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हरियाणा के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री नाराज: प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाए आरोप

हरियाणा के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री नाराज: प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाए आरोप

अफसरशाही की बेरुखी से खफा खट्टर-सैनी, वोटरों और कार्यकर्ताओं के प्रति नाकारात्मक रवैये का आरोप; सिरसा और रोहतक में बोगस वोटिंग की जांच के आदेश, दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की चेतावनी

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अफसरशाही से नाराज हैं। उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान कई जगह मनमानी की और विरोधियों की मदद की। दोनों नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर अफसर ठीक से काम नहीं करेंगे तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। सिरसा और रोहतक जिलों में बोगस वोटिंग की जांच के भी आदेश दिए गए हैं। 

हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ आया है। मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अफसरशाही से नाराज चल रहे हैं। दोनों नेता लगातार अधिकारियों को निशाने पर ले रहे हैं और उन्हें चेतावनी भी दे रहे हैं कि अगर वे ठीक से काम नहीं किया तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। 

नाराजगी के पीछे तीन मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।

1. निर्दलीय विधायकों के समर्थन का इनपुट नहीं देना 

जब मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तो नायब सैनी नए मुख्यमंत्री बने। इससे पहले जेजेपा का समर्थन लेकर भाजपा सरकार चल रही थी। जेजेपा से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने 5 निर्दलीय विधायकों का समर्थन लिया। हाल ही में 3 निर्दलीयों ने सरकार से नाराजगी जताई और कांग्रेस का समर्थन कर दिया। लेकिन इसका कोई भी इनपुट सूबे की खुफिया एजेंसियों ने नहीं दिया। 

2. विरोधियों की मदद करने का आरोप

लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ अधिकारियों पर विरोधियों खासकर कांग्रेस और जेजेपा को मदद करने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक इसी वजह से पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर नाराज हैं। 

3. फील्ड में नकारात्मक रवैया

भाजपा के कार्यकर्ताओं और आम लोगों के प्रति अधिकारियों का रवैया नकारात्मक बताया जा रहा है। इससे चुनाव प्रचार में कई बार असहज स्थिति बनी। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शिकायत देने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री का बयान 

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि अफसरों की मनमानी अब नहीं चलने दी जाएगी। जिन अफसरों ने चुनाव में अपनी मनमानी की है, उनकी लिस्ट तलब कर ली गई है। 4 जून के बाद इस पर फैसला होगा। अफसर की निष्पक्ष छवि होनी चाहिए न कि किसी एक व्यक्ति के लिए काम करना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री की चेतावनी

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा। इसका मतलब था कि चुनाव के बाद वे अधिकारियों से लेना-देना चुकाएंगे। 

मनोहर लाल ने बोगस वोटिंग के मामलों पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि रोहतक, सिरसा और अन्य जिलों से बोगस वोटिंग के मामले आ रहे हैं। यह काफी गंभीर विषय है, इसलिए इसकी जांच करवाई जाएगी। बोगस वोटिंग में शामिल कर्मचारियों को भी सेवा से बाहर किया जाएगा। 

लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्रवाई 

मनोहर लाल ने कहा कि चार लोगों की लापरवाही से 25,000 लोगों की पेंशन रुकवा दी गई। इसके लिए अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। 4 जून के बाद इन लोगों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के तहत कोई भी पार्टी वोटरों को परेशान नहीं कर सकती। इसलिए 4 जून के बाद जब आचार संहिता हट जाएगी, तब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। 

जातीय राजनीति पर लगाम

पूर्व मुख्यमंत्री का मानना है कि इस बार जातिगत राजनीति बहुत कम हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अभी भी पूर्ण बहुमत में है। 4 जून को 41 विधायक हो जाएंगे। उन्होंने दावा किया कि जेजेपी के 2 विधायक, हरियाणा लोकहित पार्टी (हिलोपा) का 1 विधायक और 3 निर्दलीय विधायक उनके साथ हैं, इस तरह उनके पास 88 में से 45 विधायक हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है और यह अपना कार्यकाल पूरा करेगी। 

किसानों की परेशानी का दावा खारिज

चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने किसानों की परेशानियों का मुद्दा उठाया था। लेकिन मनोहर लाल का कहना है कि हरियाणा में किसान परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से किसान खुश हैं। पंजाब से लगे कुछ जिलों में थोड़ा विरोध हुआ लेकिन वहां भी लोग किसानों का मुखौटा ओढ़कर विरोध कर रहे थे। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाएगी।

पानी की समस्या का मामला

हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गर्मी के मौसम में पानी न देने के लिए हरियाणा पर निशाना साधा था। इस पर मनोहर ने कहा कि दिल्ली को जितने पानी की जरूरत है, उतना पानी हम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरपंचों की कार्यप्रणाली में भी कुछ परिवर्तन किए गए हैं और उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा।

वोटिंग प्रतिशत पर टिप्पणी

लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव से 4% कम रहा। मनोहर लाल ने कहा कि चुनावी विश्लेषकों ने इसे भाजपा के पक्ष में बताया है। उनका दावा है कि उनकी पार्टी सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी, हालांकि रोहतक और सिरसा में उनका अंतर कम रहेगा। 

विपक्ष पर हमला 

मनोहर लाल ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष में बहुत मतभेद हैं और उनके पास कोई एक नेता नहीं है। वे आपस में लड़ रहे हैं। हालांकि कुछ राज्यों में विपक्षी गठबंधन मिलकर लड़ा है, तो कहीं आमने-सामने भी रहे। लेकिन उनका कहना है कि राजग ने सभी राज्यों में मिलकर चुनाव लड़ा है और सभी जानते हैं कि इसमें कौन-कौन से दल शामिल हैं। 

राष्ट्रीय मुद्दों पर भाजपा का रुख

पूर्व मुख्यमंत्री का मानना है कि देश की जनता जानती है कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है और दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ा है। उनका आरोप है कि इंडिया गठबंधन को नहीं पता कि किसे प्रधानमंत्री बनाना है।

मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस लोगों को राम जन्मभूमि और धारा 370 के नाम से डरा रही थी। उनका दावा है कि मोदी सरकार ने राम मंदिर का निर्माण कराया, धारा 370 हटाई और तीन तलाक पर लगाम लगाई, लेकिन कहीं भी कोई बवाल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विकास हो रहा है, लेकिन कांग्रेस मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में देखती है और उनके लिए काम करती है। उनका आरोप है कि कांग्रेस ओबीसी का आरक्षण मुसलमानों को देना चाहती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा नहीं होने देंगे।

इस तरह मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दोनों ही अधिकारियों की आलोचना कर रहे हैं। प्रतीत होता है कि चुनाव के बाद वे सख्त रुख अपनाएंगे। दोनों नेताओं की नाराजगी से अफसरशाही में भी खलबली मची हुई है।

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