हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की भर्तियों पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस मामले की सुनवाई करेगा।
सरकार ने मांगा समय, कोर्ट ने दी आगामी सुनवाई की तारीख
हरियाणा सरकार की भर्तियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई की। सरकार की ओर से कहा गया कि मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी जाए क्योंकि दो अन्य याचिकाएं भी शामिल की गई हैं। जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि सभी याचिकाओं को एक साथ सूचीबद्ध करके सोमवार के लिए डेट तय कर दी गई है।
हाईकोर्ट ने क्यों किया था भर्ती प्रक्रिया को असंवैधानिक करार दिया?
हाईकोर्ट ने कहा था कि सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण देना प्रकार से आरक्षण देने जैसा है। जब आर्थिक पिछड़ा वर्ग के तहत राज्य सरकार ने आरक्षण का लाभ दिया है तो यह आर्टिफिशियल श्रेणी बनाने का कोई औचित्य नहीं है। इसके अलावा, सीईटी में 5 अंकों और भर्ती परीक्षा में 2.5 अंकों का लाभ देना भर्ती का परिणाम बदल देगा। इन अंकों का फायदा केवल पीपीपी धारकों को देना संविधान के अनुसार सही नहीं है।
हाईकोर्ट के क्या थे निर्देश?
हाईकोर्ट ने सभी पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगने और 6 माह के भीतर भर्ती पूरी करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही नियुक्ति पा चुके 23,000 कर्मचारियों को नए सिरे आयोजित होने वाली भर्ती पूरी होने तक सेवा में बनाए रखने का भी आदेश दिया था। यदि वे दोबारा आयोजित परीक्षा में पास नहीं होते हैं तो उन्हें बर्खास्त करने का भी निर्देश दिया गया था।
इस मामले में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्रुप सी और डी के लिए कुल 401 श्रेणियों की भर्ती निकाली थी। इनमें से ग्रुप सी के 10,000 और ग्रुप डी के 13,000 पदों पर अंतिम परिणाम जारी करने के बाद नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। हाईकोर्ट के आदेश के एक हिस्से में आयोग को परीक्षा आयोजन के लिए नियम बनाने और एक अनुभवी व्यक्ति को सचिव नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है।
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