हरियाणा के सूरजकुंड में चल रहा दीवाली मेला आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी मेला की थीम के साथ लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इस मेले में रसोई में प्रयोग होने वाले विभिन्न तरह के चटपटे और स्वाद से भरपूर मसाले लेकर झज्जर के ग्राम संगठन की महिलाएं भी पहुंची हैं। एसडी शुद्ध मसाला के नाम से मेले में लगाए गए स्टॉल पर घर के बनाए बिना मिलावट के विभिन्न प्रकार के मसाले उपलब्ध हैं। ग्रामीण महिला गृह उद्योग एवं उजाला महिला ग्राम संगठन की संचालिका कमला ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में 10 महिलाओं के साथ मिलकर स्वयं सहायता समूह बनाया था।
घर से तैयार किए जाने वाले विभिन्न तरह के मसाले लोगों को खूब पसंद आए
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ग्रामीण महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू किए गए हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर एक लाख रुपए का लोन लेकर मसालों को तैयार करने का कार्य शुरू किया था। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा घर से तैयार किए जाने वाले विभिन्न तरह के मसाले लोगों को खूब पसंद आए। इसके बाद उन्होंने गांव के दो और समूह के साथ मिलकर तीन समूहों का ग्राम संगठन बना लिया। संगठन के द्वारा एसडी शुद्ध मसाला के नाम से व्यापार शुरू किया गया है। उनके द्वारा तैयार किए गर्म मसाले, हल्दी, कम तीखी और चटपटी मिर्च, सौंफ के पैकेट, सेंधा नमक समेत अन्य प्रकार के मसाले लोगों को बहुत पसंद आते हैं।
मसाले बिना मिलावट के पूरी तरह से शुद्ध
ये सभी मसाले बिना मिलावट के पूरी तरह से शुद्ध होते हैं जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पूरी तरह से स्वास्थ्यवर्धक भी होते हैं। उन्होंने बताया कि वे सूरजकुंड में दूसरी बार आई है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर मौका देने के लिए उनका संगठन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा का आभार व्यक्त करता हैं। कमला ने बताया कि उनके संगठन द्वारा तैयार किए बाजरे के लड्डू जहां स्वाद से भरपूर हैं वहीं शुगर फ्री होने से शुगर के मरीजों के लिए लाभकारी भी हैं।
लौट चले गांव के ओर....
इसके साथ ही लौट चले गांव के ओर, यानी भारतीय परंपराओं और वैदिक जीवनशैली को फिर से अपनाने के उद्देश्य से इस बार एक्टिव वैदिक उद्योग के स्टॉल विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सूरजकुंड दिवाली मेला में स्टॉल नंबर 252 पर आगंतुकों को वैदिक पद्धति से तैयार किए गए ठंडा आटा, मल्टी ग्रेन आटा, मिलेट का आटा, और कोल्हू से निकला तेल एवं शुद्ध मसाले उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
यह सभी उत्पाद न सिर्फ स्वाद में लाजवाब हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी हैं। एक्टिव वैदिक उद्योग का मानना है कि प्राकृतिक और वैदिक पद्धति से बने आहार न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं बल्कि गांव और परंपरागत पद्धतियों से जुड़ाव भी कराते हैं। मेले में बड़ी संख्या में लोग इन उत्पादों को पसंद कर रहे हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए इनकी खरीदारी कर रहे हैं।
related
किसान नेता धान घोटाले पर उठा रहे सवाल, भाकियू प्रदेश अध्यक्ष बोले - राजनितिक संरक्षण में धान घोटाले की जाँच निंदनीय
करनाल मंडी प्रशासन धान को यूपी का बताकर नहीं दे रहा मंडी में एंट्री, किसानों ने जमकर किया हंगामा