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The Haryana Story | नमी की मात्रा धान खरीद की राह में रोड़ा, दर्जनों ढेरियों हुई रिजेक्ट, किसान इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर अड़े

नमी की मात्रा धान खरीद की राह में रोड़ा, दर्जनों ढेरियों हुई रिजेक्ट, किसान इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर अड़े

पांच दिन इंतजार के बाद महज 50 क्विंटल पीआर धान की सरकारी खरीद

सरकार की घोषणा के पांचवें दिन करनाल अनाज मंडी में पीआर धान की खरीद शुरु कर दी गई है। शुक्रवार को मार्केट कमेटी सचिव और खरीद एजेंसियों के अधिकारी मंडी पहुंचे और धान की ढेरियों पर नमी की जांच करने के बाद खरीद प्रक्रिया प्रारंभ की। मंडी सचिव आशा रानी ने कहा कि निर्धारित मानक पूरे होने पर फसल की खरीद की जाएगी, आढ़तियों की डिजिटल कांटे लगाने के निर्देश भी दे दिए है।

नमी की वजह से अधिकांश ढेरियों को सुखाने को कहा गया

बता दें कि किसान संगठनों के प्रदर्शन के बाद मंडी प्रशासन हरकत में आया और खरीद एजेंसियों के अधिकारी — फूड एंड सप्लाई, हरियाणा वेयरहाउस कॉर्पोरेशन और हैफेड (HAFED) — मॉइश्चर मीटर लेकर मंडी पहुंचे। उन्होंने ढेरियों की जांच की तो अधिकतर ढेरियों में नमी की मात्रा 20 से 22 प्रतिशत पाई गई, जबकि सरकार ने 17 प्रतिशत नमी निर्धारित की गई है। नमी की वजह से अधिकांश ढेरियों को सुखाने को कहा गया है । मार्केट कमेटी सचिव आशा रानी ने बताया कि फसल की खरीद केवल तभी की जाएगी जब वह सरकार द्वारा तय मानकों के अनुरूप होगी।

आढ़तियों को इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगाने के आदेश जारी कर दिए गए

उन्होंने कहा कि आढ़तियों को इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही किसानों की सुविधा के लिए मंडी में वाटर कूलर, साफ-सफाई, शौचालय और सभी गेटों पर सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की गई है।सचिव ने बताया कि पंद्रह से अधिक ढेरियों की जांच के बाद केवल एक किसान की फसल में नमी मानक के अनुरूप मिली, जिसे खरीद एजेंसी ने खरीद लिया। जिन किसानों की फसल में नमी अधिक पाई गई, उन्हें धान सुखाने की सलाह दी गई।

जैसे-जैसे किसान अपनी फसल को सुखाकर लाएंगे, मानक अनुसार उसकी खरीद की जाएगी

मार्केट कमेटी सचिव आशा रानी ने  बताया कि अब तक मंडी में 15318  क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। जिसमें  7178 क्विंटल पीआर धान शुक्रवार को आई है। शुक्रवार को 50 क्विंटल धान की खरीद हो पाई है। जैसे-जैसे किसान अपनी फसल को सुखाकर लाएंगे, मानक अनुसार उसकी खरीद की जाएगी। फूड एंड सप्लाई इंस्पेक्टर समीर वशिष्ठ ने कहा कि इस समय धान में नमी की मात्रा अधिक है। सरकार ने 17 प्रतिशत नमी का मानक तय किया है, लेकिन जांच में अधिकतर ढेरियों में नमी 20 प्रतिशत से ऊपर मिली। इसलिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसल को सुखाकर लाएं। उन्होंने यह भी बताया कि चावल मिलों का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) चल रहा है और जल्द ही राइस मिलर्स द्वारा उठान (लिफ्टिंग) भी शुरू कर दिया जाएगा।

खराब मौसम के कारण उत्पादन 4 से 5 क्विंटल प्रति एकड़ तक घटा

वहीं किसानों का कहना है कि वे मंडी में धान लेकर आए हैं, लेकिन नमी अधिक होने के कारण उनकी फसल की खरीद नहीं हुई। किसानों ने बताया कि इस बार खराब मौसम के कारण उत्पादन 4 से 5 क्विंटल प्रति एकड़ तक घटा है। उनका कहना है कि मौसम की मार से उत्पादन लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है।

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