कर्मचारियों के लिए प्रतिपूरक अवकाश प्रदान करने का प्रावधान करने के लिए हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
एक नया नियम 77ए जोड़ा गया
संशोधन के अनुसार ग्रुप सी और ग्रुप डी के नियमित कर्मचारियों को प्रतिपूरक अवकाश प्रदान करने का प्रावधान किया गया है, जिसमें एक नया नियम 77ए जोड़ा गया है। इस नियम के तहत कर्मचारी यदि अधिसूचित अवकाश पर आधिकारिक ड्यूटी करते हैं, तो वे प्रतिपूरक अवकाश के हकदार होंगे। यह प्रतिपूरक अवकाश ड्यूटी किए जाने के एक महीने के भीतर लिया जाना चाहिए, अन्यथा यह समाप्त हो जाएगा। यह अवकाश संबंधित छुट्टियों और स्टेशन अवकाश के साथ लिया जा सकता है, हालांकि किसी भी परिस्थिति में कुल अवकाश अवधि 16 दिनों से अधिक नहीं होगी।
यदि कोई कर्मचारी एक महीने की अवधि के भीतर प्रतिपूरक अवकाश के लिए आवेदन करता है और स्वीकृति प्राधिकारी अनुरोध को अस्वीकार कर देता है, तो अगले 15 दिनों के भीतर छुट्टी का लाभ उठाया जा सकता है, अन्यथा छुट्टी समाप्त मानी जाएगी। इसके अलावा यदि उसी दिन के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया गया है या प्रस्तावित है तो प्रतिपूरक अवकाश प्रदान नहीं किया जाएगा।
नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी
हरियाणा मंत्रिमंडल ने कर्मचारी भत्ता नियमों में संशोधन को दी मंजूरी बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (सरकारी कर्मचारियों को भत्ते) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। संशोधन के अनुसार, सेवा के दौरान किसी सरकारी कर्मचारी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने पर मृतक कर्मचारी के परिवार को कर्मचारी की मृत्यु से पहले से मिल रहा आवास भत्ता दो वर्ष की अवधि के लिए मिलता रहेगा।
इसके अलावा वैकल्पिक रूप से, परिवार सामान्य लाइसेंस शुल्क का भुगतान करके दो वर्ष की अवधि के लिए सरकारी आवास को बरकरार रख सकता है। संशोधन में ये भी स्पष्ट किया गया है कि यदि मृतक कर्मचारी का परिवार दो वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले स्वेच्छा से सरकारी आवास खाली कर देता है, तो शेष अवधि के लिए कोई मकान किराया भत्ता नहीं मिलेगा।
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