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किसान और मजदूरों की दुआओं में शामिल हरियाणा सरकार

किसान और मजदूरों की दुआओं में शामिल हरियाणा सरकार

किसान एवं खेतिहर जीवन सुरक्षा योजना में आयु सीमा हटाई गई, अब 10 साल से कम उम्र के बच्चे भी पा सकेंगे लाभ, मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण पहल।  

प्रतीकात्मक तस्वीर

हरियाणा सरकार ने किसानों और खेत मजदूरों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना में आयु सीमा को समाप्त कर दिया है। इस फैसले से अब 10 साल से कम उम्र के बच्चे और 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

मजदूरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री नायब सिंह की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई एक बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कंवर पाल भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मजदूरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

खेत मजदूरी के दौरान मृत्यु या घायल होने पर मिलेगा मुआवजा इस योजना के तहत किसानों, खेत मजदूरों और मंडियों में काम करने वाले मजदूरों को उनकी खेत मजदूरी के दौरान कृषि मशीनरी से होने वाली दुर्घटनाओं में मृत्यु या अंगहानि के मामले में 37,500 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। 

अटल मजदूर कैंटीन का विस्तार 

बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा प्रदेश की 40 मंडियों में अटल मजदूर कैंटीन चलाई जा रही हैं। इन कैंटीनों में किसी भी नागरिक, विशेष रूप से किसान और मजदूर, सिर्फ 10 रुपये में भरपेट भोजन कर सकते हैं। पहले ये कैंटीन सिर्फ सीजन के दौरान ही चलती थीं, लेकिन पिछले 4 महीनों से अब ये पूरे साल चलाई जा रही हैं।

गति शक्ति की तर्ज पर होगा विकास कार्य

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जमीन की उपलब्धता न होने या अन्य विभागों से मंजूरी न मिलने की वजह से कई विकास परियोजनाएं देरी से क्रियान्वित होती हैं। ऐसे सभी मामलों के समाधान के लिए केंद्र सरकार की पीएम गति शक्ति योजना की तर्ज पर प्रदेश में भी 'हरियाणा गति शक्ति' बनाई जाएगी। इसके तहत सभी विभागों को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा, ताकि जिन परियोजनाओं में एक से ज्यादा विभाग शामिल हैं, उनका त्वरित समाधान किया जा सके। जिला स्तर के मुद्दों को भी हरियाणा गति शक्ति के तहत सुना और निपटाया जाएगा।

खेतों तक पहुंच आसान होगी

बैठक में यह भी बताया गया कि प्रदेश में खेतों को जाने वाले अधिकतर 5 करम के रास्तों को पक्का कर दिया गया है। जहां इन रास्तों की चौड़ाई कम है, वहां लगभग 490 किलोमीटर लंबाई के रास्ते बचे हुए हैं, जिन्हें भी जल्द पक्का किया जाएगा। साथ ही, मंडी बोर्ड की खराब सड़कों की भी विशेष मरम्मत कराई जाएगी। इसके लिए 10 दिनों में टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी विकास परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जाए। किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस पहल से साफ है कि हरियाणा सरकार किसानों और मजदूरों की भलाई के प्रति गंभीर है।

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